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ICRA: वित्त वर्ष 2026 में बड़े शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग रिकॉर्ड स्तर पर, रिपोर्ट में किया गया ये बड़ा दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Wed, 26 Nov 2025 03:12 PM IST
सार

आईसीआरए की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 में देश के शीर्ष छह शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग बढ़कर 69-70 मिलियन वर्ग फीट तक पहुंच गई है। ऑफिस स्पेस की मांग में आ रही तेज बढ़त का बड़ा कारण वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCCs), फ्लेक्स-स्पेस ऑपरेटरों और बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं व बीमा (BFSI) सेक्टर का तेजी से विस्तार है।

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Demand for office space in major cities will reach record levels in FY2026, a report claims
दफ्तर - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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वित्त वर्ष 2026 में देश के शीर्ष छह शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग बढ़कर 69-70 मिलियन वर्ग फीट तक पहुंच गई है। यह छह शहर हैं बंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे। रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 

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ICRA के अनुसार, नेट अब्जॉर्प्शन यानी ली गई जगह में से खाली की गई जगह घटाने के बाद बची वास्तविक मांग लगातार तीसरे वर्ष नई सप्लाई से ऊपर रहेगा। इसके चलते ऑफिस सेगमेंट में रिक्ति दर (वैकेंसी रेट) मार्च 2027 तक कम होकर 12 से 12.5% पर आ सकती है, जो हाल के वर्षों में सबसे निचला स्तर होगा।

वित्त वर्ष 2025 में दिखी मजबूत रिकवरी 

यह उछाल वित्त वर्ष 2025  के मजबूत प्रदर्शन के बाद दिख रहा है, जब नेट अब्जॉर्प्शन 15% की वार्षिक बढ़त के साथ 66 msf तक पहुंच गया था और नई सप्लाई (58 msf) को पीछे छोड़ दिया था। FY2026 की पहली छमाही में भी यह रुझान जारी रहा, जहां 36 msf स्पेस अवशोषित हुआ, जबकि नई सप्लाई 30.6 msf रही।

वैश्विक क्षमता केंद्रों में दिखी तेजी 

एजेंसी की कॉर्पोरेट रेटिंग्स की उपाध्यक्ष और को-ग्रुप हेड अनुपमा रेड्डी ने कहा कि ऑफिस स्पेस की मांग में आ रही तेज बढ़त का बड़ा कारण वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCCs), फ्लेक्स-स्पेस ऑपरेटरों और बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं व बीमा (BFSI) सेक्टर का तेजी से विस्तार है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में नीतिगत सख्ती और व्यापार प्रतिबंधों जैसे वैश्विक दबावों के बावजूद भारत में जीसीसी की ओर से ऑफिस लीजिंग गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं।

जीसीसी बनने वाले हैं सबसे बड़ा ग्रोथ इंजन

रेड्डी ने अनुमान जताया कि अप्रैल 2025 से मार्च 2027 के बीच जीसीसी 50-55 एमएसएफ ऑफिस स्पेस लीज करेंगे, जो कुल नई मांग का करीब 40% हिस्सा होगा। उनके अनुसार, GCCs और BFSI से जारी मजबूत मांग, साथ ही भारत की लागत और प्रतिभा (टैलेंट) संबंधी बढ़त, सेक्टर को स्थिर और दीर्घकालिक विकास के नए चरण में ले जा रही है।

ICRA के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-2025 के दौरान भारत में कुल नेट अब्जॉर्प्शन का 35-37% हिस्सा जीसीसी से आया है। यह ऑफिस रियल एस्टेट की सबसे मजबूत नींवों में से एक बन चुका है। राज्य सरकारों की ओर से सब्सिडी, इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट और विशेष प्रोत्साहनों ने भी जीसीसी के विस्तार को गति दी है।

बंगलूरू है देश का सबसे सक्रिय ऑफिस बाजार

रिपोर्ट के अनुसार बंगलूरू अब भी देश का सबसे सक्रिय ऑफिस बाजार बना हुआ है। यहां रिक्ति दर सितंबर 2025 के 9.2% से घटकर मार्च 2027 तक 7.5-8% पर आने की उम्मीद है, जो मांग की स्थिरता को दर्शाता है।

अन्य शहरों में भी सुधार की उम्मीद

चेन्नई की वैकेंसी दर 5.5-6% तक गिर सकती है, जो इसे देश के सबसे टाइट (कम उपलब्ध) ऑफिस मार्केट्स में से एक बना देगा। दिल्ली-एनसीआर, जहां वैकेंसी सबसे अधिक है, वहां भी स्थिति में कुछ सुधार दिखाई देगा , रिक्ति दर 21% से घटकर 19.5 से 20% पर आ सकती है। हैदराबाद और पुणे में वैकेंसी के स्थिर रहने का अनुमान है, जबकि एमएमआर में और गिरावट की उम्मीद है, जो वहां जारी मजबूत मांग का संकेत देता है।

निवेशकों के लिए आकर्षक हो रहा ऑफिस सेगमेंट

रेड्डी का कहना है कि ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचते वैकेंसी रेट और मजबूत डेब्ट-प्रोटेक्शन मेट्रिक्स के कारण यह सेक्टर घरेलू और विदेशी दोनों ही निवेशकों के लिए तेजी से आकर्षक बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की स्केलेबल टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम और निरंतर नीति समर्थन इसे एक वैश्विक ऑफिस हब के रूप में और मजबूत स्थिति में ला रहे हैं।


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