थिमेटिक म्यूचुअल फंड से कब होता है बाहर निकलने का सही समय? जानिए इस बारे में
Thematic Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में सही समय पर एंट्री और एग्जिट रणनीति निवेश की सफलता की कुंजी है। लक्ष्य के नजदीक आने पर बैलेंस्ड और डेट फंड में शिफ्टिंग से अस्थिरता का जोखिम कम होता है। निवेशकों को अपनी व्यस्तता के बावजूद इस रणनीति को अपनाकर रिटर्न को सुरक्षित करना चाहिए। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
विस्तार
Thematic या Sectoral म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश की सफलता सही समय पर एंट्री और एग्जिट पर निर्भर करती है। म्यूचुअल फंड में ज्यादातर निवेशक एंट्री तो आसानी से कर लेते हैं, लेकिन एग्जिट के समय गलतियां कर बैठते हैं, जिससे बाजार की अस्थिरता उनके रिटर्न को प्रभावित करती है। S9 FINTECH के डायरेक्टर प्रसाद शेट्टी जो मनी अन्ना के नाम से लोकप्रिय हैं, ने निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचने के लिए कुछ खास रणनीति अपनाने की सलाह दी है। यह रणनीति निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रखती है और रिटर्न को भी ऊंचा बनाए रखने में मदद करती है। आइए, इस रणनीति को विस्तार से समझते हैं।
एग्जिट रणनीति का महत्व
निवेशकों के लिए एग्जिट रणनीति उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी एंट्री। प्रसाद शेट्टी ने बताया कि ज्यादातर निवेशक एग्जिट के समय गलतियां करते हैं, क्योंकि वे हर समय बाजार को ट्रैक नहीं कर सकते। लक्ष्य के दो-ढाई साल पहले निवेश को बैलेंस्ड फंड में और एक साल पहले डेट फंड में शिफ्ट करने से बाजार की अस्थिरता का असर आपकी निवेशित संपत्ति पर नहीं पड़ता। यह रणनीति रिटर्न और पूंजी को सुरक्षित रखती है।
बाजार अस्थिरता से बचाव
शेट्टी ने 2020 के बाजार गिरावट का उदाहरण देते हुए बताया कि अगर लक्ष्य के समय बाजार में गिरावट आती है, तो निवेशक के लाभ और पूंजी दोनों प्रभावित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि 2010 में 12 साल के लिए निवेश किया गया और 2020 में बाजार गिरा, तो लंबे समय का इंतजार बेकार हो सकता है। इसलिए, लक्ष्य के नजदीक आने पर धीरे-धीरे निवेश को बैलेंस्ड या डेट फंड में शिफ्ट करना चाहिए।
रिटायरमेंट के लिए SWP की सलाह
रिटायरमेंट जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान (SWP) सबसे बेहतर विकल्प है। शेट्टी ने सुझाव दिया कि 15 साल के लक्ष्य के लिए 13वें साल में निवेश को बैलेंस्ड या कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड में शिफ्ट करें। इससे नियमित आय सुनिश्चित होती है और बाजार की अस्थिरता का जोखिम कम होता है। यह रणनीति निवेशकों को स्थिर और सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है।
लक्ष्य के करीब सतर्कता जरूरी
लक्ष्य के नजदीक आने पर सतर्कता बरतना जरूरी है। शेट्टी ने बताया कि निवेशक को अपने लक्ष्य से दो-ढाई साल पहले बैलेंस्ड फंड में और एक साल पहले डेट फंड में शिफ्ट करना चाहिए। इससे बाजार की अस्थिरता से बचा जा सकता है। यह रणनीति सुनिश्चित करती है कि लंबे समय तक किए गए निवेश का रिटर्न सुरक्षित रहे और पूंजी पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
निवेशकों की व्यस्तता का ध्यान
निवेशक अपनी रोजमर्रा की जिंदगी और कामकाज में व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण वे हर समय बाजार को ट्रैक नहीं कर सकते। शेट्टी ने सलाह दी कि ऐसी स्थिति में स्वचालित रणनीति अपनानी चाहिए। लक्ष्य के समय के आधार पर निवेश को स्टेप-आउट करना, जैसे बैलेंस्ड और डेट फंड में शिफ्ट करना, निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचाने में मदद करता है।
रणनीति का कारण
शेट्टी ने बताया कि अगर लक्ष्य के समय बाजार में गिरावट आती है, तो निवेशक के वर्षों के धैर्य और रिटर्न बेकार हो सकते हैं। 2020 की बाजार गिरावट इसका उदाहरण है, जहां कई निवेशकों के लाभ और पूंजी प्रभावित हुई। इसलिए, लक्ष्य के नजदीक आने पर निवेश को कम जोखिम वाले फंड में शिफ्ट करना जरूरी है, ताकि रिटर्न और पूंजी सुरक्षित रहें।
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