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भारत बंदः 21 हजार करोड़ रुपये के 28 लाख चेक अटके, बैंकों पर पड़ा सबसे ज्यादा असर

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला Published by: paliwal पालीवाल Updated Wed, 08 Jan 2020 06:37 PM IST
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28 lakh cheque worth rupees 21k crore stuck due to bharat bandh and bank strike
सांकेतिक तस्वीर
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बुधवार को हुए भारत बंद व बैंक हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। बैंकों में हड़ताल के चलते 21 हजार करोड़ रुपये के 28 लाख चेक अटक गए। वहीं कई शहरों में एटीएम भी खाली रहने की खबर है, जिससे लोगों को नकदी की समस्या हो गई। 

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सरकारी बैंकों में कामकाज सबसे ज्यादा प्रभावित

हड़ताल का सबसे ज्यादा असर सरकारी बैंकों में देखा गया। लोग बैंक की शाखाओं में जाकर के न तो पैसा जमा कर पाए और न ही निकाल पाए। हालांकि बैंकों ने समय से पहले अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित कर दिया था। बंद के दौरान देशभर में बैंक तो खुले रहे, लेकिन कई जगहों पर धन निकासी जैसी सेवाएं प्रभावित रहीं, क्योंकि ज्यादातर बैंक कर्मियों ने हड़ताल का समर्थन किया।


कई इलाकों में इस दौरान एटीएम से पैसे नहीं निकाले जा सके, बैंकिंग, यातायात समेत दूसरी सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि सरकारी विभागों में बंद पूरी तरह बेअसर रहा और कामकाज सामान्य ढंग से हुआ। साथ ही देशभर में पेट्रोल पंप, बिजली संयंत्र, तेल रिफायनरी आदि में भी सामान्य तौर पर कामकाज हुआ। 

25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा

ट्रेड यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल हुए। जिन मांगों के लिए यह बंद आयोजित किया गया था, उनमें रोजगार के नए अवसर पैदा करने, श्रम कानूनों में संशोधन पर रोक लगाने और नौकरी की सुरक्षा संबंधी मांगें रखी गईं।

इसके साथ ही 21 हजार रुपये हो न्यूनतम वेतन, निजीकरण, वैश्वीकरण और उदारीकरण को रोका जाए, जो श्रम कानून मजदूर विरोधी हैं, उन्हें हटाया जाए, पुरानी पेंशन बहाल हो, उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों का एकीकरण किया जाए। आउटसोर्सिंग, संविदा और ठेकेदारी प्रथा पर रोक, बैंक, इंश्योरेंस और रेलवे क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश पर रोक लगे जैसी मांगे शामिल थीं।

10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने इस बंद और हड़ताल का आयोजन किया था। 

निसान के सीआईओ बोले- हड़ताल का गलत संकेत जाएगा 

ऑटो क्षेत्र की दिग्गज निसान मोटर्स के सीआईओ टोनी थॉमस ने कहा कि इस बंद का निवेशकों में गलत संकेत जाएगा। उन्होंने हैरानी जताई कि नौ जनवरी से कोच्चि में शुरू हो रही इंवेस्टर मीट में हिस्सा लेने विदेशी निवेशक कैसे पहुंचेंगे। हालांकि राज्य के उद्योग मंत्री ईपी जयराजन ने थॉमस के दावे को गैरजरूरी बताते हुए खारिज कर दिया। 

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