स्पाइसजेट के मालिक का बयान, जेट का बंद होना नींद से जागने जैसा
जेट एयरवेज का बंद होना भारत में विमानन उद्योग के लिए नींद से जागने जैसा है और इसके लिए कुछ हद तक मंत्रालय में बैठे लोग जिम्मेदार हैं। स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने कहा कि भारत में विमान कंपनी चलाना एक महंगा सौदा है, क्योंकि यहां पर लागत बहुत ज्यादा है।
गौरतलब है कि जेट एयरवेज पिछले महीने कैश की कमी के चलते बंद हो गई थी। इसके बाद से इसको फिर से शुरू करने की कोशिश हो रही है, लेकिन धरातल पर कुछ दिख नहीं रहा है।
जेट के 30 विमानों का परिचालन करेगी स्पाइसजेट
स्पाइसजेट अपने कारोबार का विस्तार कर रही है और वह 30 विमानों को पट्टे पर लेने की तैयारी में है। इन विमानों का इस्तेमाल जेट एयरवेज करती रही है। स्पाइसजेट के बेड़े में अब 100 विमान हैं।
जेट एयरवेज था एक बड़ा ब्रांड
अजय सिंह ने कहा जेट एयरवेज एक बड़ा और बेहतरीन ब्रांड था। लेकिन इसका बंद होना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इसके लिए आंतरिक कारण और ऊंची लागत इसकी असफलता के लिए जिम्मेदार हैं।
भारी लागत के चलते बंद हुई जेट एयरवेज
अजय सिंह ने कहा कि जेट एयरवेज को भारी लागत का सामना करना पड़ा। इसकी असफलता में इसका काफी योगदान रहा। इसके साथ ही आंतरिक कारण भी रहे हैं। यह सचाई रही है कि जेट का लागत ढांचा संभवत: प्रतिस्पर्धी नहीं था और जैसे जैसे और एयरलाइन आई उसके लिये लागत ढांचे के साथ कमाई करना मुश्किल होता चला गया।
26 साल चली कंपनी
जेट एयरवेज ने 26 साल तक विमानन क्षेत्र में संचालन किया। उसका घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ानों का व्यापक नेटवर्क था। भारतीय विमानन क्ष्रोत्र को काफी उच्च वृद्धि वाला माना गया है लेकिन यहां एयरलाइन कंपनियां ऊंची लागत विशेषतौर से विमानन ईंधन (एटीएफ) की ऊंची दर से प्रभावित हैं। एयरलाइन संचालन में ईंधन की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत तक है।