Year Ender 2024 : 2000 से 2024 के बीच देश में एफडीआई एक हजार अरब डॉलर के पार; कहां से कितना निवेश आया, जानें
भारत में एफडीआई के मामले में सबसे ज्यादा अमेरिका या चीन से नहीं आया, बल्कि यह योगदान मॉरीशस ने दिया है- कुल एफडीआई प्रवाह का 25 प्रतिशत हिस्सा यहीं से आया। मॉरीशस के बाद सिंगापुर का स्थान रहा, जहां से 24 प्रतिशत एफडीआई आया। संयुक्त राज्य अमेरिका इस मामले में 10 प्रतिशत योगदान के साथ तीसरे स्थान पर रहा। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
विस्तार
भारत ने इस हफ्ते दुनिया के शीर्ष निवेश गंतव्य के रूप में एक मील का पत्थर पार कर लिया। नए आंकड़ों के अनुसार सदी की शुरुआत से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आंकड़ा हजार अरब डॉलर के पार चला गया है। भारत विदेशी निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग या डीपीआईआईटी की ओर से जारी आंकड़ों से पता चला है कि इक्विटी, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी सहित एफडीआई की संचयी राशि अप्रैल 2000 और सितंबर 2024 के बीच 1,033.40 बिलियन अमरीकी डॉलर (या 1 ट्रिलियन डॉलर) रही। भारत, जो पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है, का समग्र सकल घरेलू उत्पाद 2024 में लगभग 3.89 ट्रिलियन डॉलर होगा। यह 2014 में लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर हुआ करता था
सबसे अधिक एफडीआई किन देशों से आया?
भारत में एफडीआई के मामले में सबसे ज्यादा अमेरिका या चीन से नहीं आया, बल्कि यह योगदान मॉरीशस ने दिया है- कुल एफडीआई प्रवाह का 25 प्रतिशत हिस्सा यहीं से आया। मॉरीशस के बाद सिंगापुर का स्थान रहा, जहां से 24 प्रतिशत एफडीआई आया। संयुक्त राज्य अमेरिका इस मामले में 10 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा। जिन अन्य देशों ने भारत में महत्वपूर्ण निवेश किया है उनमें नीदरलैंड (7 प्रतिशत), जापान (6 प्रतिशत), यूके (5 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (3 प्रतिशत) तथा केमैन द्वीप, जर्मनी और साइप्रस (2-2 प्रतिशत) शामिल हैं।
किन क्षेत्रों में सबसे बड़ा निवेश हुआ?
जिस क्षेत्र में सबसे ज़्यादा निवेश हुआ, वह सेवा और संबद्ध क्षेत्र था। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, व्यापार, निर्माण, बुनियादी ढांचे के विकास, ऑटोमोबाइल, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स में महत्वपूर्ण निवेश हुआ।
विदेशी निवेश हासिल करने वाले शीर्ष पांच राज्य कौन?
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2019 से भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 50% से अधिक महाराष्ट्र और कर्नाटक को प्राप्त हुआ। व्यापार प्राधिकरण के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्तूबर 2019 से सितंबर 2024 की अवधि के दौरान महाराष्ट्र ने देश में कुल प्रवाह का 31% यानी 82,638 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित किया। देश में एफडीआई हासिल करने वाले शीर्ष पांच नामों में कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली और तमिलनाडु का नंबर है। इसी अवधि के दौरान तकनीकी क्षेत्र के हब के रूप में विकसित हो रहे कर्नाटक ने कुल प्रवाह का 21% यानी 54,574 मिलियन डॉलर का निवेश हासिल किया। गुजरात और दिल्ली को क्रमशः 16% और 13% हिस्सा मिला, जबकि तमिलनाडु ने वैश्विक निवेशकों से 5% आकर्षित किया। सूची में शीर्ष 10 राज्यों में, झारखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल ने अक्टूबर 2019 से कुल प्रवाह के 1% के साथ अंतिम तीन स्थानों पर कब्जा कर लिया।
बीते एक दशक में एफडीआई प्रवाह कितना बढ़ा?
1,033 बिलियन डॉलर में से, 667.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर 2014 से 2024 के बीच पिछले दस वर्षों में आए, जो पिछले दशक की तुलना में निवेश में 119 प्रतिशत अधिक है। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि भारत के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 60 क्षेत्रों में एफडीआई प्रवाह आया है। समय के साथ अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए भारत ने अपनी निवेश नीतियों को उदार और आकर्षक बनाया है। सुधारों के परिणामस्वरूप, रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति मिल गई है। 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देते हुए, विनिर्माण क्षेत्र में पिछले दस वर्षों की तुलना में एफडीआई में 69 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
कौन से क्षेत्र विदेशी निवेश के लिए खुले हैं और प्रक्रिया क्या है?
अधिकांश क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग से एफडीआई की अनुमति है, जबकि दूरसंचार, मीडिया, फार्मास्यूटिकल्स और बीमा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों के लिए सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता होती है। सरकारी अनुमोदन के तहत, विदेशी निवेशक को संबंधित मंत्रालय या विभाग से पूर्व मंजूरी लेनी होती है, जबकि स्वचालित मार्ग के तहत, विदेशी निवेशक को निवेश करने के बाद केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सूचित करना होता है। वर्तमान में कुछ क्षेत्रों में एफडीआई प्रतिबंधित है। इनमें लॉटरी, जुआ और सट्टा, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट कारोबार और तंबाकू से बने सिगार, सिगारिलो और सिगरेट का निर्माण शामिल है।