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Bihar News: कड़ाके की ठंड और कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलें, अभिभावकों ने की स्कूल बंद करने की मांग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गोपालगंज Published by: आशुतोष प्रताप सिंह Updated Wed, 17 Dec 2025 12:35 PM IST
सार

गोपालगंज जिले में पछुआ हवाओं और घने कोहरे के चलते कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 9–11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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स्कूल जाते बच्चे - फोटो : अमर उजाला
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गोपालगंज जिले में पछुआ हवाओं की रफ्तार बढ़ने के साथ ही कनकनी और कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मंगलवार को जिले का न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जिससे पूरा इलाका शीतलहर की चपेट में आ गया है। सुबह से ही घने कोहरे की चादर छाई रहने के कारण सड़कों पर दृश्यता बेहद कम रही, जिसका सीधा असर यातायात व्यवस्था पर भी देखने को मिला।

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पछुआ हवाओं के चलते लोगों को शरीर में चुभने वाली ठंड का एहसास हो रहा है। ठंड का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, दैनिक मजदूरों और स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। कोहरे के कारण सुबह के समय वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर बेहद धीमी गति से वाहन चलाने को मजबूर होना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार के अधिकांश हिस्सों में फिलहाल मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा और सुबह-शाम ठंडी हवाओं के साथ घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।

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भीषण ठंड के बीच सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली छात्र-छात्राओं को झेलनी पड़ रही है। सुबह-सुबह बस स्टॉप पर बच्चे ठिठुरते हुए अपनी स्कूल बस का इंतजार करते नजर आए। कड़ाके की ठंड को देखते हुए छात्रों और अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है। अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि ठंड कम होने तक स्कूलों को बंद किया जाए या फिर स्कूलों के समय में बदलाव किया जाए, ताकि बच्चों को सुबह की तेज ठंड से राहत मिल सके।


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ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अब जिलेवासियों की निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हुई हैं। अभिभावकों का कहना है कि जब तक कनकनी और शीतलहर का असर कम नहीं होता, तब तक छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के संचालन को लेकर उचित निर्णय लिया जाना चाहिए, जिससे बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके।

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