Zara Hatke: पानी कभी खराब होता है क्या? अगर नहीं, तो बोतलों पर क्यों लिखी जाती है एक्सपायरी डेट?
Zara Hatke: जब आप पैक्ड पानी की बोतलें खरीदते हैं, तो आपने नोटिस किया होगा कि कई बोतलों पर एक एक्सपायरी डेट लिखी होती है। इससे अक्सर सवाल उठता है कि क्या पानी भी समय के साथ खराब हो जाता है, और अगर ऐसा नहीं है, तो यह तारीख बोतल पर क्यों दी जाती है।
विस्तार
कई बार हम सफर पर निकलते समय घर से पानी साथ ले जाते हैं, लेकिन रास्ता लंबा हो तो बोतल जल्दी खाली हो जाती है। ऐसे में मजबूरी में दुकान से पैक्ड पानी खरीदना पड़ता है। अब जब भी आप ऐसी बोतल लेते होंगे, आपने ध्यान दिया होगा कि उस पर एक्सपायरी डेट जरूर लिखी होती है। यह देखकर अक्सर दिमाग में एक ही सवाल आता है कि आखिर पानी भी क्या कभी खराब होता है। क्योंकि आमतौर पर जिस चीज पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है, वह समय गुजरने के बाद इस्तेमाल लायक नहीं रहती। तो क्या पानी भी उसी कैटेगरी में आता है। चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
क्या बोतलों की भी होती है एक्सपायरी डेट?
सबसे पहली और सबसे जरूरी बात यह है कि पानी अपनी प्राकृतिक अवस्था में कभी एक्सपायर नहीं होता। साफ बर्तन में रखा पानी महीनों तक भी खराब नहीं होता, बशर्ते उसमें कोई गंदगी या बाहरी चीज न मिले। अगर पानी को खुले में छोड़ दिया जाए या बहुत गंदे कंटेनर में रखा जाए, तभी वह पीने लायक नहीं बचता। यानी समस्या पानी की नहीं, बल्कि उसे रखने के तरीकों की होती है। इसीलिए जब लोग बोतल पर लिखी एक्सपायरी डेट देखते हैं, तो भ्रम में पड़ जाते हैं। उन्हें लगता है कि शायद पानी भी खराब हो जाता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।
क्या पानी भी होता है खराब?
अब असली सवाल यह उठता है कि जब पानी खराब नहीं होता, तो फिर पैक्ड पानी की बोतल पर एक्सपायरी डेट क्यों दी जाती है। इसका जवाब प्लास्टिक में छिपा है। दरअसल यह एक्सपायरी पानी की नहीं, बल्कि बोतल की होती है। समय बीतने पर प्लास्टिक बेहद महीन रूप में पानी में घुलना शुरू कर देता है। यह प्रक्रिया इतनी सूक्ष्म होती है कि आम आंखों से दिखाई नहीं देती, लेकिन इसका असर सीधा पानी की क्वालिटी पर पड़ता है। जब प्लास्टिक के कण पानी में मिलने लगते हैं, तो पानी का स्वाद बदल सकता है, उसकी ताजगी कम हो सकती है और सबसे बड़ी बात यह कि यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
इस वजह से डाली जाती है एक्सपायरी डेट
इसी वजह से कंपनियां बोतल पर एक निश्चित तारीख डालती हैं, ताकि लोग समझ सकें कि इस तारीख के बाद बोतल का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं माना जाता। यानी यह डेट पानी के लिए नहीं, बल्कि बोतल की सुरक्षित उम्र बताने के लिए होती है। अगर बोतल बहुत पुरानी हो जाए, धूप में पड़ी रहे या गर्मी में बहुत ज्यादा गरम हो जाए, तो प्लास्टिक का पानी पर असर और तेज हो जाता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि प्लास्टिक की बोतल को बार-बार रीयूज न करें और एक्सपायरी डेट से पहले ही बोतल का इस्तेमाल खत्म कर दें।