Trade: भारत-जर्मनी के बीच व्यापारिक सुगमता बढ़ाने पर चर्चा, स्पेस व रक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की तैयारी
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने जर्मन संघीय विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को लेकर चर्चा की। इस बैठक में व्यापार बढ़ाने और बाजार पहुंच आसान बनाने पर जोर दिया गया।
विस्तार
भारत और जर्मनी ने व्यापार सुविधा और बाजार पहुंच को मजबूत करने पर चर्चा की। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में भारत और जर्मनी के कारोबारी प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक की। इस बैठक की सह-अध्यक्षता जर्मनी के संघीय विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने की। जर्मन विदेश मंत्री दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं।
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रक्षा और नवाचार पर दिया गया जोर
पीयूष गोयल ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि हमने रक्षा, अंतरिक्ष, नवाचार और ऑटोमोबाइल में सहयोग के अवसरों की भी खोज की। इससे हमारी साझेदारी की व्यापक संभावना पर बल मिला।
Co-chaired a meeting with the business delegations from India and Germany along with Mr. Johann Wadephul, Federal Minister for Foreign Affairs, Germany @AussenMinDE.
We discussed strengthening trade facilitation, regulatory frameworks, and market access.
We also explored… pic.twitter.com/m5dzDeK4F7— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 3, 2025
भारत- ईयू एफटीए जल्द पूरा होने की संभावना
यात्रा के दौरान, जर्मन विदेश मंत्री ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द ही अंतिम रूप देने के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता की दोबारा पुष्टि की। भारत और यूरोपीय संघ का लक्ष्य 2025 के अंत तक महत्वकांक्षी एफटीए को पूरा करना है।
वेडफुल ने भारत की भूमिका को रेखांकित किया
मंगलावर को जोहान वेडफुल बंगलूरू पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) का दौरा किया। अपनी यात्रा से पहले उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मंच पर एक प्रमुख साझेदार के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया । वेडफुल ने जर्मनी और भारत के बीच घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया। साथ ही विस्तारित हो रही रणनीतिक साझेदारी को महत्वपूर्ण क्षमता वाला बताया।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की आवाज रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र से परे भी सुनी जाती है। यही कारण है कि मैं आज वार्ता के लिए बंगलूरू और नई दिल्ली की यात्रा कर रहा हूं।
भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच भारत की साझेदारी अहम
उन्होंने कहा कि भारत हमारी सदी की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाता है। हम लोकतंत्र के रूप में इसमें स्वाभाविक भागीदार हैं। विशाल भू-राजनीतिक चुनौतियों को देखते हुए, हम चाहते हैं कि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को हम मिलकर संरक्षित रखें।
जर्मनी और भारत के संबंध के 70 वर्ष पूरे
जर्मनी यूरोप में भारत के सबसे मूल्यवान साझेदारों में से एक है। दोनों देशों के बीच एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी है। यह 1951 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से पिछले दशकों में लगातार बढ़ी है। मार्च 2021 में, दोनों पक्षों ने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे किए।