Bank of Japan: बैंक ऑफ जापान के फैसले से वैश्विक बाजार में हलचल, जानें भारत पर क्या पड़ेगा असर
बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दर बढ़ाकर 0.75 फीसदी कर दी है, जो करीब तीन दशक का उच्चतम स्तर है। इस सख्ती से वैश्विक बाजारों में हलचल दिखी, जिसका असर भारत तक पहुंचा। अंतरराष्ट्रीय दबाव, मजबूत डॉलर और अमेरिका के नरम महंगाई आंकड़ों के चलते भारत में सोना और चांदी कमजोर रहे। आइए विस्तार से जानते हैं।
विस्तार
बैंक ऑफ जापान (BOJ) ने शुक्रवार को अपनी पॉलिसी ब्याज दर बढ़ाकर 0.75 फीसदी कर दी, जो सितंबर 1995 के बाद का उच्चतम स्तर है। यह फैसला जापान की मौद्रिक नीति में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, BOJ ने पिछले साल अपनी एक दशक से चली आ रही भारी मौद्रिक प्रोत्साहन नीति को समाप्त कर दिया था और इसके बाद जनवरी में ब्याज दर 0.25 फीसदी से बढ़ाकर 0.5 फीसदी की थी। केंद्रीय बैंक का मानना है कि जापान अब स्थायी रूप से 2 फीसदी के महंगाई लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है, खासकर वेतन में बढ़ोतरी के समर्थन से।
बीओजे ने अपने बयान में कहा कि दरों में बढ़ोतरी के बावजूद वास्तविक ब्याज दरें अभी भी नकारात्मक बनी रहेंगी और वित्तीय हालात अर्थव्यवस्था को समर्थन देते रहेंगे। हालांकि, इस कदम से वैश्विक बाजारों में हलचल देखी जा रही है, क्योंकि इससे येन की सस्ती फंडिंग वाली छवि प्रभावित हो सकती है। अब निवेशकों की नजरें गवर्नर काजुओ उएदा की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जहां आगे की नीति को लेकर संकेत मिलने की उम्मीद है।
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वैश्विक बाजारों के साथ-साथ भारत पर भी दिख सकता है असर
एसएंडपी 500 के भविष्य में मामूली बदलाव आया, जबकि डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज के भविष्य में 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। टोक्यो में, निक्केई 225 में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 49,568.66 पर पहुंच गया। उच्च ब्याज दरों के कारण लाभ में वृद्धि की संभावना वाली वित्तीय उद्योग की कंपनियों ने इस बढ़त का नेतृत्व किया। हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 0.4 प्रतिशत बढ़कर 25,610.50 पर पहुंच गया, जबकि शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.5 प्रतिशत बढ़कर 3,895.75 पर पहुंच गया। सियोल में, कोस्पी सूचकांक 0.5 प्रतिशत बढ़कर 8,628.70 पर पहुंच गया। ताइवान का सूचकांक 0.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि भारत में सेंसेक्स 0.2 प्रतिशत गिरा।
गुरुवार को, बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा अपनी प्रमुख ब्याज दर में कटौती करने और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा अपनी दर को स्थिर रखने के बाद यूरोपीय सूचकांकों में तेजी आई। एसएंडपी 500 में 0.8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई और यह 6,774.76 पर पहुंच गया, जिससे चार दिनों की लगातार गिरावट का सिलसिला टूट गया। डाउ जोन्स में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 47,951.85 पर पहुंच गया, जबकि तकनीकी शेयरों में मजबूती के चलते नैस्डैक कंपोजिट में बाजार में सबसे अधिक 1.4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई और यह 23,006.36 पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय संकेतों के कमजोर होने से भारत के वायदा बाजार में सोना और चांदी दबाव में कारोबार करते नजर आए। जानकारों का कहना है कि जापान में ब्याज दरों के बढ़ने से वैश्विक निवेश प्रवाह प्रभावित हो सकता है, जिसका असर उभरते बाजारों, जिनमें भारत भी शामिल है, पर पड़ना स्वाभाविक है।
भारत में सोने-चांदी की कीमतों पर असर
भारत में कीमती धातुओं की कीमतों पर अमेरिका से आए नरम महंगाई आंकड़ों का असर भी साफ दिख रहा है। अमेरिकी उपभोक्ता महंगाई दर नवंबर में सालाना आधार पर 2.7 फीसदी रही, जो बाजार के अनुमान से कम है। इसके चलते डॉलर इंडेक्स में मजबूती आई, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों पर दबाव बना और उसका असर घरेलू बाजार तक पहुंच गया।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बैंक ऑफ जापान की सख्ती ने येन को सस्ती फंडिंग मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल करने की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे वैश्विक स्तर पर जोखिम वाली परिसंपत्तियों में निवेश की धारणा बदली है, जिसका सीधा असर भारत के कमोडिटी और फाइनेंशियल मार्केट पर पड़ा है। भारतीय वायदा बाजार में सोना और चांदी फिलहाल दबाव में हैं और आने वाले दिनों में इनमें तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी का कहना है कि सोना हाल ही में अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहा था, लेकिन मजबूत डॉलर और प्रमुख केंद्रीय बैंकों की सख्त नीति ने कीमतों पर दबाव बढ़ा दिया है। हालांकि भू-राजनीतिक तनाव अभी भी सोने को कुछ हद तक समर्थन दे रहे हैं, लेकिन निकट अवधि में वैश्विक मौद्रिक संकेत ही कीमतों की दिशा तय करेंगे।
कुल मिलाकर, जापान में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और अमेरिका की नरम महंगाई का संयुक्त असर भारत के सोना-चांदी बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है। निवेशकों और सर्राफा बाजार की नजरें अब वैश्विक केंद्रीय बैंकों के अगले संकेतों पर टिकी हैं, जो घरेलू कीमतों की आगे की चाल तय करेंगे।