Home Loan के साथ जीवन बीमा जरूरी, घर और परिवार से परेशानियां बनाए रहेंगी दूरी
Home Loan: सपनों का घर खरीदना अब बिना होम लोन लिए संभव नहीं है। होम लोन से जहां एक ओर घर का सपना तो पूरा होता है, लेकिन दूसरी ओर यह एक बड़ा वित्तीय बोझ बन जाता है। होम लोन के साथ जीवन बीमा का अगर साथ हो, तो मुश्किल वक्त में ये आपके घर और परिवार दोनों की रक्षा करता है, कैसे, चलिए जानते हैं…
विस्तार
आजकल घर खरीदने का सबसे आम तरीका है होम लोन लेना, लेकिन रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों के कारण यह बड़ा वित्तीय बोझ बन जाता है। ऐसे में होम लोन के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना समझदारी है। यह न केवल आपको बिना टेंशन लोन चुकाने में मदद करता है, बल्कि परिवार को वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करता है। अगर अनहोनी हो, तो लोन की जिम्मेदारी परिवार पर नहीं पड़ेगी। आइए वित्तीय सलाहकार बलवंत जैन से समझते हैं होम लोन के साथ लाइफ इंश्योरेंस लेना क्यों जरूरी है और इसे कैसे लेना चाहिए।
होम लोन के लिए लाइफ इंश्योरेंस क्यों जरूरी
होम लोन की ईएमआई अक्सर परिवार की मासिक आमदनी का बड़ा हिस्सा होती है। अगर कमाने वाले व्यक्ति के साथ कुछ अनहोनी हो जाए, तो परिवार के लिए घर चलाना मुश्किल हो सकता है, लोन चुकाना तो दूर की बात। फाइनेंशियल प्लानिंग कहती है कि सभी वित्तीय जिम्मेदारियों को कवर करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस जरूरी है। होम लोन एक नई जिम्मेदारी है। लोन के बराबर बीमा पॉलिसी लेने से यह सुनिश्चित होता है कि आपके जाने के बाद वारिसों को घर मिले, लेकिन लोन का बोझ नहीं। इससे परिवार के ऊपर दोहरी मुसीबत - कमाने वाले की वित्तीय हानि और घर खोने का खतरा- आने से बच जाती है।
अन्य बीमा जरूरतों से अलग है यह बीमा
यहां बात हो रही लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी मौजूदा बीमा पॉलिसी से अलग है। यह खास तौर पर होम लोन को कवर करने के लिए होती है। यह आपके परिवार को लोन की जिम्मेदारी से बचाती है और घर को सुरक्षित रखती है। इस तरह, यह पॉलिसी एक खास उद्देश्य के लिए डिजाइन की जाती है, जो आपकी अन्य बीमा जरूरतों से अलग होती है।
कैसे लेना चाहिए इंश्योरेंस
बीमा हमेशा टर्म प्लान के जरिए लेना चाहिए, न कि अन्य पॉलिसी के रूप में। ऑनलाइन टर्म प्लान सस्ते और सुविधाजनक होते हैं। बीमा की अवधि होम लोन की अवधि जितनी होनी चाहिए। लोन देने वाली कंपनियां अक्सर एकमुश्त प्रीमियम वाली पॉलिसी सुझाती हैं, जिसे लोन में जोड़कर ईएमआई से वसूला जाता है। लेकिन यह ठीक नहीं। ज्यादातर लोग लोन को जल्दी चुकाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में एकमुश्त प्रीमियम बेकार जाता है।
सालाना प्रीमियम बेहतर
सालाना प्रीमियम वाला टर्म प्लान चुनें। अगर बीमा कंपनी इसे होम लोन के हिसाब से कस्टमाइज करे, तो हर साल के अंत में बीमा राशि को बचे हुए लोन के अनुसार घटाने को कहें। इससे बीमा सस्ता और सुविधाजनक होगा। यह तरीका आपके लिए लागत को नियंत्रित करने और जरूरत के हिसाब से कवरेज को समायोजित करने में मदद करता है।
लोन देने वाले से बीमा लेना अनिवार्य?
कोई बैंकिंग नियम या कानून नहीं कहता कि होम लोन लेने के बाद उसी से बीमा लेना जरूरी है। बैंक और फाइनेंस कंपनियां ऐसा दबाव बनाती हैं ताकि लोन न चुकाने की स्थिति में उन्हें प्रॉपर्टी कब्जे और नीलामी की परेशानी न उठानी पड़े। वे अक्सर अपनी संबद्ध बीमा कंपनियों से पॉलिसी बेचने की कोशिश करते हैं। लेकिन अगर उनके प्लान महंगे हैं, तो आप मना कर सकते हैं।
बैंक का दबाव और समाधान
अगर बैंक न माने, तो उनसे लिखित में देने को बोलें कि बीमा अनिवार्य है। वे ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि कोई नियम नहीं है। आखिरकार, वे मान जाएंगे कि आप किसी और बीमा कंपनी से पॉलिसी लें और उन्हें सौंप दें। यह आपके लिए सस्ता और बेहतर विकल्प चुनने की आजादी देता है।
अपने हित में बीमा
भले ही बीमा अनिवार्य न हो, अपने और परिवार के हित में होम लोन के बराबर टर्म प्लान लेना समझदारी है। इससे अनहोनी की स्थिति में घर और भविष्य दोनों सुरक्षित रहते हैं। यह आपको मानसिक सुकून देता है कि आपका परिवार वित्तीय संकट से बचेगा और घर पर कोई आंच नहीं आएगी।
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