Morgan Stanley: तीन दशक के कमजोर दौर के बाद इस साल भारतीय बाजार में जोरदार उछाल की उम्मीद, रिपोर्ट में दावा
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार तीन दशकों में अपने सबसे खराब प्रदर्शन के बाद, भारतीय बाजार अगले 12 महीनों में दोबारा तेज रफ्तार पकड़ने की स्थिति में है। संस्थान ने अपने आउटलुक में मजबूत घरेलू वृद्धि, स्थिर वैश्विक आर्थिक माहौल और अनुकूल कच्चे तेल की कीमतों को भी महत्वपूर्ण कारक बताया है।
विस्तार
हालिया वर्षों में तीन दशकों का सबसे कमजोर प्रदर्शन देने के बाद भारतीय बाजारों में 2026 में जोरदार सुधार होने की उम्मीद है। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। फर्म ने कहा कि तीन दशकों में अपने सबसे खराब प्रदर्शन के बाद, भारतीय बाजार अगले 12 महीनों में दोबारा तेज रफ्तार पकड़ने की स्थिति में है।
ये भी पढ़ें: US: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा- महंगाई अब ‘सामान्य’ स्तर पर, बोले- कीमतों में जल्द देंगे और राहत
रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति-परिवर्तन अब सहायक दिशा में है, जिससे आगामी महीनों में नाममात्र वृद्धि में मजबूत सुधार की उम्मीद है। इसका असर कंपनियों की कमाई पर भी दिखेगा और पिछले एक साल से जारी मिड-साइकिल मंदी से राहत मिलने की संभावना है।
विदेशी निवेशकों और घरेलू निवेशकों का रुझान
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का भारत में एक्सपोजर इतिहास में सबसे कम स्तर पर है, जबकि घरेलू निवेशकों का स्थायी और मजबूत निवेश रुझान बना हुआ है।फर्म ने अपने बेस-केस परिदृश्य में दिसंबर 2026 तक बीएसई सेंसेक्स में 13 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
इन कारकों से मिलेगा बाजार को समर्थन
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में शेयर बाजारों की संभावित मजबूती भारत की मैक्रो स्थिरता में जारी प्रगति पर आधारित होगी, जिसमें राजकोषीय संयम और निजी निवेश में बढ़ोतरी अहम भूमिका निभाएंगे। संस्थान ने अपने आउटलुक में मजबूत घरेलू वृद्धि, स्थिर वैश्विक आर्थिक माहौल और अनुकूल कच्चे तेल की कीमतों को भी महत्वपूर्ण कारक बताया है। रिपोर्ट में यह भी अनुमान जताया गया है कि भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ से जुड़े मुद्दों का समाधान आने वाले सप्ताहों में हो सकता है।
25 आधार अंकों की एक और कटौती की उम्मीद
मौद्रिक नीति के संदर्भ में फर्म ने बेस केस के तौर पर अल्पकालिक ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की एक और कटौती और सकारात्मक तरलता वातावरण का अनुमान लगाया है। मॉर्गन स्टैनली ने सेंसेक्स की कमाई को लेकर भी अनुमान पेश किया है और कहा है कि वित्त वर्ष 2028 तक इसमें 17% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) देखने को मिल सकती है।
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि आगे सकारात्मक वृद्धि देखने को मिलेगी, जिसे आरबीआई और सरकार द्वारा दरों में कटौती, सीआरआर में कटौती, बैंकों को नियंत्रणमुक्त करने और नकदी प्रवाह सहित पुनर्मुद्रास्फीति प्रयासों से बल मिलेगा। अग्रिम पूंजीगत व्यय और लगभग 1.5 ट्रिलियन रुपये की जीएसटी दरों में कटौती, जो मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर उपभोग पर केंद्रित है, से भी सुधार में मदद मिलने की उम्मीद है।