सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Bihar ›   Patna News ›   know bihar vidhan sabha seats partywise before bihar election 2025 Bihar Assembly Elections 2025

Bihar Election: चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले देखें बिहार विधानसभा में किसके कितने विधायक; कैसे बदला गणित

न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण Updated Thu, 06 Nov 2025 05:00 AM IST
सार

Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव के पहले चरण मतदान गुरुवार सुबह 7 बजे से शुरू होगा। वोट डालने के लिए निकलने वाले हैं तो चुनाव से पहले जानें, बिहार विधानसभा में अभी किस दल-गठबंधन के पास कितने विधायक हैं?

विज्ञापन
know bihar vidhan sabha seats partywise before bihar election 2025 Bihar Assembly Elections 2025
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहले चरण का मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो रहा है। 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर पहले चरण में मतदान होना है। शेष 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान 11 नवंबर को होगा और मतगणना-परिणाम की तारीख 14 नवंबर है। पहले चरण में बिहार की छह विधानसभा क्षेत्रों के 2135 मतदान केंद्रों पर शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी, बाकी जगह 6 बजे तक मतदान होगा। मतदान के लिए निकलने की तैयारी में हैं तो यह भी जान लें कि एक चुनाव के बाद तीन बार सरकार देखने वाले राज्य में बिहार चुनाव 2025 से पहले किस दल-गठबंधन के पास कितने विधायक हैं?

Trending Videos


भाजपा की 74 सीट से बढ़कर 80 हो गई
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा को 74 सीटों पर जीत हुई थी। इसके बाद उप चुनाव में भाजपा ने राजद की कुढ़नी विधानसभा सीट पर कब्जा कर लिया। उस चुनाव में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी एनडीए के साथ थी। भाजपा ने वीआईपी के तीन विधायकों को अपनी पार्टी में मिला लिया। इस तरह भाजपा के विधायकों की संख्या 78 हो गई थी। लोकसभा चुनाव में राजद के रामगढ़ विधायक और भाकपा-माले के तरारी विधायक सांसद बने तो बिहार विधानसभा की इन दो खाली सीटों के लिए 2024 में उप चुनाव हुआ, जिसमें दोनों सीटें भाजपा ने अपने खाते में कर अपनी संख्या 80 कर ली।

विज्ञापन
विज्ञापन

जदयू ने 43 सीट से बढ़ाकर 45 कर लिया
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड को महज 43 सीटें मिली, इस वजह से जदयू उतरकर तीसरे नंबर पर आ गई थी। दरअसल जदयू 43 सीट जीतकर लायी, लेकिन इसने बसपा और लोजपा के इकलौते विधायक को अपनी पार्टी में शामिल कराने के बाद अब जदयू के पास 45 विधायक हो गए थे। लेकिन, नवंबर 2020 में जनादेश से बनी एनडीए सरकार के बाद बीच में आई महागठबंधन सरकार फरवरी 2024 में गई तो जदयू को एक सीट का नुकसान हो गया। मुख्यमंत्री वापस राजग में आए तो फ्लोर टेस्ट हुआ, जिसमें पूर्णिया के रूपौली की तत्कालीन जदयू विधायक बीमा भारती जदयू को छोड़कर राजद का दामन थाम लिया। उससे जदयू के विधायकों की संख्या घटकर 44 हो गई। बीमा भारती के राजद में शामिल होने के बाद रूपौली सीट जदयू के हाथ से निकल गई। रूपौली सीट से निर्दलीय शंकर सिंह जीते थे, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आस्था थी, हालांकि यह अलग बात यह है निर्दलीय शंकर सिंह अभी जदयू में नहीं हैं। उप चुनाव 2024 में बेलागंज सीट राजद से छीनकर जदयू ने अपनी संख्या वापस 45 कर ली थी। इस तरह अब तक अभी यही स्थिति है। 

