Bihar: जेपी विश्वविद्यालय में आरएसए ने किया प्रशासनिक कार्यालय का घेराव, 14 सूत्री मांगों को लेकर दी चेतावनी
जयप्रकाश विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अव्यवस्था, परिणामों में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और छात्रों की अनसुनी के खिलाफ शोध विद्यार्थी संगठन (आरएसए) ने जोरदार प्रदर्शन किया। सारण, सिवान और गोपालगंज से पहुंचे सैकड़ों छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित मुख्य प्रशासनिक कार्यालय का शांतिपूर्ण घेराव किया।
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शोध विद्यार्थी संगठन (आर.एस.ए.) द्वारा पूर्व घोषित विश्वविद्यालय घेराव कार्यक्रम के तहत सारण प्रमंडल के सारण, सिवान एवं गोपालगंज जिलों से पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय परिसर स्थित मुख्य प्रशासनिक कार्यालय का शांतिपूर्ण तरीके से घेराव किया। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई और छात्रों की लंबित समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की गई।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए आरएसए के संरक्षक उज्जवल कुमार सिंह ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम पर स्थापित जयप्रकाश विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. प्रमेन्द्र बाजपेई के नेतृत्व में वर्तमान कार्य प्रणाली ने गरीब, ग्रामीण एवं साधनहीन छात्र–छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा को बोझ और अभिशाप बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि छात्र अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार विश्वविद्यालय का चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन उनकी कोई प्रभावी सुनवाई नहीं हो रही है। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अराजकता चरम पर है, भ्रष्टाचार और जातीय भेदभाव का बोलबाला है, जिसके कारण छात्रों का शैक्षणिक भविष्य संकट में पड़ गया है।
इन्हीं परिस्थितियों से मजबूर होकर छात्रों के भविष्य की रक्षा और समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर शोध विद्यार्थी संगठन (आरएसए) ने 14 सूत्री मांगों के समर्थन में यह प्रदर्शन किया। छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो नववर्ष में विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासन के लिए कार्य करना कठिन हो जाएगा।
आरएसए की 14 सूत्री प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं—
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सत्र 2023–27 द्वितीय सेमेस्टर में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पास दर्शाए गए छात्रों को महाविद्यालयीय अंकपत्र में एक-दो विषयों में फेल कर दिया गया है। ऐसे सभी मामलों की पुनः जांच कर संशोधित परिणाम जारी किया जाए तथा विशेष परीक्षा आयोजित की जाए।
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सत्र 2023–27 एवं 2024–28 द्वितीय सेमेस्टर के पूर्ववर्ती छात्रों के अंकपत्र तत्काल संबंधित महाविद्यालयों को उपलब्ध कराए जाएं।
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महाविद्यालय सहायता केंद्र से विश्वविद्यालय को भेजे गए लंबित आवेदनों के निस्तारण के लिए समय-सीमा तय की जाए तथा विलंब की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
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आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल मार्क्स) में हुई गलत प्रविष्टियों, जैसे 30 अंकों के स्थान पर 40–50 अंक दर्ज किए जाने की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
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विभिन्न कोर्स (MJC, MIC, MDC) में हिंदी विषय लेने वाले छात्रों को सत्र 2024–28 प्रथम सेमेस्टर में सामूहिक रूप से फेल किए जाने के मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
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सत्र 2023–27 तृतीय सेमेस्टर का परिणाम शीघ्र प्रकाशित किया जाए।
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उत्तर पुस्तिकाओं की पुनः जांच (री-चेकिंग) की व्यवस्था लागू की जाए।
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गोपालगंज जिला मुख्यालय एवं सिवान जिले के महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय स्थित आरबीजीआर महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर के सभी विषयों की पढ़ाई तत्काल शुरू की जाए।
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स्नातकोत्तर परीक्षाओं के परीक्षा केंद्र गोपालगंज, सिवान एवं सारण (छपरा) में निर्धारित किए जाएं तथा परीक्षाएं एक ही पाली में सुबह 10 बजे के बाद कराई जाएं।
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सारण जिले के पीएन कॉलेज, परसा एवं आरबीजीआर कॉलेज, महाराजगंज में भौतिकी विषय के शिक्षक की तत्काल नियुक्ति या प्रतिनियुक्ति की जाए।
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वर्षों से लंबित छात्र संघ चुनाव के बावजूद छात्र संघ के नाम पर की गई अवैध वसूली की राशि छात्रों को वापस कराई जाए।
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स्नातकोत्तर विभागों में वरीय शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
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स्नातकोत्तर विभागों में छात्रों के लिए कॉमन रूम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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विश्वविद्यालय में हो रही अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा पीएचडी ओपन वायवा की ऑनलाइन प्रथा समाप्त की जाए। वायवा परीक्षक केवल निर्धारित पैनल से ही नियुक्त हों और पैनल के बाहर से नियुक्ति के कारण हो रहे आर्थिक शोषण पर रोक लगाई जाए।
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