Bihar News: सड़क नहीं बनी तो ग्रामीणों ने रोपी धान, पूर्णिया में भाजपा विधायक के विकास की खुली पोल; जमकर विरोध
Bihar: विकासशील इंसान पार्टी के जिलाध्यक्ष विजय कुमार महाल्दार ने आक्रोश जताते हुए कह कि हम महीनों से नगर आयुक्त से लेकर वार्ड पार्षद तक गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। लगता है प्रशासन और जनप्रतिनिधि कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं।

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पूर्णिया सदर विधानसभा क्षेत्र, जहां से भाजपा विधायक विजय खेमका लगातार दो बार से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहां की एक तस्वीर सरकार के विकास के दावों की पोल खोल रही है। मरंगा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 स्थित मिल्की मोहल्ले में महीनों की अनदेखी से परेशान लोगों का सब्र आखिरकार टूट गया। नाराज ग्रामीणों ने सड़क की बदहाली पर विरोध जताने का अनूठा तरीका अपनाया उन्होंने जलजमाव से तालाब जैसी बनी सड़क पर धान की रोपनी कर दी।

मरंगा मिल्की पैक्स गोदाम के सामने की यह सड़क पिछले एक महीने से जलजमाव के कारण तालाब में तब्दील है। बावजूद इसके न तो नगर निगम ने सुध ली, न जिला प्रशासन ने और न ही स्थानीय विधायक विजय खेमका ने समस्या को गंभीरता से लिया। यह स्थिति तब है जब विधायक अपने क्षेत्र से लगातार दूसरे कार्यकाल में हैं।
विकासशील इंसान पार्टी के जिलाध्यक्ष विजय कुमार महाल्दार ने आक्रोश जताते हुए कह कि हम महीनों से नगर आयुक्त से लेकर वार्ड पार्षद तक गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। लगता है प्रशासन और जनप्रतिनिधि कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं।
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वहीं स्थानीय निवासी लालू यादव ने बताया कि हर बार शिकायत करने पर सिर्फ लीपापोती और टालमटोल किया जाता है। उन्होंने सवाल उठाय कि क्या हमें इसी दिन के लिए विधायक और पार्षद को चुना था कि बरसात में हमें नारकीय जीवन जीना पड़े? जब इस मामले पर वार्ड पार्षद किरण देवी के पति बृजेश यादव से बात की गई, तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए उल्टा प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों पर राजनीति करने और जानबूझकर सड़क तोड़ने का आरोप लगा दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना लहजे में कहा कि न्यूज में जो लिखना है लिख दीजिए।
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है। सवाल यह है कि दो बार से विधायक रहते हुए विजय खेमका अपने क्षेत्र की इस मुख्य सड़क की दुर्दशा से कैसे अनजान रह सकते हैं? अगर जानकारी थी तो उन्होंने नगर निगम और जिला प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव क्यों नहीं बनाया? जब हालात ऐसे हों कि स्थानीय लोग मजबूरी में सड़क पर धान रोपकर विरोध जताएं, तो इसे विधायक के कार्यकाल की सबसे बड़ी विफलता के तौर पर क्यों न देखा जाए?