राजद 75 सीट जीतकर भी आ गई 69 पर
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनता दल को 75 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। फिर जब उप चुनाव हुआ तब राजद अपनी कुढ़नी सीट हार गई। इस तरह राजद की एक सीट कम हो गई। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के बोचहां विधायक के निधन से खाली हुई सीट उप चुनाव में उसने जीत हासिल कर अपने विधायकों की संख्या वापस 75 कर ली। फिर, तेजस्वी यादव ने असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के पांच में से चार विधायकों को राजद में मिला लिया। इस तरह राजद की संख्या अब 79 हो गई। फिर बेलागंज और रामगढ़ विधायकों के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद इन दोनों सीटों पर 2024 में उप चुनाव हुआ, जिसमें राजद की इनदोनों सीटों पर हार हो गई। इसक तरह राजद की सीट बढ़कर 77 हो गई।

दो विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस की ताकत 17 विधायक पर अटकी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पिछले साल 12 फरवरी को जब बिहार में एनडीए सरकार ने जनादेश 2020 की वापसी की तो फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस के दो विधायकों सिद्धार्थ सौरव और मुरारी गौतम ने पार्टी बदल ली थी। इस तरह कांग्रेस के पास 19-2=17 विधायक ही हैं।

वामदल एक सीट के नुकसान पर अब है 15 विधायकों की ताकत
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाकपा माले ने 12 सीटों पर हीत हासिल हुई थी, लेकिन मनोज मंजिल की सदस्यता उम्रकैद की सजा घोषित होने के बाद रद्द कर दी गई थी। उनकी सीट के लिए फिर उप चुनाव हुआ, जिसमें भाकपा-माले ने शिव प्रकाश रंजन को उम्मीदवार बनाया। परिणाम भाकपा-माले के पक्ष में आया और इस तरह मनोज मंजिल के जाने के बाद भी की यह सीट वामदल के पास ही सुरक्षित रह गई। फिर लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें तरारी विधायक सुदामा प्रसाद सांसद बने। तरारी सीट खाली होने के बाद फिर उप चुनाव हुआ, जिसमें इस सीट पर भाजपा ने कब्ज़ा कर लिया। इस तरह भाकपा-माले की संख्या 12-1=11 हो गई। इससे अलग, सीपीआई-एम के दो और सीपीआई के दो विधायक बने थे। यह चारों कायम हैं।

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-ने अपनी जीती 4 सीट सुरक्षित रखी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा- सेक्युलर के चार विधायक जीते थे। जीतन राम मांझी लोकसभा चुनाव में उतर खुद सांसद बन गए। उनके विधान सभा की सीट खाली होने पर फिर उप चुनाव हुआ, जिसमें उनकी इमामगंज सीट बहू दीपा मांझी ने वापस जीत ली। इस तरह विधानसभा में हम-से के चार विधायक ही हैं।

AIMIM: राजद की घुसपैठ करने के बाद चार से घटकर एक बची
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के चार विधायकों ने जीत हासिल की थी, लेकिन राजद ने उनके तीन विधायकों को राजद में मिला लिया। इस तरह AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान इकलौते AIMIM विधायक के रूप में बचे हुए हैं।

वीआईपी चार जीतने के बाद भी हो गया शून्य
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजग के साथ रहे मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के चार विधायक जीते थे। लेकिन इसी बीच एक विधायक की मौत हो गई जिसके बाद उप चुनाव हुआ, जिसमें इस सीट पर राजद ने कब्ज़ा कर लिया। वहीं बाकी के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इस तरह वीआइपी के चार सीट जितने के बाद भी विधायक की संख्या-शून्य पर आकर अटक गई।

लोजपा: एक ही जीते, वह भी नहीं रहे साथबिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजग से बगावत करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने 135 सीट पर अपनी दावेदारी की थी, जिसमें 110 सीटों पर जमानत जब्त हो गया। 24 सीटों पर करारी हार हुई, यानी सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई। हालांकि वह फिर जदयू में शामिल हो गए। इस तरह लोजपा के कोई विधायक बिहार विधानसभा में नहीं है।

दो निर्दलीय जीत कर हो गए सत्ता के साथ
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में निर्दलीय सुमित सिंह और रूपौली उप चुनाव में बीमा भारती की सीट से निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह की जीत हुई थी। सुमित सिंह जदयू कोटे में मंत्री हुए, जबकि निर्दलीय शंकर सिंह भी सरकार के साथ नजर आते हैं।

 

 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed