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Biz Updates: इन्फोसिस को सबसे बड़े शेयर बायबैक की मंजूरी; फोनपे पर 21 लाख रुपये का जुर्माना

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Fri, 12 Sep 2025 06:16 AM IST
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बिजनेस अपडेट - फोटो : अमर उजाला
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इन्फोसिस के बोर्ड ने बृहस्पतिवार को कंपनी के अब तक के सबसे बड़े 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। कंपनी पांच रुपये प्रति शेयर के अंकित मूल्य वाले 10 करोड़ पूर्ण चुकता इक्विटी शेयर 1,800 रुपये के भाव पर खरीदेगी, जो कुल इक्विटी शेयर पूंजी का 2.41 फीसदी है। यह शेयर बीएसई पर बृहस्पतिवार के बंद भाव 1,509.5 रुपये प्रति शेयर से 19 फीसदी अधिक है।  

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सेबी बोर्ड की बैठक आज, कई प्रस्तावों पर होगी चर्चा
बाजार नियामक सेबी का निदेशक मंडल शुक्रवार को होने वाली बैठक में कई अहम सुधार प्रस्तावों पर विचार कर सकता है। इनमें बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ की शर्तों में ढील और न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी हासिल करने की समयसीमा बढ़ाने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे के कार्यकाल की यह तीसरी बोर्ड बैठक होगी।

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गेमिंग कंपनी जूपी ने 170 कर्मचारियों को निकाला
गेमिंग कंपनी जूपी ने बृहस्पतिवार को 170 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। यह उसकी कुल कर्मचारियों की संख्या का 30 फीसदी है। कंपनी ने यह कदम नए ऑनलाइन गेमिंग कानून के कारण उठाया है, जिसके कारण उसे अपने कामकाज में बदलाव करना पड़ा है। कंपनी ने यह भी कहा, आगे जब भी नई भर्तियां होंगी, तो निकाले गए कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

2025-26 में 3.49 करोड़ टन पहुंच सकता है चीनी का उत्पादन : इस्मा
अक्तूबर से शुरू होने वाले 2025-26 सत्र में देश का चीनी उत्पादन 3.49 करोड़ टन पहुंच सकता है। भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा विनिर्माता संघ (इस्मा) ने बृहस्पतिवार को कहा, महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक और तमिलनाडु में गन्ने की बेहतर गुणवत्ता चीनी उत्पादन में मामूली वृद्धि को समर्थन दे रही है। हालांकि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मामूली गिरावट से वृद्धि पर असर पड़ सकता है। इस्मा ने कहा, 2025-26 चीनी सत्र के लिए 3.49 करोड़ उत्पादन की संभावना जुलाई, 2025 के अनुमान के अनुरूप है, जो क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद उत्पादन अपेक्षाओं में स्थिरता का संकेत देता है। उद्योग निकाय अक्तूबर, 2025 में फसल की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करेगा और अक्तूबर या नवंबर 2025 में अपना पहला अग्रिम अनुमान जारी करेगा। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बारे मे इस्मा ने कहा, अनुकूल मानसून, प्रमुख क्षेत्रों में अगस्त में हुई प्रचुर बारिश और जलाशयों के उच्च स्तर के साथ अच्छी फसल की उम्मीदें मजबूत हुई हैं। सरकार ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है।

चीन, बहरीन, थाईलैंड से ग्लास फाइबर आयात पर लग सकता है डंपिंग शुल्क
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने बहरीन, चीन और थाईलैंड से इलेक्ट्रिकल्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले ग्लास फाइबर के आयात पर पांच साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है। व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि संबंधित उत्पाद को भारत में सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया गया, जिससे डंपिंग हुई। अनुशंसित शुल्क 194 डॉलर से लेकर 394 डॉलर प्रति टन के बीच है। डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा, सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों को नुकसान हो रहा है। इससे उन्हें बचाने के लिए चीन, बहरीन और थाईलैंड से उत्पाद के आयात पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है। हालांकि, अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेगा।

रियल एस्टेट क्षेत्र को 15 साल में 80 अरब डॉलर का मिला निवेश
भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र ने पिछले 15 साल में करीब 80 अरब डॉलर का संस्थागत निवेश हासिल किया है। इसमें विदेशी निवेशकों का योगदान 57 फीसदी है। रियल्टी क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई और सलाहकार कोलियर्स इंडिया ने बृहस्पतिवार को संयुक्त रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया, पिछले 15 वर्षों में भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कोविड महामारी के बाद घरेलू पूंजी की हिस्सेदारी भी बढ़ी है। रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार 2047 तक 5-10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। क्रेडाई के अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा, 2047 तक भारतीय रियल एस्टेट को सिर्फ वर्ग फुट या परिसंपत्ति मूल्यों में नहीं मापा जाएगा, बल्कि यह लाखों नागरिकों के लिए हमारी ओर से बनाए गए जीवन की गुणवत्ता से परिभाषित होगा। उन्होंने कहा, यह क्षेत्र शहरी भविष्य की पुनर्कल्पना करने के लिए अद्वितीय स्थिति में है। कोलियर्स इंडिया के सीईओ बादल याग्निक ने कहा, भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र समावेशी शहरीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक बना रहेगा।

