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IndiGo: इंडिगो की 900 करोड़ रुपये की ड्यूटी वापसी याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस, जानें क्या है मामला

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Fri, 19 Dec 2025 12:36 PM IST
सार

दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो एयरलाइन की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन की याचिका पर कस्टम विभाग से जवाब मांगा है। कंपनी ने विदेश में मरम्मत के बाद भारत लौटाए गए विमान इंजनों और पुर्जों पर अदा की गई 900 करोड़ रुपये से अधिक की कस्टम ड्यूटी की वापसी की मांग की है। आइए विस्तार से जानते हैं। 

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High Court issues notice to IndiGo on Rs 900 crore duty refund plea; know the matter
इंडिगो - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इंडिगो एयरलाइन का संचालन करने वाली इंटरग्लोब एविएशन की याचिका पर कस्टम विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका में विदेश में मरम्मत के बाद भारत लौटाए गए विमान इंजनों और उनके पुर्जों पर अदा की गई 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की कस्टम ड्यूटी वापस करने की मांग की गई है। अदालत ने विभाग को दो सप्ताह के भीतर जवाबी हल्फनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल 2026 को होगी।

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कंपनी ने क्या तर्क दिया?

न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनोद कुमार की पीठ के समक्ष कंपनी ने तर्क दिया कि ऐसे मामलों में कस्टम ड्यूटी लगाना संविधान के खिलाफ है और एक ही लेनदेन पर दो बार कर वसूलने के समान है। इंटरग्लोब के अनुसार, विमान इंजनों और पार्ट्स की मरम्मत एक सेवा है, जिस पर वह पहले ही रिवर्स चार्ज के तहत जीएसटी चुका चुकी है।

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कंपनी ने बताया कि दोबारा आयात के समय उसने बिना किसी विवाद के बेसिक कस्टम ड्यूटी का भुगतान किया था, लेकिन बाद में कस्टम अधिकारियों ने उसी लेनदेन को वस्तुओं के आयात के रूप में मानते हुए फिर से ड्यूटी लगाने की मांग की। इंटरग्लोब का कहना है कि इस मुद्दे पर पहले ही कस्टम्स ट्रिब्यूनल का फैसला आ चुका है, जिसमें साफ कहा गया था कि मरम्मत के बाद दोबारा आयात पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती।

याचिका में यह भी कहा गया है कि भले ही बाद में छूट से जुड़ी अधिसूचना में बदलाव किया गया हो, लेकिन ट्रिब्यूनल ने इसे केवल भविष्य के मामलों पर लागू माना था। इसके बावजूद कंपनी ने विरोध दर्ज कराते हुए 4,000 से अधिक बिल ऑफ एंट्री पर 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा कराई।

कस्टम विभाग ने किया याचिका का विरोध

वहीं कस्टम विभाग की ओर से याचिका का विरोध किया गया। विभाग ने अदालत को बताया कि इस मुद्दे से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और अभी इस पर कोई रोक नहीं लगी है। विभाग ने हाईकोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

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