H-1B Visa: 'तकनीक में प्रवासियों का योगदान असाधारण', US वीजा नीति में बदलाव के बीच गूगल के CEO सुंदर पिचाई
एच-1बी वीजा नीतियों को लेकर चल रहे विवाद के बीच गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र की वृद्धि में प्रवासियों की अहम भूमिका असाधारण रही है। पिचाई ने स्वीकार किया कि H-1B वीजा कार्यक्रम में अभी भी कई कमियां हैं, लेकिन प्रशासन इन्हें दूर करने पर काम कर रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं।
विस्तार
गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र की वृद्धि में प्रवासियों की अहम भूमिका को अहम बताया है। उन्होंने यह बात तब कही है जब एच-1बी वीजा को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है।
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एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के विकास के इतिहास में प्रवासियों का योगदान असाधारण रहा है। पिचाई ने स्वीकार किया कि H-1B वीजा कार्यक्रम में अभी भी कई कमियां हैं, लेकिन प्रशासन इन्हें दूर करने पर काम कर रहा है। उनके अनुसार, मौजूदा ढांचे में बदलाव किए जा रहे हैं ताकि विश्वभर से प्रतिभाशाली पेशवरों को अमेरिका लाने की प्रक्रिया सुचारु बन सके।
एच-बी वीजा के जरिए ही पिचाई ने कमाया इतना नाम
बता दें कि पिचाई खुद एक अंतरराष्ट्रीय छात्र के रूप में अमेरिका पहुंचे थे और बाद में एच-1बी वीजा के जरिए ही उन्होंने सिलिकॉन वैली में इतना नाम कमाया।
टेक लीडर्स और राजनीतिक सत्ता के बीच बढ़ती नजदीकियां
टेक लीडर्स और राजनीतिक सत्ता के बीच बढ़ती नजदीकियों पर उन्होंने कहा कि फिलहाल दुनिया एक असाधारण एआई मोड़ पर है। पिचाई ने कहा कि यह तकनीक अर्थव्यवस्था, राष्ट्रिय सुरक्षा और समाज सभी के लिए बड़े अवसर ला सकती है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्टपित ट्रंप ने एआई की रणनीतिक अहमियत को स्पष्ट रूप से रेंखाकित किया। ट्रंप ने इस तकनीक को विकसित करने वाली कंपनियों को लाभ पहुंचाने के कई प्रयास किए हैं। पिचाई के अनुसार सरकार के साथ करीबी संवाद इसलिए जरूरी है ताकि यह तकनीक समाज के हित में इस्तेमाल हो सके और इसके संभावित दुरुपयोग को भी रोका जा सके।
H-1B पर सख्ती और पिचाई की राय
विदेशी कर्मचारियों के वीजा पर व्हाइट हाउस की सख्ती पर पूछे गए सवाल के जवाब में पिचाई ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र के इतिहास में प्रवासियों का योगदान बेहद शानदार रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस भूमिका को समझती है और मौजूदा H-1B कार्यक्रम में मौजूद कमियों को दूर करने पर काम कर रही है, ताकि दुनिया भर से प्रतिभाशाली लोग अमेरिका आकर योगदान दे सकें। मुझे लगता है कि हम आगे भी निवेश जारी रख पाएंगे।
H-1B को लेकर बढ़ती राजनीतिक बहस
एच-1बी वीजा पर विवाद उस समय तेज हो गया जब राष्ट्रपति ट्रंप ने नए आवेदनों पर एक लाख डॉलर शुल्क लगाने का प्रस्ताव पेश किया। प्रशासन का कहना है कि उद्देश्य सिस्टम के दुरुपयोग पर रोक लगाना है, न कि इसे खत्म करना।
इसी बीच, कांग्रेस सदस्य मार्जोरी टेलर ग्रीन ने एक प्रस्ताव लाने की घोषणा की है, जिसके तहत H-1B कार्यक्रम को पूरी तरह समाप्त कर स्थायी निवास के रास्ते को भी बंद करने की योजना है। उनके प्रस्ताव में केवल डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए 10,000 वीजा का अपवाद शामिल है।
भारतीय पेशेवरों पर बड़ा प्रभाव
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इसका सबसे बड़ा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में H-1B स्वीकृत आवेदनों में 70% से अधिक हिस्सा भारतीयों का रहा है, खासकर STEM क्षेत्रों में उच्च मांग के कारण।