Biz Updates: वैश्विक दबाव के बीच SAIL की बिक्री में 14% उछाल; जानिए इंडिगो की उड़ानों पर क्या अपडेट
राज्य के स्वामित्व वाली स्टील कंपनी सेल (SAIL) ने शनिवार को बताया कि उसने चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान 12.7 मिलियन टन (एमटी) की बिक्री दर्ज की। यह सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी ने यह प्रदर्शन ऐसे समय में किया है जब वैश्विक स्तर पर कीमतों पर दबाव और मांग में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अनुसार, पिछले वर्ष की समान अवधि में कंपनी की बिक्री 11.1 एमटी रही थी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह मजबूत प्रदर्शन सुदृढ़ बिक्री रणनीति के कारण संभव हो पाया, जबकि इस दौरान उसे वैश्विक व्यापार नीतियों में अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा। SAIL ने कहा कि इन कारकों के बावजूद उसने बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखते हुए बिक्री में उल्लेखनीय बढ़त हासिल की है।
इंडिगो ने 2000+ उड़ानों का संचालन किया
एयरलाइन इंडिगो ने बताया कि लगातार दूसरे दिन 2,000 से अधिक उड़ानों का संचालन किया गया। एयरलाइन के अनुसार, शनिवार को संशोधित शेड्यूल के तहत 2,050 से ज्यादा फ्लाइट्स संचालित की जा रही हैं, जो सरकार के निर्देशों के अनुरूप तय की गई हैं।
इंडिगो ने बताया कि बीते पांच दिनों से परिचालन में स्थिरता और निरंतर सुधार देखने को मिल रहा है। फिलहाल एयरलाइन के 138 ऑपरेशनल गंतव्य पूरी तरह जुड़े हुए हैं और समयबद्धता (ऑन-टाइम परफॉर्मेंस) इंडिगो के मानकों के अनुरूप सामान्य बनी हुई है। एयरलाइन ने यह भी कहा कि शुक्रवार को भी उसने 2,050 से अधिक उड़ानों का संचालन किया, जिसमें केवल दो फ्लाइट्स तकनीकी कारणों से रद्द करनी पड़ीं। प्रभावित यात्रियों को तुरंत वैकल्पिक उड़ानों में समायोजित कर दिया गया।
एयरपोर्ट शुल्क विवाद: एयरलाइंस संघ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
एयरपोर्ट शुल्क तय करने से जुड़े एक मामले में फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। एफआईए ने टेलीकॉम विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें हवाईअड्डा ऑपरेटरों के लिए एरोनॉटिकल टैरिफ तय करने के सिद्धांतों पर फैसला दिया गया था। एफआईए का कहना है कि 1 जुलाई को दिए गए इस आदेश में टीडीसैट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई सीमित जांच के दायरे से बाहर जाकर फैसला सुनाया। संगठन के अनुसार, न्यायाधिकरण ने उन मुद्दों पर दोबारा विचार किया, जिन पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही 11 जुलाई 2022 को अंतिम फैसला दे चुका था।
एफआईए ने दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट के संचालकों डीआईएएल और एमआईएएल की ओर से टीडीसैट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप आवेदन भी दायर किया है। संघ का आरोप है कि टीडीसैट के फैसले से हाइपोथेटिकल रेगुलेटरी एसेट बेस को बढ़ाकर 4,848 करोड़ रुपये कर दिया गया, जिससे दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर को अनुचित लाभ मिलेगा। इससे एयरलाइंस और यात्रियों पर बोझ बढ़ेगा, क्योंकि लैंडिंग, पार्किंग और यूजर डेवलपमेंट फीस जैसी दरें महंगी हो सकती हैं। यह मामला 16 दिसंबर को न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजनिया की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।