BOB Report: पहली तिमाही में थमी रहेगी महंगाई, आंकड़ा रिजर्व बैंक के अनुमानों के अनुरूप ही रहने की उम्मीद
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में महंगाई आरबीआई के अनरूप रहने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक ने पहली तिमाही के लिए सीपीआई 2.9% रहने की संभावना जताई है। यह स्थिति आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार गिरावट के कारण बनी रहेगी।
विस्तार
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुरूप रहने की उम्मीद है। यह स्थिति अनुकूल सांख्यिकीय आधार और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार गिरावट की वजह से बनी हुई है। बैंक ऑफ बड़ौदा का हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
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वित्त वर्ष 2026 के लिए सीपीआई 3.7 रहने का अनुमान
केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (सीपीआई) का अनुमान 3.7 प्रतिशत लगाया है। पहली तिमही के लिए 2.9%, दूसरी तिमाही में 3.4%, तीसरी तिमाही में 3.9% और चौथी तिमाही में 4.4% रहने की संभावना जताई गई है।
बीओबी आवश्यक वस्तु सूचकांक में गिरावट
जून 2025 में बीओबी आवश्यक वस्तु सूचकांक (बीओबी ईसीआई) में वार्षिक आधार पर 1.8% की गिरावट दर्ज की गई, जो मई 2025 के 0.6% से अधिक है। यह लगातार तीसरा महीना है, जब सूचकांक नकारात्मक क्षेत्र में बना हुआ है। यह मुख्य रूप से सब्जियों और दालों की कीमतों में तेज सुधार, बेहतर उत्पादन और अनुकूल आपूर्ति स्थितियों के कारण हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया कि जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 2.6% पर स्थिर रहने की संभावना है। इससे यह संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में आरबीआई के पास विकासोन्मुखी उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ गुंजाइश होगी।
टॉप श्रेणी की सब्जियों और दालों की कीमतों में भारी गिरावट
टमाटर, प्याज, आलू (टॉप ) श्रेणी की सब्जियों में सबसे ज्यादा गिरावट रही। जून में प्याज की खुदरा कीमतों में सालाना 26.1% और आलू में 20.3% की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। वहीं टमाटर 24% सस्ता हुआ। दालों में अरहर दाल में सबसे अधिक 23.8% की गिरावट देखी गई। यह लगातार चौथा महीना है जब इसमें दो अंकों की गिरावट रही। उड़द, मसूर और मूंग की कीमतें भी लगातार घट रही हैं, जिसे खरीफ फसलों की बेहतर बुवाई का समर्थन मिला।
अनाज, खास तौर पर चावल की खुदरा कीमतों में भी नरमी देखी गई, जहां जून में 5.1% की गिरावट आई । वहीं नमक और गुड़ जैसी वस्तुओं की कीमतें काफी हद तक स्थिर रहीं। खाद्य तेलों की कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं, हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुकूल रुझान से इसमें भी राहत मिल रही है।
मौसम का पड़ रहा असर
हालांकि, जून में मासिक आधार पर बीओबी सूचकांक में 0.6% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। लेकिन मौसमी रूप से समायोजित आंकड़े 0.7% की गिरावट दर्शाते हैं, जिससे पता चलता है कि यह वृद्धि मौसमी प्रभाव की वजह से थी। टमाटर की कीमतें मई की तुलना में जून में 36.1% बढ़ गईं, जो अक्टूबर 2024 के बाद सबसे बड़ी मासिक वृद्धि है। यह मानसून के शुरुआती प्रभाव और सामान्य मौसमी मूल्य परिवर्तनों का परिणाम है। हालांकि प्याज की कीमतें अपेक्षाकृत स्थिर रहीं । यह जून में सिर्फ 0.4% घटी, जबकि मई में 9.8% की गिरावट थी।
आपूर्ति श्रृंखला मजबूत करने की जरूरत
रिपोर्ट ने चेतावनि दी गई कि जून और जुलाई आमतौर पर टॉप कीमतों में मौसमी उलटफेर होता है, जिसमें कीमतों में ऊपर की ओर सुधार की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के विस्तार और स्थानीय सब्जी उत्पादन केंद्रों के विकास की सिफारिश की गई है।