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GST Collection: जून 2025 में जीएसटी कलेक्शन 6.2 प्रतिशत बढ़ा, 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर पहुंचा आंकड़ा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Tue, 01 Jul 2025 05:44 PM IST
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सार

मंगलावर को सरकारी आंकड़ों के अनुसार जून महीने में सकल जीएसटी संग्रह 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। घरेलू लेनदेन से सकल राजस्व 4.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से जीएसटी राजस्व 11.4 प्रतिशत बढ़कर 45,690 करोड़ रुपये हो गया।

GST collection increased by 6 percent in June 2025, the figure reached approx 2 lakh crore
जीएसटी संग्रह - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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घरेलू लेनदेन और आयात से प्राप्त राजस्व में वृद्धि के दम पर सकल जीएसटी संग्रह जून, 2025 में सालाना आधार पर 6.2 फीसदी बढ़कर 1,84,597 करोड़ रुपये पहुंच गया। इस वृद्धि के बावजूद जीएसटी संग्रह फरवरी, 2025 के बाद चार महीने में सबसे कम है। उस समय कर संग्रह 1,83,646 करोड़ रहा था। जून, 2024 में सरकार को जीएसटी के रूप में 1,73,813 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।

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मासिक आधार पर 8.18 फीसदी गिरावट
सरकार के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जीएसटी संग्रह सालाना आधार पर भले ही बढ़ा है, लेकिन मासिक आधार पर इसमें 8.18 फीसदी गिरावट रही। साथ ही, यह अप्रैल और मई में लगातार दो महीने तक दो लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने के बाद नीचे आ गया। जीएसटी संग्रह अप्रैल में 2.37 लाख करोड़ के सार्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जबकि मई में 2.01 लाख करोड़ रुपये था।
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उत्तर प्रदेश व पंजाब जैसे राज्यों में चार फीसदी तक गिरावट
आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों में जीएसटी संग्रह चार से आठ फीसदी बढ़ा है। वहीं, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में संग्रह एक से चार फीसदी तक घटा है। 

  • बड़े राज्यों में हरियाणा, बिहार और झारखंड में जीएसटी संग्रह में 10 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई। 
  • फीसदी के हिसाब से मणिपुर में जीएसटी संग्रह सर्वाधिक 71 फीसदी बढ़ा है। 



एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 11.4 फीसदी अधिक
घरेलू लेनदेन से प्राप्त सकल राजस्व पिछले माह 4.6 फीसदी बढ़कर 1.38 लाख करोड़ पहुंच गया। आयात से 45,690 करोड़ का राजस्व हासिल हुआ, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 11.4 फीसदी अधिक है। 

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कुल 1,84,597 करोड़ रुपये के कर संग्रह में केंद्रीय जीएसटी की हिस्सेदारी 34,558 करोड़ रही। राज्य जीएसटी का 43,268 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी का 93,280 करोड़ और उपकर का 13,491 करोड़ का योगदान रहा। 

GST collection increased by 6 percent in June 2025, the figure reached approx 2 lakh crore
जीएसटी संग्रह - फोटो : अमर उजाला प्रिंट
रिफंड में 28.4 फीसदी तेजी शुद्ध संग्रह 3.3 फीसदी बढ़ा
आंकड़ों के मुताबिक, जून में कुल रिफंड सालाना आधार पर 28.4 फीसदी बढ़कर 25,491 करोड़ रुपये रहा। रिफंड के बाद सरकार को शुद्ध जीएसटी संग्रह के रूप में करीब 1.59 लाख करोड़ की कमाई हुई है, जो सालाना 3.3 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। बीडीओ इंडिया के अप्रत्यक्ष कर साझेदार कार्तिक मणि ने कहा, घरेलू बाजार से वसूली और आयात राजस्व में गिरावट से शुद्ध जीएसटी संग्रह मई की तुलना में 8.48 फीसदी घटा है।

कारोबार सुगमता बढ़ाने और अनुपालन को बेहतर करने पर जीएसटी का जोर
वित्त मंत्रालय ने कहा, आठ साल पूरे कर चुके जीएसटी का जोर अब कारोबार को सुगम बनाने, मजबूत अनुपालन सुनिश्चित करने और व्यापक आर्थिक समावेश को बढ़ावा देने पर होगा। मंत्रालय ने जीएसटी के आठ साल पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा, यह अपने 9वें साल में प्रवेश कर रहा है। यह कारोबार को सरल बनाने के साथ मजबूत अनुपालन और व्यापक आर्थिक समावेश को प्राथमिकता देते हुए विकसित हो रहा है। इससे भारत की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका मजबूत हो रही है।
  • मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा, एक साझा राष्ट्रीय बाजार को बढ़ावा देकर जीएसटी प्रणाली ने कार्यकुशलता बढ़ाई है। कारोबारी लागत कम करने के साथ कराधान व्यवस्था को पारदर्शी बनाया है।

यूपीआई लेनदेन : रिकॉर्ड स्तर से चार फीसदी घटा
यूपीआई के जरिये लेनदेन में संख्या और मूल्य दोनों के लिहाज से मासिक आधार पर चार फीसदी तक गिरावट आई है। संख्या के लिहाज से यूपीआई लेनदेन जून, 2025 में 1.5 फीसदी घटकर 18.4 अरब रह गया, जो मई में 18.68 अरब के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। मूल्य के आधार पर यूपीआई लेनदेन मई के 25.14 लाख करोड़ रुपये से चार फीसदी घटकर 24.04 लाख करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, सालाना आधार पर संख्या और मूल्य के आधार पर यूपीआई लेनदेन में क्रमश: 32 फीसदी एवं 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।  
  • एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन यूपीआई लेनदेन की संख्या मई के 60.2 करोड़ से बढ़कर जून में 61.3 करोड़ पहुंच गई। हालांकि, दैनिक लेनदेन का मूल्य 81,106 करोड़ से घटकर 80,131 करोड़ रुपये रह गया।
  • संख्या और मूल्य के लिहाज से फास्टैग लेनदेन में भी मासिक आधार पर चार फीसदी गिरावट रही। इस दौरान फास्टैग के जरिये 6,793 करोड़ रुपये के 38.6 करोड़ लेनदेन हुए।

बिजली खपत : 1.5 फीसदी  कम होकर 150 अरब यूनिट
देश में बिजली की खपत जून में सालाना आधार पर 1.5 फीसदी घटकर 150.04 अरब यूनिट रही। मानसून के जल्दी आने के साथ एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों के कम इस्तेमाल से बिजली खपत में गिरावट आई है। जून, 2024 में बिजली की खपत 152.37 अरब यूनिट रही थी।
  • आंकड़ों के मुताबिक, जून में एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति (अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए की गई आपूर्ति) भी 244.52 गीगावाट से घटकर करीब 242.49 गीगावाट रह गई।
  • बिजली की अधिकतम मांग 231 गीगावाट थी, जबकि मई, 2024 में यह रिकॉर्ड 250 गीगावाट पहुंच गई थी। 2025 की गर्मियों में अधिकतम मांग 277 गीगावाट तक पहुंच सकती है।
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