स्मॉल कैप फंड्स में निवेश करने से पहले निवेशक जान लें ये बातें, नहीं होगा कभी नुकसान
म्यूचुअल फंड निवेशकों में स्मॉल कैप फंड्स की लोकप्रियता बढ़ रही है। लेकिन मौजूदा बाजार माहौल में यह कितना सुरक्षित या जोखिम भरा है? स्मॉल कैप फंड्स आकर्षक होने के बावजूद धैर्य और समझ की मांग करते हैं। आइए इस बारे में जानें।
विस्तार
म्यूचुअल फंड निवेशकों में स्मॉल कैप फंड्स की लोकप्रियता बढ़ रही है। लेकिन मौजूदा बाजार माहौल में यह कितना सुरक्षित या जोखिम भरा है? स्मॉल कैप फंड्स आकर्षक होने के बावजूद धैर्य और समझ की मांग करते हैं। WhiteOak Capital की बिजनेस डेवलपमेंट हेड Sunanda Venkataraman का कहना है कि निवेशकों को SIP और मल्टीकैप फंड्स के माध्यम से संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
स्मॉल कैप फंड्स का आकर्षण
सुनंदा वेंकटरमण का कहना है कि स्मॉल कैप फंड्स निवेशकों को आकर्षित करते हैं, क्योंकि इनमें उच्च रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन करेक्शन के दौरान वैल्यूएशन में भारी गिरावट निवेशकों को निराश कर सकती है।
SIP के माध्यम से निवेश
स्मॉल कैप फंड्स में निवेश के लिए सुनंदा ने SIP को सबसे सुरक्षित तरीका बताया। SIP से बाजार गिरने पर अधिक यूनिट्स मिलते हैं, जिससे लंबी अवधि में फायदा होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि स्मॉल कैप में डायरेक्ट निवेश केवल SIP के माध्यम से करें, ताकि बाजार की अस्थिरता का प्रभाव कम हो और निवेशक दीर्घकालिक लाभ उठा सकें।
मल्टीकैप फंड्स का बेहतर विकल्प
स्मॉल और मिड कैप एक्सपोजर के लिए मल्टीकैप फंड्स एक बेहतर विकल्प हो सकता है। सेबी के नियमों के अनुसार, मल्टीकैप फंड्स में न्यूनतम 50 फीसद निवेश स्मॉल और मिड कैप में होता है, जो जोखिम को संतुलित करता है। विशेषज्ञ ने कहा कि उनके फंड हाउस का मल्टीकैप फंड 50 फीसद से अधिक स्मॉल और मिड कैप एक्सपोजर प्रदान करता है, जो निवेशकों के लिए सुरक्षित और संतुलित रणनीति है।
सीमित एक्सपोजर की सलाह
निवेशकों को स्मॉल और मिड कैप में सीमित एक्सपोजर लेने की सलाह दी गई है। सुनंदा का मानना है कि पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड और बैलेंस्ड रखना जरूरी है, ताकि समग्र अस्थिरता कम रहे। अधिक एक्सपोजर से पोर्टफोलियो की अस्थिरता बढ़ सकती है, जो सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। फिनटेक प्लेटफॉर्म्स पर स्मॉल और मिड कैप फंड्स टॉप परफॉर्मर दिखते हैं, लेकिन भावनात्मक निर्णय लेना जोखिम भरा हो सकता है।
जोखिम प्रोफाइल का महत्व
निवेश का निर्णय जोखिम प्रोफाइल और जीवन के चरण पर निर्भर करता है। सुनंदा ने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे रेस्तरां में भोजन का स्वाद अलग-अलग होता है, वैसे ही जोखिम सहनशक्ति भी भिन्न होती है। युवा निवेशकों में स्मॉल और मिड कैप के लिए जोखिम सहनशक्ति अधिक हो सकती है, लेकिन रिटायरमेंट के करीब वाले निवेशकों के लिए उच्च एक्सपोजर उचित नहीं है।
फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका
सुनंदा ने एक विश्वसनीय फाइनेंशियल एडवाइजर को "पोर्टफोलियो का सारथी" बताया। यह एडवाइजर पोर्टफोलियो की नियमित निगरानी करता है और जरूरत पड़ने पर रीबैलेंसिंग की सलाह देता है। हर दो साल में एडवाइजर के साथ समीक्षा करना जरूरी है, ताकि पोर्टफोलियो जोखिम प्रोफाइल के अनुरूप रहे। यह संतुलित निवेश के लिए महत्वपूर्ण है।
पिछले रिटर्न का विश्लेषण
पिछले 5 साल में स्मॉल और मिड कैप फंड्स ने 34-38 फीसद रिटर्न दिया है, जो निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञ ने चेतावनी दी कि कोविड के बाद के रिटर्न असाधारण थे और भविष्य में इस तरह के रिटर्न मिलना मुश्किल हो सकता है। 10 साल का औसत रिटर्न मिड कैप फंड्स के लिए 16 फीसद और मल्टीकैप के लिए 15 फीसद है, जो मल्टीकैप की संतुलित रणनीति को बेहतर बनाता है।
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