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कारोबार: लागत में कटौती के लिए छोटे शहरों में आक्रामक भर्तियां कर रहीं कंपनियां, कम वेतन पर मिल रहे कर्मचारी

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Wed, 29 Jan 2025 07:30 AM IST
सार

जानकारी के मुताबिक, वेदांता डिजिटल परिवर्तन, इंजीनियरिंग और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रतिभाओं की तलाश कर रही है। आरपीजी समूह विनिर्माण, बिक्री के साथ रिन्यूएबल एनर्जी जैसे उभरते हुए क्षेत्रों पर ध्यान दे रहा है।

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companies cost cutting aggressive recruitment in tier two and three small cities
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देश की बड़ी कंपनियां लागत घटाने और प्रतिभाओं तक आसानी से पहुंचने के लिए अब लखनऊ एवं जोधपुर जैसे छोटे शहरों में कार्यालय खोल रही हैं और आक्रामक तरीके से भर्तियां भी कर रही हैं। कंपनियों के छोटे शहरों की ओर रुख करने की तीन बड़ी वजह हैं। पहला...इन शहरों में कम खर्च होता है। दूसरा...परिचालन लागत घटती है। तीसरा...कम वेतन पर अच्छे कर्मचारी मिल जाते हैं।

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जानकारी के मुताबिक, वेदांता डिजिटल परिवर्तन, इंजीनियरिंग और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रतिभाओं की तलाश कर रही है। आरपीजी समूह विनिर्माण, बिक्री के साथ रिन्यूएबल एनर्जी जैसे उभरते हुए क्षेत्रों पर ध्यान दे रहा है। वेदांता की एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस साल कारोबार पुनर्गठन के कारण कंपनी पूरे भारत में अच्छी संख्या में नियुक्तियां करने पर विचार कर रही है। इसमें प्रमुख रूप से टियर-2 और टियर-3 शहर शामिल हैं।
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वेदांता ने भुवनेश्वर, रांची, झारसुगुड़ा, रायपुर, बाड़मेर और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में बड़े स्तर पर लोगों की भर्तियां की है।

...20 फीसदी तक घट जाती है कंपनियों की परिचालन लागत
डेलॉय इंडिया के पार्टनर वामसी करावाडी का कहना है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में भर्तियों से कंपनियों का परिचालन खर्च 10-20 फीसदी तक घट जाता है। इसमें कार्यालयों के किराये, कम वेतन और नौकरी छोड़ने की कम दर प्रमुख हैं।

  • आईबीएम इंडिया व साउथ एशिया के उपाध्यक्ष टी नागराजन ने कहा, छोटे शहरों से प्रतिभाओं को लाकर महानगरों में रखने के बजाय हम अपने कार्यालयों को उनके पास ही लेकर जा रहे हैं।

आईबीएम प्रतिभाओं के लिए शिक्षा संस्थानों की ले रही मदद
आईबीएम ने जिन शहरों में विस्तार किया है, उनमें प्रमुख रूप से गांधीनगर, भुवनेश्वर, कोच्चि, मैसूर और कोयंबतूर हैं। आईबीएम इंडिया तीन वर्षों से प्रतिभाओं को विकसित करने की आक्रामक रणनीति अपना रही है, जो इस साल भी जारी रहेगी।

  • कंपनी छोटे शहरों के स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों से प्रतिभाओं का दोहन करने के साथ कुशल पेशेवरों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ा रही है।
  • आईबीएम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, क्लाउड प्लेटफॉर्म, उत्पाद डिजाइन और बिजनेस प्रोसेस सेवाओं में भूमिकाओं पर ध्यान दे रही है।

टेक कंपनियों ने भी किया छोटे शहरों का रुख
टेक कंपनियां भी टियर-2 और टियर-3 शहरों से आक्रामक रूप से भर्ती कर रही हैं। मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, बुनियादी ढांचे और ग्राहक सहायता भूमिकाओं को लक्षित कर रही हैं। करावाडी ने कहा, मौजूदा अनुमान से पता चलता है कि 15-20 फीसदी तकनीकी कार्यबल पहले से ही कोयंबतूर, तिरुवनंतपुरम, भुवनेश्वर, जयपुर, नागपुर और इंदौर जैसे शहरों से आते हैं।

  • टेक कंपनी जेनपेक्ट की ग्लोबल हायरिंग लीडर रितु भाटिया ने कहा, हमारा मानना है कि जोधपुर, लखनऊ, वारंगल एवं मदुरै कुशल और सक्षम श्रमबल के समृद्ध समूहों के लिए एक प्रमुख स्थान है। ऐसे में कंपनियों का फोकस इन्हीं शहरों पर है।
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