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Insurance Regulation: दावा निपटान में लापरवाही पड़ी महंगी, केयर हेल्थ पर IRDAI का एक करोड़ का जुर्माना

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Fri, 19 Dec 2025 04:18 AM IST
सार

दावा निपटान और शिकायत निवारण में गंभीर खामियां मिलने पर इरडा ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जांच में पारदर्शिता, लोकपाल की जानकारी न देने और साइबर सुरक्षा जैसी कमियां सामने आईं। कंपनी को 45 दिनों में जुर्माना भरने और आदेश बोर्ड के सामने रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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IRDAI imposes one crore rupee fine on Care Health Insurance Regulation Negligence claim settlement
स्वास्थ्य बीमा - फोटो : ANI
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विस्तार
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बीमा दावों के निपटान में पारदर्शिता और समयबद्धता को लेकर नियामक सख्त हो गया है। पॉलिसीधारकों के हितों की अनदेखी और गंभीर खामियां सामने आने पर भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी इरडा (IRDAI) ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई निरीक्षण के बाद सामने आई कमियों के आधार पर की गई है।

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इरडा की जांच में पाया गया कि केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने दावा निपटान, शिकायत निवारण और सूचना देने की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया। कई मामलों में पॉलिसीधारकों को उनके अधिकारों की पूरी जानकारी नहीं दी गई। नियामक ने कंपनी को चेतावनी और सुधार के निर्देश भी जारी किए हैं।
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शिकायत निवारण में गंभीर चूक
जांच में सामने आया कि जब पॉलिसीधारकों की शिकायतें उनके पक्ष में हल नहीं हुईं, तब भी कंपनी ने उन्हें बीमा लोकपाल के पास जाने के अधिकार की जानकारी नहीं दी। लोकपाल का नाम और पता भी साझा नहीं किया गया। इससे पॉलिसीधारकों को उचित मंच तक पहुंचने में दिक्कत हुई।

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अधूरी जानकारी से बढ़ी परेशानी
इरडा ने पाया कि शिकायत निवारण और दावा अस्वीकृति पत्रों में केवल ग्राहक सेवा का संपर्क विवरण, ईमेल आईडी और एक अस्पष्ट हाइपरलिंक दिया गया था। स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने से पॉलिसीधारकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा और वे प्रभावी शिकायत तंत्र तक नहीं पहुंच सके।

साइबर सुरक्षा और लेखांकन में खामियां
निरीक्षण के दौरान साइबर सुरक्षा, पुनर्बीमा लेखांकन और बिना दावे वाली राशियों के प्रबंधन में भी कमियां पाई गईं। केयर हेल्थ ने तय समय में साइबर सुरक्षा से जुड़ी खामियों को दूर नहीं किया। इरडा ने साफ कहा कि दावों में पारदर्शिता और पॉलिसीधारकों से समय पर संवाद अनिवार्य है।

नियामक के मुताबिक, इस तरह की रणनीति से पॉलिसीधारकों के अधिकार प्रभावित होते हैं और भरोसा कमजोर पड़ता है। बीमा कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे ग्राहकों को सही जानकारी दें और शिकायतों का निष्पक्ष समाधान करें। नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इरडा ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस को आदेश दिया है कि वह आदेश मिलने के 45 दिनों के भीतर अपने शेयरधारकों के खाते से एक करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करे। कंपनी को यह आदेश अपने निदेशक मंडल के समक्ष रखना होगा और इसकी एक प्रति नियामक को भी देनी होगी।

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