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Bihar: पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 11 साल बाद MP-MLA कोर्ट से मिली राहत, किस मामले में थे बंद; जानें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छपरा Published by: शबाहत हुसैन Updated Tue, 23 Dec 2025 10:36 PM IST
सार

Bihar: महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 11 वर्ष पुराने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में छपरा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली। साक्ष्य के अभाव में उन्हें और उनके निजी सचिव को न्यायालय ने बरी किया है। 

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Bihar: Former MP Prabhunath Singh gets relief from MP-MLA court after 11 years.
पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को व्यवहार न्यायालय छपरा से बड़ी राहत मिली है। लगभग 11 वर्ष पुराने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में विशेष एमपी- एमएलए कोर्ट ने उन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इस फैसले के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। छपरा स्थित एमपी- एमएलए न्यायालय सह एसीजेएम प्रथम संजय कुमार की अदालत ने छपरा नगर थाना कांड संख्या- 121/14 विचारण संख्या- 05/25 में मशरख थाना क्षेत्र निवासी सह पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह एवं सह अभियुक्त उनके निजी सचिव जितेंद्र कुमार सिंह को आरोपमुक्त कर दिया है। इस संबंध में न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को प्रमाणित करने में असफल रहा, जिस कारण दोनों अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है।

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घटना के संबंध में बताया जाता है कि यह मामला वर्ष- 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 15 अप्रैल 2014 को महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह अपने समर्थकों के साथ नामांकन करने सारण जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय परिसर पहुंचे थे। इस दौरान नगर पालिका चौक स्थित संग्रहालय के पास प्रशासन द्वारा बांस और बल्ले से बैरिकेडिंग कर सड़क को रोका गया था। आरोप है कि प्रभुनाथ सिंह एवं उनके समर्थकों ने बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए संग्रहालय परिसर में प्रवेश किया, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। उक्त घटना को लेकर तत्कालीन सारण के उपसमाहर्ता शैलेंद्र कुमार के बयान पर स्थानीय नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि काफ़ी लंबे समय से यह मामला न्यायालय में लंबित था।
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अभियोजन की ओर से अभियोजन पदाधिकारी ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा, जबकि बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता पुंडरीक बिहारी सहाय एवं दीपक कुमार सिन्हा ने मजबूती से अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हजारीबाग केंद्रीय कारागार से न्यायालय में उपस्थित हुए। न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के बयान का अवलोकन करने के बाद अभियोजन के आरोपों को असिद्ध मानते हुए फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद प्रभुनाथ सिंह के समर्थकों ने इसे न्याय की जीत बताते हुए खुशी जताई है। वहीं राजनीतिक हलकों में इस निर्णय को लेकर तरह- तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

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