NSE: शेयर बाजार में फंड जुटाने की रफ्तार तेज, FY26 में नवंबर तक 83 कंपनियों ने जुटाए 1.3 लाख करोड़ रुपये
एनएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में घरेलू शेयर बाजार में फंड जुटाने की रफ्तार मजबूत बनी हुई है। नवंबर 2025 तक 83 कंपनियों ने 1.3 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें 41% ताजा इक्विटी और 59% ऑफर फॉर सेल के जरिए आया।
विस्तार
घरेलू शेयर बाजार में चालू वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान फंड जुटाने की रफ्तार मजबूत बनी हुई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2025 तक 83 कंपनियों ने कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस दौरान कई बड़े और चर्चित आईपीओ (IPO) बाजार में आए, जिससे फंडरेजिंग को मजबूती मिली।
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ताजा इक्विटी और ऑफर फॉर सेल के आंकड़े
रिपोर्ट के अनुसार, मेनबोर्ड पर जुटाई गई कुल राशि में से 41 फीसदी ताजा इक्विटी के जरिए और 59 फीसदी ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से आई। ताजा इक्विटी के तहत कंपनियां नए शेयर जारी करती हैं, जिससे जुटाई गई पूरी राशि सीधे कंपनी को मिलती है और इसका इस्तेमाल विस्तार, नई परियोजनाओं या कर्ज चुकाने में किया जाता है। वहीं OFS के जरिए प्रमोटर या शुरुआती निवेशक अपने मौजूदा शेयर बेचते हैं।
सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक
एनएसई ने बताया कि हाल ही में सूचीबद्ध इन कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। यह घरेलू पूंजी बाजार की गहराई और बड़े इश्यू को समाहित करने की क्षमता को दर्शाता है।
निवेशकों की भागीदारी में हुए अहम बदलाव
निवेशकों की भागीदारी में भी अहम बदलाव देखने को मिला। रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 25 फीसदी हो गई, जो प्राथमिक बाजार में आम निवेशकों की बढ़ती रुचि को दिखाती है। वहीं, योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) की हिस्सेदारी में कुछ नरमी आई है।
एसएमई सेगमेंट में भी गतिविधियां तेज रहीं। एनएसई के इमर्ज प्लेटफॉर्म पर इस अवधि में 80 कंपनियां सूचीबद्ध हुईं, जिन्होंने कुल 3,911 करोड़ रुपये जुटाए। खास बात यह रही कि इसमें से 95 फीसदी राशि ताजा इक्विटी के जरिए जुटाई गई, जिससे छोटे और मझोले उद्यमों को विकास के लिए पूंजी मिली।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हालिया नियामकीय सुधारों जैसे न्यूनतम पब्लिक इश्यू आवश्यकता में कमी, बड़े संस्थानों के लिए न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की समयसीमा बढ़ाना, एसएमई से मेनबोर्ड में माइग्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाना और बेहतर खुलासे के नियम ने भारत के लिस्टिंग इकोसिस्टम को और मजबूत किया है। कुल मिलाकर, मजबूत फंडरेजिंग, रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और सहायक नीतिगत कदम भारतीय पूंजी बाजार को दीर्घकालिक विकास का अहम आधार बना रहे हैं।
एनएसईएल निवेशकों की फोरम की वित्त मंत्रालय से अपील
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) के निवेशकों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था एनएसईएल इन्वेस्टर्स फोरम (NIF) ने स्वीकृत वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) के तेजी से क्रियान्वयन के लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क करने का फैसला किया है। यह सेटलमेंट राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा मंजूर किया जा चुका है।
एनआईएफ का कहना है कि यह समझौता NSEL, उसकी प्रमोटर कंपनी 63 मून्स टैक्नोलॉजी और निवेशकों के बीच वर्षों से चल रहे कानूनी विवादों के बाद एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ है। एनआईएफ के चेयरमैन शरद सराफ ने कहा कि NSEL और 63 मून्स के साथ हुआ यह ऐतिहासिक सेटलमेंट निवेशकों के लिए एक ठोस और न्यायसंगत समाधान है। लंबे समय से चली आ रही कानूनी अनिश्चितता के बाद अब उम्मीद जगी है। हम वित्त मंत्रालय से आग्रह करेंगे कि सेटलमेंट योजना को जल्द से जल्द लागू कराने में मदद करे।