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Income Tax: 'निचले स्लैब के लोगों को आयकर में मिले राहत'; CII अध्यक्ष बोले- जारी रहे सरलीकरण की प्रक्रिया

अमर उजाला, न्यूज डेस्क, नई दिल्ली Published by: विशांत श्रीवास्तव Updated Mon, 17 Jun 2024 04:13 AM IST
सार

‘महंगाई अभी भी उच्चतम स्तर पर है इसलिए जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में निचले स्लैब के लोगों को आयकर में राहत मिलनी चाहिए।’ यह मानना है भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी का। उन्होंने कहा कुछ साल में भारत तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बन जाएगा।

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'Lower slab people should get relief in income tax'; CII President said – the process of simplification should
संजीव पुरी - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी का मानना है कि जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में निचले स्लैब के लोगों को आयकर में राहत मिलनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि महंगाई अब भी उच्च स्तर पर है। सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण मई में थोक महंगाई लगातार तीसरे महीने बढ़कर 15 महीने के उच्च स्तर 2.61 फीसदी पर पहुंच गई। अच्छे मानसून की उम्मीद के कारण इस वर्ष खुदरा महंगाई की दर 4.5 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है।

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पुरानी व्यवस्था में कर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये तक की आय पर लागू होती है। नई व्यवस्था में यह 3 लाख रुपये तक की आय पर है। पुरी ने कहा, हमारा सुझाव है कि कर के मोर्चे पर सरलीकरण की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और दरों की बहुलता में कुछ परिचालन कठिनाइयां हैं। इनका सरलीकरण जरूरी है।

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पुरी ने कहा, सीमा शुल्क के मोर्चे पर हमें त्रिस्तरीय संरचना की ओर बढ़ना चाहिए। सबसे निचले स्तर पर प्राथमिक, बीच में मध्यवर्ती और फिर तैयार माल एवं कुछ समय की अवधि में अपवादों के साथ मध्यम दरें होनी चाहिए।  

बेहतर मानसून से सस्ते होंगे खाद्य पदार्थ
सीआईआई अध्यक्ष ने कहा, मानसून के उम्मीद से बेहतर रहने के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट आ सकती है। इससे महंगाई के मोर्चे पर भी राहत मिल सकती है। उम्मीद है कि आरबीआई प्रमुख ब्याज दर में कटौती करेगा। यह दूसरी छमाही यानी अक्तूबर से शुरू हो सकता है।

कुछ साल में तीसरी बड़ी जीडीपी बन जाएगा भारत
पुरी ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन व मोदी के पिछले दो कार्यकाल में नीतियों की सफलता इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आधार तैयार करेगी। हमें उम्मीद है कि भारत अगले कुछ साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सीआईआई ने इस साल जीडीपी के 8 फीसदी की मजबूत रफ्तार से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है।

नए अध्यक्ष ने कहा, जीडीपी को अनुमान से बेहतर मानसून और खाद्य महंगाई में नरमी जैसे कई कारकों से समर्थन मिलेगा।

प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में सुधारों पर नहीं पड़ेगा असर
पुरी ने कहा, गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक नहीं बनेंगी। भूमि, श्रम, बिजली और कृषि से संबंधित सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिहाज से केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति के लिए एक संस्थागत मंच बनाने पर विचार करना चाहिए।

जीएसटी की तीन दरों पर हो विचार

सीआईआई अध्यक्ष ने कहा, 22 जून को होने वाली जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में कर दरों की संख्या को घटाकर तीन पर लाने का विचार करना चाहिए। अभी जीएसटी की पांच दरें हैं, जिसमें न्यूनतम शून्य फीसदी और अधिकतम 28 फीसदी है। परिषद को पेट्रोलियम उत्पादों, बिजली और रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी विचार करना चाहिए।

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