BOB Report: सब्सिडी पर सरकार का खर्च वित्त वर्ष 2025 में बजट अनुमानों के पार जाने की उम्मीद, रिपोर्ट में दावा
BOB Report: बैंक ऑफ बड़ौदा रिपोर्ट के अनुसार, विपणन सीजन 2025-26 के लिए रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ने के बाद बजट आवंटन लगभग 10 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना है। इसके अलावे, भंडारण और परिवहन की ऊची लागत भी सब्सिडी खर्च को बढ़ा रही है। रिपोर्ट में और क्या कहा गया है, आइए जानें।
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वित्तीय वर्ष 2024-25 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च लगभग 4.1-4.2 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। यह राशि बजट अनुमानों से भी अधिक है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट के अनुसार, सब्सिडी बोझ बढ़ने का मुख्य कारण सरकार की ओर से खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर अधिक खर्च करना है। यह खर्च बजट आवंटन से भी अधिक होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "वित्त वर्ष 25 में कुल सब्सिडी बोझ लगभग 4.1-4.2 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, अगले वित्तीय वर्ष में सब्सिडी का भार कम होकर लगभग 4 लाख करोड़ रुपये रह सकती है"। सरकार ने वित्त वर्ष 25 के लिए खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम सहित प्रमुख सब्सिडी के लिए 3.8 लाख करोड़ रुपये का बजट अनुमान (बीई) निर्धारित किया था।
रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने के बाद सब्सिडी पर खर्च बढ़ा
बैंक ऑफ बड़ौदा रिपोर्ट के अनुसार, विपणन सीजन 2025-26 के लिए रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ने के बाद बजट आवंटन लगभग 10 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना है। इसके अलावे, भंडारण और परिवहन की ऊची लागत भी सब्सिडी खर्च को बढ़ा रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले उर्वरक सब्सिडी के बजट में 9-10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इस वृद्धि का कारण डॉलर में आई मजबूती है, क्योंकि इससे आयात की लागत बढ़ गई है।
खुदरा महंगाई को थामने के लिए सरकार दे रही अधिक वित्तीय सहायता
रिपोर्ट के अनुसार, खुदरा महंगाई बढ़ने से रोकने के लिए, सरकार अधिक वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इसके कारण, वित्त वर्ष 2025 में कुल सब्सिडी का बोझ 4.1-4.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, वित्त वर्ष 26 में कुछ राहत की उम्मीद है, क्योंकि आने वाले बजट में सरकार की ओर से सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाने की उम्मीद है। अगले वित्तीय वर्ष में सब्सिडी का कुल बोझ कम होकर लगभग 4 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। माना जा रहा है कि खाद्य सब्सिडी में बड़ी गिरावट आएगी और यह 2-2.1 लाख करोड़ रुपये के बीच सीमित रखी जाती है। दूसरी ओर, आयात लागत के निरंतर दबाव के कारण उर्वरक सब्सिडी 1.7-1.8 लाख करोड़ रुपये पर रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में वित्त वर्ष 25 के लिए सरकार के सकल उधारी लक्ष्य की भी बात की गई है। रिपोर्ट में इसे 14.01 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि शुद्ध उधारी 11.63 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। खर्च के क्षेत्रों में बचत के बावजूद, सरकार उधारी लक्ष्य को बनाए खकर छोटी बचत पर अपनी निर्भरता कम कर सकती है। वित्त वर्ष 26 में, शुद्ध उधारी 10.8 लाख करोड़ रुपये तक कम होने की उम्मीद है, जबकि 4.2 लाख करोड़ रुपये के पुनर्भुगतान सहित सकल उधारी लगभग 15 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।