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Bihar News: प्रशांत किशोर का बिहार-बंगाल की दोनों सूचियों में नाम दर्ज, EC ने नोटिस भेजा; पार्टी ने किया खंडन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Tue, 28 Oct 2025 02:16 PM IST
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सार
Bihar Election: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है। पश्चिम बंगाल में उनका नाम कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के 121, कालीघाट रोड पर दर्ज है, जो टीएमसी मुख्यालय का पता है।
प्रशांत किशोर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल, दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है। यह जानकारी एक चुनाव अधिकारी ने मंगलवार को दी। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में मैदान में है।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, किशोर का नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के 121, कालीघाट रोड पते पर दर्ज है, जो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मुख्यालय का पता है। यह वही सीट है, जहां से मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी चुनाव लड़ती हैं।
चुनाव अधिकारी ने बताया कि उनका मतदान केंद्र बी रानीशंकारी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल में दर्ज है।” गौरतलब है कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान प्रशांत किशोर टीएमसी के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। मामले को देखते हुए चुनाव आयोग ने पीके को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
अधिकारी ने आगे बताया कि बिहार में किशोर का नाम रोहतास जिले के सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत करगहर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज है, जहां उनका मतदान केंद्र मध्य विद्यालय, कोनार है। इस मामले पर बात करते हुए चुनाव अधिकारी ने बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के तहत किसी भी व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज नहीं किया जा सकता।
ये भी पढ़ें: Chhath Puja: सीएम नीतीश समेत लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य, बिहार के घाटों पर उमड़ी भीड़
उन्होंने आगे कहा, “धारा 18 के तहत एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक व्यक्ति का नाम दो बार दर्ज करना भी निषिद्ध है। मतदाताओं को निवास स्थान बदलने पर अपना नाम स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म 8 भरना आवश्यक होता है।” चुनाव आयोग (ईसी) ने स्वीकार किया है कि मतदाता सूची में दोहराव की समस्या एक आम मुद्दा है। यही कारण है कि आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया शुरू की। बिहार में शुरू हुई यह प्रक्रिया 30 सितंबर को अद्यतन मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ पूरी हुई, जिसमें लगभग 68.66 लाख प्रविष्टियां हटाई गईं। इनमें करीब सात लाख ऐसे मामले थे, जिनमें मतदाता विभिन्न स्थानों पर दो बार दर्ज पाए गए थे।
जनसुराज ने किया खंडन
दो वोटर कार्ड होने को लेकर उठे विवाद पर जन सुराज पार्टी ने सफाई दी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता विनोद तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर का नाम केवल बिहार के रोहतास जिले के पैतृक गांव कोनार में ही दर्ज है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल वाले वोटर कार्ड को प्रशांत किशोर ने पहले ही रद्द करवा दिया था, जिसकी रसीद चुनाव आयोग से प्राप्त की गई थी। प्रवक्ता ने कहा कि यह भ्रम चुनाव आयोग की तकनीकी त्रुटि के कारण फैला है, और प्रशांत किशोर का नाम किसी अन्य जगह मतदाता सूची में नहीं है।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, किशोर का नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के 121, कालीघाट रोड पते पर दर्ज है, जो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मुख्यालय का पता है। यह वही सीट है, जहां से मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी चुनाव लड़ती हैं।
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चुनाव अधिकारी ने बताया कि उनका मतदान केंद्र बी रानीशंकारी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल में दर्ज है।” गौरतलब है कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान प्रशांत किशोर टीएमसी के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। मामले को देखते हुए चुनाव आयोग ने पीके को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
अधिकारी ने आगे बताया कि बिहार में किशोर का नाम रोहतास जिले के सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत करगहर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज है, जहां उनका मतदान केंद्र मध्य विद्यालय, कोनार है। इस मामले पर बात करते हुए चुनाव अधिकारी ने बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के तहत किसी भी व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज नहीं किया जा सकता।
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उन्होंने आगे कहा, “धारा 18 के तहत एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक व्यक्ति का नाम दो बार दर्ज करना भी निषिद्ध है। मतदाताओं को निवास स्थान बदलने पर अपना नाम स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म 8 भरना आवश्यक होता है।” चुनाव आयोग (ईसी) ने स्वीकार किया है कि मतदाता सूची में दोहराव की समस्या एक आम मुद्दा है। यही कारण है कि आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया शुरू की। बिहार में शुरू हुई यह प्रक्रिया 30 सितंबर को अद्यतन मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ पूरी हुई, जिसमें लगभग 68.66 लाख प्रविष्टियां हटाई गईं। इनमें करीब सात लाख ऐसे मामले थे, जिनमें मतदाता विभिन्न स्थानों पर दो बार दर्ज पाए गए थे।
जनसुराज ने किया खंडन
दो वोटर कार्ड होने को लेकर उठे विवाद पर जन सुराज पार्टी ने सफाई दी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता विनोद तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर का नाम केवल बिहार के रोहतास जिले के पैतृक गांव कोनार में ही दर्ज है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल वाले वोटर कार्ड को प्रशांत किशोर ने पहले ही रद्द करवा दिया था, जिसकी रसीद चुनाव आयोग से प्राप्त की गई थी। प्रवक्ता ने कहा कि यह भ्रम चुनाव आयोग की तकनीकी त्रुटि के कारण फैला है, और प्रशांत किशोर का नाम किसी अन्य जगह मतदाता सूची में नहीं है।