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Insurance: युद्ध के दौरान हुआ नुकसान या चली गई जान, तो क्या बीमा कंपनी से मिलेगा क्लेम?
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सार
युद्ध विराम के बाद लोग अब अपने जान-माल को युद्ध और युद्ध जैसी स्थिति में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बीमा कवरेज की पड़ताल कर रहे हैं। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या उनकी इंश्योरेंस पॉलिसी उन्हें सुरक्षा देगी। आईए विस्तार से जानते हैं....

इंश्योरेंस
- फोटो : Adobe stock
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विस्तार
22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। जिसके चलते युद्ध की आशंकाएं गहराने लगी थीं। युद्ध विराम के बाद लोग अब अपने जान-माल को युद्ध और युद्ध जैसी स्थिति में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बीमा कवरेज की पड़ताल कर रहे हैं। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या उनकी इंश्योरेंस पॉलिसी उन्हें सुरक्षा देगी। युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति से तात्पर्य किसी देश के बीच सैन्य संघर्ष, आतंकी हमले, गृहयुद्ध, बम धमाके, मिसाइल हमले या परमाणु हमले से उत्पन्न परिस्थितियों से है।

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युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति में मौत होने पर
भारत में, ज्यादातर टर्म और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आमतौर पर युद्ध या युद्ध जैसे ऑपरेशन की वजह से होने वाली मौत को जनरल एक्सक्लूजन में शामिल नहीं करती हैं। पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेड (टर्म इंश्योरेंस) वरुण अग्रवाल बताते हैं कि अधिकांश टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी युद्ध या आतंकवादी गतिविधियों के कारण होने वाली मृत्यु को कवर करती हैं, क्योंकि इन घटनाओं को आमतौर पर पॉलिसी कवरेज के बाहर नहीं रखा जाता है। ऐसी स्थिति में बीमा कंपनियां आतंकी हमले या युद्ध से मौत को प्राकृतिक या दुर्घटनावश हुई मृत्यु की तरह ही मानती हैं। युद्ध या आतंकी हमले में पॉलिसीधारक की मौत होने पर नॉमिनी या कानूनी वारिस को डेथ बेनिफिट मिलता है। टर्म इंश्योरेंस के अंदर एक महत्वपूर्ण एक्सक्लूजन यह है कि पॉलिसी शुरू होने के पहले साल के अंदर अगर व्यक्ति आत्महत्या करता है तो उसे कवर नहीं किया जाएगा, जबकि अन्य एक्सक्लूजन्स में बीमा कंपनी के आधार पर खतरनाक गतिविधियों, क्रिमिनल एक्ट या नशीले पदार्थों के सेवन के कारण मृत्यु शामिल हो सकती है।
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टर्म इंश्योरेंस में कब खारिज हो सकता है क्लेम?
टर्म या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति को साफ तौर पर कवरेज से बाहर नहीं रखा गया है। हालांकि, बीमा कंपनियों के इंटरनल रिस्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल होते हैं। इनके आधार पर कुछ क्षेत्रों को हाई-रिस्क एरिया के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। ये ऐसे इलाके होते हैं, जहां संघर्ष या अशांति की आशंका ज्यादा होती है। यदि पॉलिसीधारक ऐसे क्षेत्र में रहता है या वहां यात्रा करता है, तो बीमा कंपनी अंडरराइटिंग नियमों के आधार पर क्लेम देने से मना कर सकती है।
युद्ध जैसी स्थिति में घायल होने पर
स्वास्थ्य बीमा आज के समय में हर शख्स के लिए एक जरूरत बन गया है, जो इलाज पर जेब से होने वाले भारी-भरकम खर्च से बचाता है। ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में 'वॉर एक्सक्लूजन क्लॉज' या फिर स्पेसिफिक एक्सक्लूजन में युद्ध और युद्ध जैसी स्थिति का जिक्र होता है। जिसमें साफ लिखा होता है कि युद्ध, आतंकी हमले, या युद्ध जैसी परिस्थितियों में लगी चोटों के इलाज का खर्च इंश्योरेंस में कवर नहीं होता है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को युद्ध जैसे हालातों में चोट लगती है और उसे अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत पड़ती है, तो इलाज का सारा खर्च उसे अपनी जेब से उठाना होगा। हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों में बीमा कंपनियां युद्ध-संबंधी चोटों को कवर करने के लिए राइडर या विशेष पॉलिसी की पेशकश करती हैं। ये राइडर ज्यादा प्रीमियम के बदले युद्ध जैसी परिस्थिति में भी इंश्योरेंस कवरेज देते हैं। अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां युद्ध या आतंकी गतिविधियों का खतरा ज्यादा है, तो ऐसी विशेष पॉलिसी या राइडर लेना फायदेमंद हो सकता है।
घर या गाड़ी पर क्या मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम?
ज्यादातर सामान्य इंश्योरेंस पॉलिसियों खासकर होम और मोटर इंश्योरेंस में वॉर एक्सक्लूजन क्लॉज होता है। इसका मतलब यह है कि युद्ध या युद्ध जैसी परिस्थितियों में आपके घर या गाड़ी को होने वाला नुकसान इंश्योरेंस में कवर नहीं होगा। इसका मतलब है कि युद्ध या बमबारी में आपके घर को नुकसान पहुंचता है तो उसकी मरम्मत या दोबारा से बनवाने के खर्च को इंश्योरेंस पॉलिसी कवर नहीं करेगी। होम इंश्योरेंस भूकंप, बाढ़ या आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को तो कवर करती है, लेकिन आमतौर पर युद्ध जैसी स्थिति में होने वाले नुकसान को नहीं। अगर आप किसी ऐसे इलाके में रहते हैं, जहां युद्ध या हमले का खतरा ज्यादा रहता है, तो हाई रिस्क जोन के लिए खासतौर पर तैयार स्पेशलाइज्ड कवरेज ले सकते हैं। इसी तरह, आपकी कॉम्प्रिहेंसिव मोटर व्हीकल पॉलिसी बाढ़, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं और आग, चोरी जैसी मानव-निर्मित आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करती है। यानी अगर आपकी गाड़ी पर मिसाइल गिर जाती है, तो उसका नुकसान आपकी कार पॉलिसी में कवर नहीं होगा।
इंश्योरेंस पॉलिसी का रिव्यू करना जरूरी
हर शख्स के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि वह अपने पॉलिसी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और समझें कि पॉलिसी में क्या चीजें कवर हैं तथा कौन-सी कवर नहीं हैं। भू-राजनीतिक तनाव के वक्त में अपने इंश्योरेंस कवरेज की समीक्षा करना, किसी तरह की दुविधा होने पर बीमा कंपनी से संपर्क करना और जरूरत के हिसाब से पर्याप्त कवर लेना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।
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