कल से बंद रहेंगे दो दिन के लिए बैंक, आज निपटा लें अपने जरूरी काम
साल की शुरुआत में बैंकों में फिर से हड़ताल होने जा रही है। इस हड़ताल का असर न केवल बैंक पर बल्कि अन्य जगह भी इसका असर देखने को मिलेगा। यह हड़ताल वाम समर्थित राजनीतिक दलों व इनसे जुड़े संगठनों ने बुलाई है। बैंकों में भी मंगलवार और बुधवार को हड़ताल रहेगी।
सरकारी बैंकों पर सबसे ज्यादा असर
8 और 9 जनवरी को होने वाली इस हड़ताल में बैंकों के 10 संगठन शामिल होंगे। इन दो दिनों में बैंकों में कर्मचारी कोई कामकाज नहीं करेंगे। ऑल इंडिया बैंक इंप्लाई एसोसिएशन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से इंडियन बैंक एसोसिएशन को हड़ताल की जानकारी दे दी है।
इस वजह से होगी हड़ताल
बैंक कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन बढ़ोत्तरी समेत कई मांगों को लेकर अपना विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति समेत 12 मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों के 10 केंद्रीय संगठनों ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। इन संगठनों में इंटक, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीटू, एआईसीसीटीयूसी, यूटीयूसी, एलपीएफ, एसईडब्लूए शामिल हैं।
इससे पहले बीते माह 26 दिसंबर को भी इन संगठनों ने वेतन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल की थी। इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल हुए थे। नेशनल ऑर्गेनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा है कि यह एक राजनीतिक हड़ताल है और इसका बैंक कर्मचारियों के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए सात यूनियन इसमें हिस्सा नहीं लेंगी।
हड़ताल के चलते अरबों रुपये की क्लियरिंग प्रभावित होने की आशंका है। इससे व्यापारियों के काम तो अटकेंगे, इसके चलते कई सरकारी कार्य भी प्रभावित हो सकते हैं। रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) नेशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) के गेटवे से होते हैं।
देश भर में हर महीने औसतन एक लाख अरब रुपये आरटीजीएस और करीब 15350 अरब रुपये एनईएफटी के जरिये ट्रांसफर होते हैं। इलेक्ट्रानिक पेमेंट सिस्टम के ये दोनों बड़े गेटवे बंद होने का असर बैंकिंग लेनदेन पर पड़ेगा।