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Biz Updates: बायजू मामले में COC को बैठक न करने का अंतरिम आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, पढ़ें अहम खबरें

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Thu, 22 Aug 2024 08:13 PM IST
सार

Biz Updates: बायजू का संचालन करने वाली मूल कंपनी थिंक एंड लर्न को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें एड-टेक प्रमुख के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को अलग रखा गया था और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी दी गई थी।

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Court refuses to give interim order to CoC not to hold meeting in Byju case Business News and Updates
बिजनेस अपडेट्स - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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उच्चतम न्यायालय ने वित्तीय संकट से घिरी शिक्षा-प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही जारी रखने के लिए कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को कोई बैठक नहीं आयोजित करने का अंतरिम आदेश देने से गुरुवार को इनकार कर दिया।

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हालांकि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह 27 अगस्त को इस मामले में अंतिम सुनवाई करेगी।
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पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई तक होने वाले घटनाक्रमों को वह नकार सकती है अगर उसे यह लगता है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले के खिलाफ अमेरिका की कर्जदाता ग्लास ट्रस्ट कंपनी की तरफ से दायर अपील में कोई दम नहीं है।

बायजू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एक दिन पहले सीओसी का गठन कर दिया गया है और 98 प्रतिशत हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी के पास है।

बायजू का संचालन करने वाली मूल कंपनी थिंक एंड लर्न को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें एड-टेक प्रमुख के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को अलग रखा गया था और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी दी गई थी।

इससे पहले दो अगस्त का अपीलीय न्यायाधिकरण का फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया था क्योंकि इसने प्रभावी रूप से संस्थापक बायजू रवींद्रन को फिर से नियंत्रण में ला दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी के फैसले को प्रथम दृष्टया ‘अनुचित’ करार देते हुए रोक लगा दी थी।

यह मामला बीसीसीआई के साथ एक प्रायोजन सौदे से संबंधित 158.9 करोड़ रुपये के भुगतान में बायजू की चूक से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई को निर्देश दिया था कि वह बायजू से समझौते के बाद प्राप्त 158 करोड़ रुपये की राशि को अगले आदेश तक एक अलग एस्क्रो खाते में रखे।

बायजू ने 2019 में बीसीसीआई के साथ ‘टीम प्रायोजक समझौता’ किया था। कंपनी ने 2022 के मध्य तक अपने दायित्वों को पूरा किया, लेकिन 158.9 करोड़ रुपये के बाद के भुगतानों में चूक कर गई।

नई दिल्ली: सरकार ने सीप्लेन संचालन के लिए सरल मानदंडों की घोषणा की
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को सीप्लेन संचालन के लिए सरलीकृत नियमों की घोषणा की। इसका उद्देश्य गैर-अनुसूचित संस्थाओं को ऐसी सेवाएं संचालित करने की अनुमति देना और एक सरलीकृत प्रमाणपत्र प्रक्रिया लागू करना शामिल है। थिल किए गए मानदंडों का उद्देश्य क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत सीप्लेन संचालन को प्रोत्साहित करना है।

आम तौर पर, सीप्लेन ऐसे विमान होते हैं जो समुद्र की सतह से उड़ान भर सकते हैं और समुद्र की सतह पर उतर सकते हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के शिथिल मानदंडों के तहत, वाटरड्रोम लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं होगी और अनुपालन आवश्यकताओं को भी कम कर दिया गया है।

एयरटेल को 194 करोड़ रुपये का जीएसटी मांग नोटिस
 वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अपीलीय प्राधिकरण ने भारती एयरटेल को दूरसंचार विभाग की ओर से मांगे गए लाइसेंस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क पर 194 करोड़ के कर भुगतान का आदेश दिया है। 
मामला दूरसंचार विभाग की ओर से जारी डिमांड नोट के आधार पर लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग चार्ज पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत जीएसटी विभाग के 604.66 करोड़ रुपये के कर मांग से जुड़ा है। कंपनी ने आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी।  

 ईएसआईसी ने 21.67 लाख नए सदस्य जोड़े
 कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने जून, 2024 में अपनी ईएसआई योजना के तहत 21.67 लाख नए सदस्य जोड़े हैं। नियमित वेतन पर रखे कर्मचारियों के आंकड़ों के अनुसार, यह एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में सात फीसदी अधिक है।  

 कल्पतरु प्रोजेक्ट्स को मिला जीएसटी नोटिस
 कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लि. को जीएसटी विभाग से नोटिस मिला है। कंपनी ने कहा, विभाग ने 2019-20 के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के अधिक दावे के आधार पर 10.50 लाख रुपये का कर व 1.50 लाख रुपये का जुर्माने भुगतान करने की मांग की है।  

हिंदुस्तान जिंक पर 10.73 लाख का जुर्माना
वेंदाता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लि. पर बीएसई व एनएसई ने 5.37-5.37 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा, बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या से संबंधित सेबी के नियमों का अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना लगा है।  
 

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