Biz Updates: 'सहमति के बिना महिला की तस्वीर का इस्तेमाल व्यावसायिक शोषण'; सरकारी विज्ञापन मामले में हाईकोर्ट
Biz Updates: 10 वर्षों में ₹16.35 लाख करोड़ के लोन राइट ऑफ, महिला की तस्वीर के 'अवैध' इस्तेमाल पर नोटिस
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में एक महिला की तस्वीर का उसकी सहमति के बिना अवैध इस्तेमाल और उसके "व्यावसायिक शोषण" की निंदा की है। साथ ही, अदालत ने केंद्र और चार राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। महिला नम्रता अंकुश कवले ने अपनी याचिका में कहा कि एक फोटोग्राफर, जो कि एक परिचित है, की ओर से ली गई उसकी तस्वीर को उसकी सहमति और जानकारी के बिना ' शटरस्टॉक डॉट कॉम ' वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि तब से इस फोटो का इस्तेमाल महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा की राज्य सरकारों और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और कुछ निजी संस्थाओं की ओर से अपनी वेबसाइटों, होर्डिंग्स और अन्य विज्ञापनों में अनधिकृत रूप से किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की खंडपीठ ने 10 मार्च को अपने आदेश में कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे "इलेक्ट्रॉनिक युग और सोशल मीडिया के समकालीन समय को देखते हुए काफी गंभीर हैं।" उच्च न्यायालय ने कहा, "प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यह याचिकाकर्ता की तस्वीर का व्यावसायिक उपयोग है।" पीठ ने इस इस मामले में रॉयल्टी-मुक्त स्टॉक फोटोग्राफ वाली वेबसाइट चलाने वाली अमेरिकी कंपनी शटरस्टॉक और महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा सहित विभिन्न राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया।
तेलंगाना कांग्रेस, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और एक निजी संस्था टोटल डेंटल केयर प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया गया, जिसने याचिकाकर्ता की तस्वीर का इस्तेमाल किया था। अदालत ने सभी प्रतिवादियों से हलफनामा मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को तय की है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला विभिन्न राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों की ओर से अपनी योजनाओं के विज्ञापन में महिला की तस्वीर के अनधिकृत उपयोग से जुड़ा गंभीर मुद्दा सामने लाता है। महिला ने अपनी याचिका में कहा कि उसके गांव के फोटोग्राफर तुकाराम कर्वे ने उसकी तस्वीर ली और उसकी सहमति के बिना उसे शटरस्टॉक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया।
मालदीव के साथ रुपये में भी हो सकता है लेनदेन
मालदीव के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार लेनदेन का निपटान एसीयू प्रणाली के अतिरिक्त भारतीय रुपये और/या मालदीवन रूफिया में भी किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, एशियाई क्लियरिंग यूनियन (एसीयू) एक भुगतान व्यवस्था है, जिसके तहत प्रतिभागी शुद्ध बहुपक्षीय आधार पर भाग लेने वाले केंद्रीय बैंकों के बीच क्षेत्रीय लेनदेन के लिए भुगतान का निपटान करते हैं। प्रतिभागियों में बांग्लादेश, बेलारूस, भूटान, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के केंद्रीय बैंक और मौद्रिक प्राधिकरण शामिल हैं।
34 लोगों व संस्थानों ने तीन लाख में निपटाया मामला
शालीमार पेंट्स के अधिग्रहण के मानदंडों से संबंधित नियमों के उल्लंघन मामले में 34 संस्थाओं व लोगों ने 3.04 लाख रुपये भरकर बाजार नियामक सेबी के साथ निपटाया है। उर्वी जिंदल ने सेबी के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। इसमें मामले को निपटाने के लिए अपील की गई थी। उर्वी जिंदल और साथ में काम करने वाले व्यक्तियों की कुल शेयरधारिता में दो प्रतिशत से अधिक का परिवर्तन हुआ। इसका खुलासा 17 अप्रैल, 2024 को हुआ था।
142 करोड़ के टोरेस धोखाधड़ी मामले में 27,147 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने टोरेस आभूषण धोखाधड़ी मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ 27,147 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया। इस धोखाधड़ी में 14,000 से अधिक निवेशकों को 142 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि टोरेस ब्रांड के मालिक मेसर्स प्लेटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ तानिया @ तजागुल जास्तोवा, वेलेंटीना गणेश कुमार, सर्वेश सुर्वे, अल्पेश खारा, तौसिफ रियाज, अरमान अतियान और लल्लन सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू का आरोप पत्र मुंबई की विशेष एमपीआईडी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
पुलिस के अनुसार, टोरेस ब्रांड के तहत शुरू की गई विभिन्न योजनाओं में उच्च रिटर्न के वादे के साथ कुल 14,157 लोगों को निवेश करने के लिए लुभाया गया। परिणामस्वरूप उन्हें 142.58 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता, महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) अधिनियम (जिसे एमपीआईडी अधिनियम भी कहा जाता है) और अनियमित जमा योजनाओं (बीयूडीएस) पर प्रतिबंध लगाने के अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
वाणिज्य सचिव बोले: भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता; परस्पर लाभकारी मुद्दों पर हुई चर्चा
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए परस्पर लाभकारी मुद्दों पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं। समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को वर्तमान 200 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जवाबी शुल्क की धमकी से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को बल मिलने के साथ ही भारत, अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के व्यापक ढांचे के तहत इस चुनौती का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है। बर्थवाल ने कहा, हम इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जो बहु-क्षेत्रीय है और यह हमारे बीच सभी मुद्दों को परस्पर रूप से संबोधित करेगा। इसलिए, वे सभी चीजें जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बातचीत का हिस्सा होंगी। हम इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बहुत सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस महीने की शुरुआत में अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ व्यापार वार्ता करने के बाद वाशिंगटन से लौटे हैं। अपनी सप्ताह भर की यात्रा के दौरान गोयल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जेमीसन ग्रीर और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के साथ बातचीत की।