ICRA: भारत का गोल्ड लोन बाजार मार्च 2026 तक ₹15 लाख करोड़ के स्तर को पार कर सकता है, आईसीआरए का दावा
आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार भारत का गोल्ड लोन बाजार मार्च 2026 तक 15 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार करने की उम्मीद है। वहीं गोल्ड लोन बाजार का आकार वित्त वर्ष 2027 तक और बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
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देश का संगठित गोल्ड लोन बाजार मार्च 2026 तक 15 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर जाएगा। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने यह दावा किया है। आईसीआरए के अनुसार यह पहल की उम्मीदों से एक साल पहले है। इस तेज वृद्धि का मुख्य कारण पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में आई लगातार बढ़ोतरी है, जो अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं।
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वित्त वर्ष 2027 तक गोल्ड लोन बाजार का अनुमान
ICRA लिमिटेड में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड (फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग्स) एएम कार्तिक ने कहा कि संगठित गोल्ड लोन बाजार का आकार वित्त वर्ष 2027 तक और बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। एजेंसी के अनुसार गैर-बैकिंग वित्तीय संस्थान (NBFCs) के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो (AUM) में 30 से 35 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। इसका कारण ऊंचे सोने के दाम और असुरक्षित ऋण उत्पादों में धीमी वृद्धि को माना गया है। यह आम तौर पर उसी उधारकर्ता वर्ग को लक्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई कंपनियों का विविधीकरण और देश में उपलब्ध बड़ी मात्रा में फ्री गोल्ड होल्डिंग इस वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने में सहायक साबित होंगे।
सोने की ऊंची कीमतों से यह वृद्धि हुई
हालांकि विकास मुख्य रूप सोने की ऊंची कीमतों के कारण हुआ है, लेकिन कोलैटरेल के रूप में रखे गए सोने का टन भार वित्त वर्ष 2020-2025 के दौरान 1.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से मामूली रूप से बढ़ा है। इस अवधि के दौरान औसत ऋण आकार दोगुने से भी अधिक हो गया है, जबकि शाखाओं की संख्या में 3.3 प्रतिशत की धीमी सीएजीआर से वृद्धि हुई है।
बैंकों ने एनबीएफसी की तुलना में तेज वृद्धि दर्ज की
वित्त वर्ष 24-25 के दौरान, स्वर्ण ऋण लगभग 26 प्रतिशत की सीएजीआर से विस्तारित हुआ। यह मार्च 2025 तक 11.8 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया। बैंकों ने एनबीएफसी की तुलना में थोड़ी तेज वृद्धि दर्ज की। इससे समग्र संगठित बाजार में बाद की हिस्सेदारी में गिरावट आई।
स्वर्ण ऋण बाजार में बैंक और एनबीएफसी की हिस्सेदारी
मार्च 2025 तक, बैंकों की कुल संगठित स्वर्ण ऋण बाजार में लगभग 82 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जबकि शेष 18 प्रतिशत हिस्सेदारी एनबीएफसी के पास थी। मार्च 2021 में एनबीएफसी की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत से घटकर अब 2025 में 22 प्रतिशत हो गई है, जो इस क्षेत्र में बैंकों की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। आईसीआरए के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि जून 2025 तक कुल एनबीएफसी गोल्ड लोन प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 2.4 ट्रिलियन रुपये थीं, जो साल-दर-साल लगभग 41 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्शाती हैं।