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Health Insurance: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगाम कसने की तैयारी, केंद्र सरकार ने इरडा को भेजे कई प्रस्ताव
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: शिवम गर्ग
Updated Thu, 20 Nov 2025 05:02 AM IST
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स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगाम कसने की तैयारी
- फोटो : अमर उजाला प्रिन्ट/एजेंसी
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स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम लगातार बढ़ने से परेशान उपभोक्ताओं को जल्द ही राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार प्रीमियम में अनियंत्रित बढ़ोतरी को रोकने के लिए सीमा तय करने पर विचार कर रही है। इस दिशा में कई प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, जिन्हें समीक्षा के लिए भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) को भेजा गया है।
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सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी दरें शून्य होने के बावजूद प्रीमियम तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ती चिकित्सा लागत और दावा निपटान की असमान व्यवस्था बीमा कंपनियों पर दबाव बना रही है। इसी को देखते हुए सरकार ने बीमा उद्योग, अस्पताल समूहों और इरडा अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा शुरू की है।
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क्लेम निपटान को डिजिटल और पारदर्शी बनाने पर जोर
सरकार का फोकस राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज के जरिए दावों की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने पर है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि बीमा कंपनियां हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती का वास्तविक लाभ पॉलिसीधारकों तक पहुंचाएं।
एजेंट कमीशन व्यवस्था पर भी होगी जांच
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इरडा एजेंटों को मिलने वाली कमीशन प्रणाली की भी समीक्षा कर सकता है। फिलहाल यह कमीशन बीमा कंपनियों के प्रबंधन खर्च का हिस्सा होता है। एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के लिए यह सीमा ग्रॉस रिटेन प्रीमियम का 35 फीसदी निर्धारित है। नियमों के अनुसार, नई स्वास्थ्य पॉलिसियों पर एजेंटों को प्रीमियम राशि का 20 फीसदी तक और नवीनीकरण पर 10 फीसदी तक कमीशन मिलता है।
इरडा कम दावा निपटान पर सख्त
इरडा स्वास्थ्य बीमा बाजार में मौजूद कमियों की ओर लगातार इशारा करता रहा है। इनमें अपेक्षा से कम दावों के भुगतान के मामले प्रमुख हैं। इस महीने की शुरुआत में इरडा प्रमुख अजय सेठ ने दोहराया कि नियामक दावा निपटान राशि पर कड़ी निगरानी रखे हुए है और किसी भी अनियमितता पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार का मानना है कि बढ़ते प्रीमियम और असमान क्लेम निपटान जैसी समस्याओं पर अब निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है, ताकि पॉलिसीधारकों को वास्तविक सुरक्षा और राहत मिल सके।