ITR फाइल करते वक्त न दें इनकी फर्जी रसीदें, आगे चलकर हो जाएगी बड़ी मुश्किल
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में अगर आपने अभी तक अपने रिटर्न को नहीं दाखिल किया है, तो कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जिनका आपका लिए जानना बेहद जरूरी है। मौजूदा वित्त वर्ष में आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त किसी भी तरह की फर्जी रसीदें देने से बचें। कई लोग टैक्स बचाने के लिए ऐसा करते रहे हैं, लेकिन अब सभी आयकर दाताओं को ऐसा करने पर नुकसान उठाना पड़ेगा।
सबसे ज्यादा इनकी फर्जी रसीदें
टैक्स बचाने के लिए लोग हाथ से लिखी रसीदों को लगा देते थे। हालांकि इनको वैरिफाई करना आयकर विभाग के लिए काफी मुश्किल होता था। मूल्यांकन वर्ष 2019-20 से आयकर विभाग ऐसी गतिविधियों पर और सख्ती करने जा रहा है। यदि जांच में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया तो विभाग नोटिस जारी करेगा।
किराये की फर्जी रसीद पर अंकुश
दरअसल एक लाख रुपये तक सालाना किराये पर मकान मालिक की पैन डिटेल नहीं देनी होती है। करदाता इसी का फायदा उठाते हैं। आयकर विभाग ने इस बार नए संशोधित रिटर्न फार्म को इस तरह से तैयार किया है कि गलत दस्तावेज लगाने वाले तत्काल पकड़ में आ जाएंगे।
नहीं दे पाएंगे पेट्रोल की हाथ लिखी पर्ची
कई लोगों को कंपनियों से पेट्रोल-डीजल पर भी भत्ता मिलता है। लोग पेट्रोल पंप पर ईंधन लेकर के उसकी भी हाथ लिखी रसीद ले लेते हैं, ताकि उसका क्लेम किया जा सके। नए कानून के हिसाब से केवल मशीन से प्रिंट हुई रसीद ही मान्य होगी। ऐसे में आप पेट्रोल पंप की हाथ लिखी रसीद को नहीं दे सकते हैं। अब आयकर रिटर्न दाखिल करते वक्त केवल प्रिंटेड रसीद ही मान्य होगी, जो मशीन से निकलती है।
बच्चों की कोचिंग फीस
आमतौर पर बच्चों की शिक्षा पर होने वाले खर्च पर भी आयकर में छूट मिलती है। अगर आपका बच्चा भी स्कूल या फिर किसी कोचिंग संस्था में पढ़ता है, तो उसकी फीस की सही रसीद को ही जमा करें। हाथ लिखी रसीद को जमा करने पर आप मुश्किल में फंस सकते हैं। फॉर्म 16 में इसकी गलत जानकारी देने पर विभाग आप पर जुर्माना लगा सकता है।
होटल का फर्जी बिल
कई लोगों को कंपनी की तरफ से एलटीसीजी का लाभ मिलता है। लोग अपनी कंपनियों से ज्यादा पैसा लेने के लिए होटल से भी ज्यादा किराये और खाने-पीने का हाथ लिखा बिल बनवा लेते हैं और उसी को जमा कर देते हैं। हालांकि इससे भी लोग मुश्किल में फंस सकते हैं। आयकर विभाग को अगर किसी तरह की कोई अनियमिता दिखी, तो फिर वह आपको नोटिस भेज सकता है।
क्यों फाइल करना है जरूरी
भारत में सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वाले लोगों के लिए इनकम टैक्स भरना जरूरी है। ऐसे में हम आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। इनकम टैक्स भरने से आपको ने केवल अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलती है, बल्कि आपको लोन भी आसानी से मिल जाता है। इतना ही नहीं, आपको बीमा लेने में और प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने में होगी आसानी हो सकती है।
आसानी से मिल जाएगा लोन
लोन लेते समय बैंक या कोई भी वित्तीय संस्था सबसे पहले आपकी आय देखती है। आपकी वित्तीय क्षमता के हिसाब से ही आपको लेन दिया जाता है। ऐसे में आपके द्वारा फाइल किया गया इनकम टैक्स रिटर्न काम आ सकता है। आईटीआर से आपकी आमदनी की पुष्टि हो सकती है। ऐसे बहुत से वित्तीय संस्था हैं जो आपकी आईटीआर में दी गई जानकारी के आधार पर ही लोन देती हैं। इसलिए लोन लेने के लिए आईटीआर मददगार साबित हो सकता है।
इनके लिए 31 अगस्त आखिरी तारीख
आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और जिन लोगों के खातों की ऑडिटिंग की जरूरत नहीं है, इन तीनों ही वर्गों के लिए आखिरी तारीख 31 अगस्त 2019 हो गई है। लेकिन कंपनी और कंपनी के वर्किंग पार्टनर्स जैसे अन्य वर्गों के लिए 31 जुलाई आखिरी तारीख नहीं है।
इन वर्गों के लिए 30 सितंबर है आखिरी तारीख
ऐसी कंपनियां, फर्म का वर्किंग पार्टनर, इंडिविजुअल या अन्य एंटिटी जिनके अकाउंट्स की ऑडिटिंग जरूरी है, उनके लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिन तिथि 30 सितंबर है। वहीं ऐसे असेसीज जिन्हें सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट देनी होती है, उनके लिए अंतिम तिथि 30 नवंबर है। बता दें कि सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट तब जमा कराना पड़ता है जब टैक्सपेयर ने संबंधित वित्त वर्ष में दूसरे देश से लेनदेन किया है।
क्या होता है आकलन वर्ष ?
आकलन वर्ष का मतलब उस वित्त वर्ष के अगले वर्ष से है जिस वित्त वर्ष की आमदनी का आकलन किया जा रहा हो। इसी वर्ष में आप पिछले वित्त वर्ष का आईटीआर फाइल करते हैं। जैसे वित्त वर्ष 2019-20 का आकलन वर्ष 2020-21 होगा।
लगेगा इतना जुर्माना
समयसीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना लगेगा। 31 अगस्त 2019 के बाद लेकिन 31 दिसंबर 2019 से पहले आईटीआर फाइल करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं एक जनवरी से 31 मार्च 2020 तक आईटीआर फाइल करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।