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Bihar News: 'बचपन बचा, भविष्य सजा', प्रशासन की सख्ती ने रोका बाल विवाह, नाबालिग को मिली नई जिंदगी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, किशनगंज
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Sun, 14 Dec 2025 09:43 PM IST
सार
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के मनाली गांव में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का बाल विवाह प्रशासन और पुलिस की समय पर कार्रवाई के कारण रोक दिया गया।
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मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड स्थित मनाली गांव में एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का बाल विवाह प्रशासन की समय पर कार्रवाई के कारण रुकवा दिया गया। प्रशासन की टीम ने शादी की तैयारियों के बीच मौके पर पहुंचकर यह कदम उठाया। जन निर्माण केंद्र को स्थानीय स्रोतों से सूचना मिली थी कि मनाली गांव में एक नाबालिग लड़की का विवाह तय किया गया है। सूचना की पुष्टि होने पर संस्था के जिला समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई।
अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी अनिकेत कुमार के निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी अहमर अब्दाली और पुलिस प्रशासन की टीम विवाह स्थल पर पहुंची। वहां शादी की तैयारियां चल रही थीं।
टीम ने परिजनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के कानूनी प्रावधानों और बाल विवाह के शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से समझाया। परिजनों ने टीम की बातों को गंभीरता से लेते हुए बालिका का विवाह स्थगित करने का निर्णय लिया। परिजनों ने लिखित में यह आश्वासन भी दिया कि वे अपनी बेटी का विवाह 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ही करेंगे। इसके साथ ही टीम ने परिजनों से शपथ पत्र भी भरवाया।
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प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दाली ने बताया कि किसी भी नाबालिग की शादी करवाना, करना या इसमें सहायता प्रदान करना एक गैर-जमानती कानूनी अपराध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाल विवाह से शिक्षा के अधिकार, बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है, साथ ही समाज पर भी नकारात्मक असर होता है। इस दौरान संस्था के सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता सबीह अनवर, रानी कुमारी, जहांगीर आलम, स्थानीय जनप्रतिनिधि और पुलिस बल के सदस्य भी मौजूद थे।
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अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी अनिकेत कुमार के निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी अहमर अब्दाली और पुलिस प्रशासन की टीम विवाह स्थल पर पहुंची। वहां शादी की तैयारियां चल रही थीं।
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टीम ने परिजनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के कानूनी प्रावधानों और बाल विवाह के शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से समझाया। परिजनों ने टीम की बातों को गंभीरता से लेते हुए बालिका का विवाह स्थगित करने का निर्णय लिया। परिजनों ने लिखित में यह आश्वासन भी दिया कि वे अपनी बेटी का विवाह 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ही करेंगे। इसके साथ ही टीम ने परिजनों से शपथ पत्र भी भरवाया।
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प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दाली ने बताया कि किसी भी नाबालिग की शादी करवाना, करना या इसमें सहायता प्रदान करना एक गैर-जमानती कानूनी अपराध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाल विवाह से शिक्षा के अधिकार, बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है, साथ ही समाज पर भी नकारात्मक असर होता है। इस दौरान संस्था के सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता सबीह अनवर, रानी कुमारी, जहांगीर आलम, स्थानीय जनप्रतिनिधि और पुलिस बल के सदस्य भी मौजूद थे।