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Tariffs: भारतीय वाहन-टायर उद्योग को एशियाई देशों से ज्यादा नुकसान, वाहन कलपुर्जा निर्यात में US हिस्सेदारी 27%
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Sun, 03 Aug 2025 06:50 AM IST
सार
इक्रा ने कहा कि भारत के वाहन कलपुर्जा निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत और टायर निर्यात में 17 प्रतिशत है। इसलिए टैरिफ में बढ़ोतरी से भारतीय विनिर्माताओं को जापान, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे एशियाई समकक्षों की तुलना में नुकसान होगा, जहां कम या तरजीही शुल्क लागू हैं।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : एडॉब स्टॉक
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विस्तार
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने शनिवार को कहा कि भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ घरेलू वाहन कलपुर्जा उद्योग और टायर विनिर्माताओं को जापान, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे एशियाई समकक्षों की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाने वाला है।
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इक्रा ने कहा कि भारत के वाहन कलपुर्जा निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत और टायर निर्यात में 17 प्रतिशत है। इसलिए टैरिफ में बढ़ोतरी से भारतीय विनिर्माताओं को जापान, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे एशियाई समकक्षों की तुलना में नुकसान होगा, जहां कम या तरजीही शुल्क लागू हैं। इसमें कहा गया है कि खासकर ऑफ-हाइवे और सिर्फ टायर खंड में, और विभिन्न वाहन कलपुर्जा में शुल्क में बढ़ोतरी से भारतीय आपूर्तिकर्ताओं की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो सकती है।
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हालांकि, पहले भारतीय टायर निर्यातकों को चीनी प्रतिस्पर्धियों पर मामूली बढ़त हासिल थी लेकिन अब अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को दी जाने वाली कम शुल्क दरों से यह बढ़त कम हो सकती है। वाहन कलपुर्जा उद्योग ने पिछले वित्त वर्ष (2024-25) के लिए 80.2 अरब डॉलर (6.73 लाख करोड़ रुपये) का कारोबार दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।