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Bihar News: ऑपरेशन में देरी और हो गई मौत, पूर्णिया के क्लीनिक पर लापरवाही के संगीन आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पूर्णिया
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Fri, 12 Dec 2025 07:21 PM IST
सार
पूर्णिया के लाइन बाजार स्थित एक निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान 26 वर्षीय महिला जूही कुमारी की मौत से हंगामा मच गया। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर चिकित्सा लापरवाही और ऑपरेशन में 12 घंटे की देरी का आरोप लगाया।
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प्रदर्शन करते लोग
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पूर्णिया के मेडिकल हब लाइन बाजार में उस समय तनाव फैल गया, जब एक निजी क्लीनिक में उपचार के दौरान एक महिला मरीज की मौत हो गई। मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने इलाज में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्लीनिक के सामने ही शव वाहन खड़ा कर करीब दो घंटे तक जोरदार प्रदर्शन किया। हंगामा बढ़ते देख क्लीनिक के डॉक्टर और पूरा स्टाफ मौके से फरार हो गया।
घटना लाइन बाजार, बिहार टॉकीज रोड स्थित डॉ. नीलू भगत और मधुर साह के निजी क्लीनिक की है। मृतका की पहचान अररिया जिले के बौसी वार्ड-10 निवासी जूही कुमारी (26 वर्ष) के रूप में हुई है। उनकी शादी छह वर्ष पहले हुई थी और उनके तीन छोटे बच्चे हैं।
ऑपरेशन में 12 घंटे की देरी का आरोप
मृतका के पति विद्यानंद ठाकुर ने बताया कि तेज प्रसव पीड़ा के बाद 26 नवंबर की सुबह जूही को इस क्लीनिक में भर्ती कराया गया था। यह उसका तीसरा सीजेरियन ऑपरेशन होना था। पति का आरोप है कि डॉक्टर ने सुबह 11 बजे तय ऑपरेशन को 12 घंटे तक टाला और रात 11 बजे ऑपरेशन किया। परिजनों के अनुसार, डॉक्टर की लापरवाही से जूही की हालत लगातार बिगड़ती गई, जिससे मल्टी ऑर्गन फेलियर और यूरीन रुकना जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। उनका आरोप है कि बिल बढ़ाने के लिए जानबूझकर देरी और कोताही बरती गई। परिजनों का कहना है कि जब स्थिति बेहद गंभीर हो गई और कुछ भी नियंत्रित नहीं रहा, तब जाकर डॉक्टर ने जूही को हायर सेंटर रेफर किया।
ये भी पढ़ें- Bihar News: पटना में 25 जगह बनेंगे वेंडिंग जोन, मंत्री नितिन नवीन बोले- राजधानी को स्मार्ट बनना प्राथमिकता
सिलीगुड़ी–पटना ले जाने के बाद मौत
लगातार बिगड़ती हालत को देखते हुए परिजन जूही को पहले सिलीगुड़ी ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने भी उसकी गंभीर स्थिति देखकर इलाज करने में असमर्थता जताई। इसके बाद उसे पटना ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजन सीधे पटना से शव वाहन लेकर पूर्णिया के उसी निजी क्लीनिक पहुंचे, जहां लापरवाही का आरोप है। वहीं शव वाहन को क्लीनिक के आगे रखकर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी और डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद माहौल शांत
हंगामे की सूचना पर सहायक खजांची थाना, के.हाट थाना और फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी की पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। स्थिति सामान्य रखने के लिए सदर एसडीपीओ ज्योति शंकर भी स्वयं क्लीनिक पहुंचे। पुलिस को आक्रोशित परिजनों को शांत कराने में एक घंटे से अधिक समय लग गया। बाद में पुलिस के आश्वासन पर प्रदर्शन शांत हुआ। परिजनों ने पूरी घटना को लेकर लिखित आवेदन पुलिस को सौंप दिया, जिसके आधार पर अब मामले की जांच की जा रही है।
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घटना लाइन बाजार, बिहार टॉकीज रोड स्थित डॉ. नीलू भगत और मधुर साह के निजी क्लीनिक की है। मृतका की पहचान अररिया जिले के बौसी वार्ड-10 निवासी जूही कुमारी (26 वर्ष) के रूप में हुई है। उनकी शादी छह वर्ष पहले हुई थी और उनके तीन छोटे बच्चे हैं।
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ऑपरेशन में 12 घंटे की देरी का आरोप
मृतका के पति विद्यानंद ठाकुर ने बताया कि तेज प्रसव पीड़ा के बाद 26 नवंबर की सुबह जूही को इस क्लीनिक में भर्ती कराया गया था। यह उसका तीसरा सीजेरियन ऑपरेशन होना था। पति का आरोप है कि डॉक्टर ने सुबह 11 बजे तय ऑपरेशन को 12 घंटे तक टाला और रात 11 बजे ऑपरेशन किया। परिजनों के अनुसार, डॉक्टर की लापरवाही से जूही की हालत लगातार बिगड़ती गई, जिससे मल्टी ऑर्गन फेलियर और यूरीन रुकना जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। उनका आरोप है कि बिल बढ़ाने के लिए जानबूझकर देरी और कोताही बरती गई। परिजनों का कहना है कि जब स्थिति बेहद गंभीर हो गई और कुछ भी नियंत्रित नहीं रहा, तब जाकर डॉक्टर ने जूही को हायर सेंटर रेफर किया।
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सिलीगुड़ी–पटना ले जाने के बाद मौत
लगातार बिगड़ती हालत को देखते हुए परिजन जूही को पहले सिलीगुड़ी ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने भी उसकी गंभीर स्थिति देखकर इलाज करने में असमर्थता जताई। इसके बाद उसे पटना ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजन सीधे पटना से शव वाहन लेकर पूर्णिया के उसी निजी क्लीनिक पहुंचे, जहां लापरवाही का आरोप है। वहीं शव वाहन को क्लीनिक के आगे रखकर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी और डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद माहौल शांत
हंगामे की सूचना पर सहायक खजांची थाना, के.हाट थाना और फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी की पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। स्थिति सामान्य रखने के लिए सदर एसडीपीओ ज्योति शंकर भी स्वयं क्लीनिक पहुंचे। पुलिस को आक्रोशित परिजनों को शांत कराने में एक घंटे से अधिक समय लग गया। बाद में पुलिस के आश्वासन पर प्रदर्शन शांत हुआ। परिजनों ने पूरी घटना को लेकर लिखित आवेदन पुलिस को सौंप दिया, जिसके आधार पर अब मामले की जांच की जा रही है।