लुधियाना सीजीएसटी अधिकारियों ने 5.29 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी
केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने लोहा व इस्पात क्षेत्र की एक फर्जी फर्म का भंडाफोड़ किया है। इसने 29.43 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए और 5.29 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि फर्जी फर्म, जो इनपुट टैक्स क्रेडिट को धोखाधड़ी से पारित करने के लिए स्थापित की गई थी, मंडी गोबिंदगढ़, जिला फतेहगढ़ साहिब में स्थित थी। लुधियाना सीजीएसटी आयुक्तालय ने इसका भंडाफोड़ किया।

जांच में पता चला कि फर्म ने 29.43 करोड़ रुपये के फर्जी बिल प्राप्त किए और उन्हें पास किया, जिससे 5.29 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी हुई। इन फर्जी चालानों को समर्थन देने के लिए, फर्म ने जीएसटी प्रवर्तन एजेंसियों की जांच से बचने के लिए फर्जी ई-वे बिल और अन्य संबंधित दस्तावेज तैयार किए थे। बयान में कहा गया कि फर्म के मालिक को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

अफीम की खेती के लिए वार्षिक लाइसेंसिंग नीति की घोषणा
सरकार ने अफीम की खेती के लिए वार्षिक लाइसेंसिंग नीति की घोषणा की। यह मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों के किसानों के लिए है। लाइसेंसिंग नीति 1 अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक अफीम फसल वर्ष के दौरान जारी रहेगी।

अफीम फसल वर्ष वह वार्षिक अवधि है जिसके दौरान लाइसेंस प्राप्त किसानों को अफीम की खेती करने की अनुमति होती है। अफीम का नियंत्रित उत्पादन इसके एल्कलॉइड प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो कई प्रकार की वैध दवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं। शर्तों के अनुसार, इन राज्यों में लगभग 1.21 लाख किसान अफीम की खेती के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के पात्र होने का अनुमान है। यह पिछले फसल वर्ष में जारी किए गए लाइसेंसों की संख्या से 23.5 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार, इस नीति से लगभग 15,000 अतिरिक्त किसान इस दायरे में आएंगे, जिन्हें इस वर्ष अफीम की खेती से लाभ मिलने की उम्मीद है।

आरबीआई ने फोनपे पर 21 लाख रुपये का लगाया जुर्माना 

भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) से संबंधित कुछ मानदंडों का पालन नहीं करने पर फोनपे लिमिटेड पर 21 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंकिंग नियामक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक की ओर से अक्तूबर 2023 से दिसंबर 2024 की के दौरान कंपनी के संचालन का निरीक्षण किया था। इसके निष्कर्ष में पता चला था कि आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। शीर्ष बैंक ने कहा कि फोनपे को एक नोटिस जारी किया गया था। इसमें उसे कारण बताने के लिए कहा गया था कि उक्त निर्देशों का पालन करने में विफल रहने के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर कंपनी के जवाब, उसकी ओर से दी गई जानकारियों और और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक रूप से दी गई सूचनाओं पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने पाया कि कंपनी के विरुद्ध आरोप सही हैं। आरबीआई ने कहा, "कंपनी के एस्क्रो खाते में दिन के अंत में शेष राशि बकाया पीपीएल और कुछ दिनों में व्यापारियों को देय भुगतान के मूल्य से कम थी। कंपनी ने उक्त एस्क्रो खाते में कमी की सूचना आरबीआई को तुरंत नहीं दी।" आरबीआई ने यह भी कहा कि यह जुर्माना विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।

सेबी ने नीलामी सत्र समापन प्रस्ताव पर टिप्पणी के लिए समय सीमा 19 सितंबर तक बढ़ाई
बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को इक्विटी नकदी खंड में समापन नीलामी सत्र (सीएएस) शुरू करने के प्रस्ताव वाले अपने परामर्श पत्र पर सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए समय सीमा एक सप्ताह बढ़ाकर 19 सितंबर कर दी। नियामक ने 22 अगस्त को परामर्श पत्र जारी किया था। इससे पहले, सेबी ने हितधारकों और जनता से 12 सितंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की थीं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक नोटिस में कहा, "सेबी को प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर, उक्त परामर्श पत्र पर सार्वजनिक टिप्पणियां प्रस्तुत करने की समयसीमा 19 सितंबर, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।" पिछले महीने, सेबी ने एक परामर्श पत्र जारी किया था। इसमें इक्विटी नकदी बाजार में सीएएस के लिए एक नए ढांचे का प्रस्ताव दिया गया था। इसकी शुरुआत शेयरों के समापन मूल्य निर्धारित करने के लिए अत्यधिक तरल डेरिवेटिव स्टॉक से की गई थी।

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