Amitabh Kant: अमिताभ कांत बोले- ट्रंप का H1-B शुल्क बढ़ाने का कदम अमेरिकी नवाचार पर डालेगा असर
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प की 100,000 एच-1बी फीस अमेरिकी नवाचार को रोक देगी और भारत के नवाचार को बढ़ावा देगी। यह कदम ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नियंत्रण की कोशिशों का नवीनतम हिस्सा है।
विस्तार
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का वार्षिक H1-B वीजा शुल्क 1,00,000 डॉलर तक बढ़ाने का निर्णय अमेरिकी नवाचार पर असर डालेगा। यह भारत में नए लैब, पेटेंट और स्टार्टअप की लहर को बढ़ावा देगा, जिससे बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहर उभरेंगे।
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अमेरिका के नुकसान से भारत को मिलेगा लाभ
कांत सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प की 100,000 एच-1बी फीस अमेरिकी नवाचार को रोक देगी और भारत के नवाचार को बढ़ावा देगी। वैश्विक प्रतिभाओं के लिए दरवाजे बंद करके, अमेरिका प्रयोगशालाओं, पेटेंटों, नवाचार और स्टार्टअप्स की अगली लहर को बैंगलोर और हैदराबाद, पुणे और गुड़गांव की ओर धकेल रहा है। भारत के बेहतरीन डॉक्टरों, इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों के पास विकसित भारत की दिशा में देश के विकास और प्रगति में योगदान करने का अवसर है। अमेरिका का नुकसान भारत के लिए लाभ होगा।
Donald Trump’s 100,000 H-1B fee will choke U.S. innovation, and turbocharge India’s. By slamming the door on global talent, America pushes the next wave of labs, patents, innovation and startups to Bangalore and Hyderabad, Pune and Gurgaon . India’s finest Doctors, engineers,…
— Amitabh Kant (@amitabhk87) September 20, 2025
आव्रजन पर नकेल कसने की कोशिश
अमेरिका में वीजा पर काम कर रहे भारतीय पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले एक कदम के तहत ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। इससे एच1-बी वीजा के लिए शुल्क बढ़कर सालाना 100,000 डॉलर हो जाएगा। यह आव्रजन पर नकेल कसने के प्रशासन के प्रयासों का नवीनतम कदम है।
इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी कर्मचारियों की सुरक्षा करना और यह सुनिश्चित करना है कि कंपनियों के पास वास्तव में असाधारण प्रतिभाओं को भर्ती करके अमेरिका लाने का मार्ग उपलब्ध रहे। H1-B आवेदकों को स्पॉन्सर करने के लिए कंपनियां शुल्क का भुगतान करती हैं।