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Mutual Funds: जुलाई में इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश 81% तक उछला, थीमैटिक और फ्लेक्सी कैप फंड्स की बढ़ी मांग
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: रिया दुबे
Updated Mon, 11 Aug 2025 05:36 PM IST
सार
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश जुलाई 2025 के दौरान 81 प्रतिशत बढ़ा। जानकारों का कहना कि म्यूचुलअ फंड के लगातार बढ़ते आंकड़े इसलिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं क्योंकि इससे पता चलता है कि बाजार में पैसा आ रहा है और रिटेल निवेशकों का बाजार पर भरोसा बना हुआ है।
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म्यूचुअल फंड्स
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश जुलाई 2025 के दौरान 81 प्रतिशत बढ़कर 42,702 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें थीमैटिक और फ्लैक्सी कैप फंड्स का सबसे अधिक योगदान है। सोमावार को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) द्वारा जारी आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई। आंकड़ों के अनुसार इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में जुलाई 2025 में 42,702 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। यह पिछले महीने 23,587 करोड़ रुपये के निवेश से काफी अधिक है। इक्विट फंड कैटेगरी में थीमैटिक फंड्स ने जुलाई में सबसे अधिक निवेश दर्ज किया है, जिसमें 9,426 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
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फ्लेक्सी कैप फंड और थीमैटिक फंड्स क्या है?
फ्लेक्सी कैप फंड ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड होते हैं जो किसी भी मार्केट कैप सेगमेंट, जैसे लार्ज-कैप, मिड-कैप या स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश करते हैं। ये फंड मैनेजरों को विभिन्न सेक्टरों और मार्केट कैप वाली किसी भी कंपनी के शेयरों में निवेश करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
थीमैटिक फंड्स, म्यूचुअल फंड्स का एक प्रकार है जो किसी खास थीम या ट्रेंड पर केंद्रित कंपनियों में निवेश करते हैं। ये फंड किसी विशिष्ट क्षेत्र, जैसे कि प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, या स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी कंपनियों को लक्षित करते हैं।
भारतीय खुदरा निवेशक अब परिपक्व हो गए
एलआईसी म्यूचुलअ फंड के एमडी और सीईओ रवि कुमार झा का कहना है कि म्यूचुलअ फंड के लगातार बढ़ते आंकड़े इसलिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं क्योंकि इससे पता चलता है कि बाजार में पैसा आ रहा है और रिटेल निवेशकों का बाजार पर भरोसा बना हुआ है। एसआईपी फ्लो का बढ़ना इस बात को दर्शाता है कि निवेशक लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर भरोसा कर रहे हैं।
इक्विटी आधारित योजनाओं की शुद्ध बिक्री में हुई वृद्धि
मोतीलाल ओसवाल के एसेट मैनेजमेंट के कार्यकारी निदेशक और मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुर्वेदी कहते हैं कि इक्विटी आधारित योजनाओं की शुद्ध बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि और लगभग 42,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। लार्ज कैप से लेकर फ्लेक्सी कैप और स्मॉल तक सभी कैटेगरी में 25 प्रतिशत से अधिक वृद्धि देखी गई है। थीमैटिक और लॉर्ज एंड मिडकैप जैसे बाकी कैटेगरी में भी अच्छी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारतीय खुदरा निवेशक अब परिपक्व हो गए हैं और अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी को सार्थक निवेश के रूप में गंभीरता से ले रहे हैं। उद्योग जगत के सभी हितधारकों से लगातार सकारात्मक संदेश और लंबी अवधि में भारतीय पूंजी बाजारों में व्यापक विश्वास ही इस भारी वृद्धि की प्रमुख कारण दिखाई दे रहा है।
निवेशकों का उत्साह म्यूचुअल फंड के परिदृश्य को दर्शाता है
स्मार्टवेल्थ एआई के संस्थापक और प्रमुख शोधकर्ता, स्मॉलकेस मैनेजर पंकज सिंह कहते हैं कि जुलाई 2025 के म्यूचुअल फंड के आंकड़ें, निवेशकों के बढ़ते उत्साह के साथ म्यूचुअल फंड को लेकर उनके परिदृश्य को दर्शाते हैं।
नए निवेश 1.78 लाख करोड़ रुपये पहुंच गए
नए निवेश 1.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए, जो जून के स्तर से पांच गुना अधिक है और 74 लाख नए फोलियो में जिनमें 31 लाख इक्विटी योजनाओं में शामिल है, जिसमें वृद्धि हुई है। इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश में लगातार पांच महीनों तक कम होने के बाद अंत में जून में इसमें वृद्धि दर्ज की गई, वहीं कुल इन्फ्लो जून के मुकाबले जुलाई में 3 गुना निवेश बढ़ा है। जून में कुल इन्फ्लो 49,095 करोड़ रुपये था, जो जुलाई में बढ़कर 1,78,794 करोड़ रुपये हो गया।
क्यों आई इक्विटी म्यूचुअल फंड के आंकड़ों में तेजी?
- जुलाई में 30 नए फंड ऑफर (एनएफओ) आए जिन्होंने 30,416 करोड़ रुपये जुटाए,
- मार्केट में गिरावट आन के बाद निवेशकों ने इसे मौका समझकर निवेश किया,
- मिडकैप और स्मॉलकैप की ओर निवेशकों का आकर्षण बढ़ा। मिडकैप में 5,182 करोड़ रुपये और स्मॉलकैप में 6,484 करोड़ रुपये का इन्फ्लो इस बात को दर्शाता है कि निवेशक तेज ग्रोथ को देख रहे हैं,
- वहीं वैश्विक और घरेलू बाजार के माहौल को देखते हुए सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में 28,464 करोड़ रुपये का इन्फ्लो निवेशकों में लंबे समय के निवेश परंपरा को दिखाता है, जो अब भारतीय निवेशक में मजबूत बनता जा रहा है,
- सबसे बड़ा कारण पिछले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड विशेषकर इक्विटी योजनाओं ने मजबूत रिटर्न दिए हैं, जिसकी वजह से ने नए निवेशक भी म्यूचुअल फंड से जुड़ रहे हैं।
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