मई माह में आम लोगों को राहत, 2.45 फीसदी पर आई थोक महंगाई
थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति मई में 22 महीने के निचले स्तर यानी 2.45 प्रतिशत पर रही। इसकी प्रमुख वजह खाद्य सामग्री, ईंधन और बिजली की दरों का कम होना है।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आधिकारिक आंकड़े शुक्रवार को जारी किए गए। इसी में यह बात सामने आयी है। यह जुलाई 2017 के बाद लगभग 22 महीने बाद थोक मुद्रास्फीति का सबसे निचला स्तर है। जुलाई 2017 में इसकी दर मात्र 1.88 प्रतिशत थी। अप्रैल 2019 में यह 3.07 प्रतिशत रही, जबकि मई 2018 में यह 4.78 प्रतिशत थी।
The annual rate of inflation, based on monthly WPI, stood at 2.45% (provisional) for the month of May (over May,2018) as compared to 3.07% (provisional) for the month of April . pic.twitter.com/7CNiyJC3zt
— ANI (@ANI) June 14, 2019
सात माह के उच्चतम स्तर पर खुदरा महंगाई
इससे पहले खुदरा महंगाई दर के आंकड़े आए थे। मई माह में खुदरा महंगाई दर अपने सात माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण ही ऐसा देखने को मिला है। वित्त मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर 3.05 फीसदी हो गई है।
अप्रैल में 2.99 फीसदी थी खुदरा महंगाई दर
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी संशोधित आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 2.99 फीसदी रही। पहले प्रारंभिक आंकड़ों में इसके 2.92 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया था।