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Biz Updates: भारत में 'बड़े अवसर' देख रही है यूनिलीवर; हेनरिक ब्रौन बने कोका-कोला के नए सीईओ

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Thu, 11 Dec 2025 04:24 AM IST
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Biz Updates Of 11 Dec, Unilever sees massive opportunities in India, citing GST cut and high GDP growth, SBI
बिजनेस अपडेट्स - फोटो : amarujala.com
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ब्रिटिश उपभोक्ता उत्पाद कंपनी यूनिलीवर ने भारत को आने वाले वर्षों में अपना सबसे बड़ा विकास बाजार बताया है। कंपनी के सीईओ फर्नांडो फर्नांडीज के अनुसार भारत में जीएसटी घटाने, टैक्स रियायतें देने और ब्याज दर कम करने जैसे कदमों से खपत को नया बल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि खाद्य महंगाई के कारण पिछले वर्षों में मांग कमजोर हुई थी, लेकिन अब सुधार साफ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत की तिमाही जीडीपी 8.2 प्रतिशत रही है और इससे बाजार में नई जान आई है।'

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फर्नांडीज ने बताया कि जीएसटी में कटौती से यूनिलीवर के लगभग 40 प्रतिशत उत्पादों को सीधा फायदा होगा। कंपनी ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के शीर्ष प्रबंधन में बदलाव किए हैं और नए नेतृत्व को तेज वॉल्यूम ग्रोथ का लक्ष्य दिया है। सीईओ के मुताबिक भारत की आबादी में अलग-अलग आय स्तर वाले लोग हैं, जिससे हर श्रेणी में बाजार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यूनिलीवर अपने ब्रांडों के जरिए इस बड़ी संभावनाओं वाले बाजार का पूरा लाभ उठाने को तैयार है।

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कोका-कोला ने किया नया सीईओ नियुक्त 
कोका-कोला ने अपने मुख्य परिचालन अधिकारी हेनरिक ब्रौन को ही कंपनी के सीईओ के रूप में चुना है। कंपनी ने घोषणा की हेनरिक 2026 की पहली तिमाही में पदभार संभालेंगे। कोक के वर्तमान अध्यक्ष और सीईओ जेम्स क्विन्सी कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे। बता दें कि 57 वर्षीय ब्रौन कोका-कोला में तीन दशकों से कार्यरत हैं। इस वर्ष की शुरुआत में सीओओ का पदभार संभालने से पहले, उन्होंने ब्राजील, लैटिन अमेरिका, ग्रेटर चीन और दक्षिण कोरिया में परिचालन का नेतृत्व किया। 


क्विक व ई-कॉमर्स के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे खुदरा किराना स्टोर
देश में क्विक और ई-कॉमर्स के बढ़ने से किराना स्टोरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। फेडरेशन ऑफ रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) ने छोटे और मध्यम खुदरा विक्रेताओं को बचाने के लिए सरकार से एक समर्पित तकनीकी प्लेटफॉर्म बनाने का आग्रह किया है, जो उन्हें हाइपरलोकल डिलीवरी प्लेटफॉर्म के साथ समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा।

इंडियन सेलर्स कलेक्टिव के राष्ट्रीय समन्वयक और एफआरएआई के मानद प्रवक्ता अभय राज मिश्रा ने कहा, छोटे रिटेलर्स और किराना दुकानदारों को एक ऐसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो पहले कभी उनके सामने नहीं आई, क्योंकि ई-कॉमर्स व क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मार्केट को नया स्वरूप दे रहे हैं। क्विक और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के विस्तार से हजारों स्थानीय किराना दुकान मालिकों की आय एवं आजीविका में भारी गिरावट आ रही है। ब्लिंकिट एवं जेप्टो जैसे क्विक कॉमर्स की ओर ग्राहकों के झुकाव के कारण पिछले साल दो लाख किराना स्टोर बंद हो गए थे।

डाटा मध्यस्थ कंपनियों की शर्तें जटिल- एसबीआई
एसबीआई के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने सभी वित्तीय सेवा उत्पादों के लिए ग्राहकों से एक ही सहमति प्राप्त करने के अकाउंट एग्रीगेटर यानी डाटा मध्यस्थ कंपनियों के तंत्र पर चिंता व्यक्त की है। अधिकांश ग्राहक बारीक अक्षरों में लिखी शर्तों को नहीं पढ़ते और अक्सर विवरण को समझे बिना ही साइन अप कर लेते हैं। अकाउंट एग्रीगेटर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से विनियमित संस्थाएं हैं जो सहमति आधारित डाटा मध्यस्थ के रूप में कार्य करती है। वर्तमान में इस पर लगभग 22 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। तिवारी ने कहा, कोई भी बारीक अक्षरों में लिखी शर्तें नहीं समझता है।

दो लाख से अधिक संस्थाओं को अब तक स्टार्टअप के रूप में मिली मान्यता
सरकार ने दो लाख से अधिक संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने  बताया, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त इकाइयां आयकर जैसी छूटों का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने 2,01,335 स्टार्टअप को मान्यता दी है। इन्होंने 21 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए हैं।

मंत्रालय ने कहा, उत्पादन संबंधित प्रोत्साहन योजना के तहत 14 क्षेत्रों में जून, 2025 तक 1.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वास्तविक निवेश प्राप्त हुआ है। इससे 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त उत्पादन/बिक्री और 12.3 लाख से अधिक (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजन हुआ है। पीएलआई योजनाओं के तहत देश से 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात भी हुआ है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद व खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ने अक्तूबर तक 32.6 करोड़ से अधिक ऑर्डर को पूरा किया है। 

अक्तूबर में 18.2 करोड़ ऑर्डर प्रोसेस किए गए। औसत दैनिक लेनदेन 5,90,000 रुपये तक हो गया है। नवंबर तक 47,000 अनुपालन कम किए गए हैं। इसमें से 16,108 अनुपालनों को सरल बनाया गया है। 4,458 को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है। 4,270 अनुपालनों को हटाया गया है। 11 वर्षों में 748 अरब डॉलर का एफडीआई 11 वित्तीय वर्षों (2014-25) में 748.38 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है। 2003-14 में 308 अरब डॉलर की तुलना में 143 प्रतिशत अधिक है।

मेक्सिको की संसद ने टैरिफ वृद्धि को दी मंजूरी
मेक्सिको की संसद ने चीन और अन्य देशों से आयातिक 1,400 से अधिक उत्पादों पर टैरिफ वृद्धि को मंजूरी दे दी। इन देशों के साथ मेक्सिको के मुक्त व्यापार समझौते नहीं है। राष्ट्रपति क्लाउडिया शाइनबाम की सत्तारूढ़ मोरेना पार्टी ने घेरलू उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ को जरूरी बताया। विश्लेषकों का कहना है कि असली मकसद वाशिंगटन के साथ चल रही बातचीत है, जो मेक्सिको का सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। शीनबाम ट्रंप प्रशासन द्वारा मेक्सिको के आयात पर लगाए गए शेष शुल्कों से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं।

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