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PMI Report: अक्तूबर में विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार तेज, घरेलू मांग और नए ऑर्डरों से उत्पादन में आई मजबूती

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Mon, 03 Nov 2025 01:06 PM IST
सार

जीएसटी सुधारों से देश के विनिर्माण क्षेत्र ने अक्तूबर में उल्लेखनीय तेजी दर्ज की है। एसएंडपी ग्लोबल के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पीएमआई सितंबर के 57.7 से बढ़कर 59.2 पर पहुंच गया। घरेलू मांग मजबूत रहने के कारण अक्तूबर में विनिर्माण की स्थितियां मजबूत होती रहीं।

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Manufacturing sector picks up pace in October, production strengthened by domestic demand and new orders
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
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विस्तार
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देश में विनिर्माण क्षेत्र में अक्तूबर में मजबूत विस्तार देखने को मिला। एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार परचेजिंग मैनजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में 57.7 से बढ़कर 59.2 हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुधार जीएसटी सुधार जीएसटी सुधार, उत्पादकता लाभ और प्रौद्योगिकी निवेश में वृद्धि से क्षेत्र की स्थिति में तीव्र वृद्धि को दर्शाता है। 

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क्या कहते हैं आंकड़े?

पीएमआई के आंकड़े ने इस बात पर जोर दिया है कि घरेलू मांग मजबूत रहने के कारण अक्तूबर में विनिर्माण की स्थितियां मजबूत होती रहीं। नए ऑर्डरों में तेजी से वृद्धि ने उत्पादन और खरीद गतिविधि, दोनों को बढ़ावा दिया। हालांकि, बाहरी मांग की रफ्तार सुस्त रही। रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बिक्री पिछले दस महीनों में सबसे धीमी गति से बढ़ी। इससे स्पष्ट है कि विकास का मुख्य आधार घरेलू बाजार ही रहा।


आंकड़ों के मुताबिक, बिक्री में सुधार मुख्य रूप से स्थानीय मांग में मजबूती के कारण हुआ है, जबकि निर्यात ऑर्डर की वृद्धि दर इस साल अब तक की सबसे कम रही।

खरीदारी का स्तर मई 2023 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ा

विनिर्माताओं ने अक्तूबर में कच्चे माल और अर्ध-निर्मित वस्तुओं की खरीदारी तेज कर दी, ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके और भंडार को मजबूत किया जा सके। खरीदारी का स्तर मई 2023 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ा है। यह निर्माताओं के बीच भविष्य की मांग को लेकर भरोसे को दर्शाता है।

मजबूत मांग के बावजूद क्षमता पर दबाव रहा

मजबूत मांग के बावजूद, क्षमता पर दबाव कम रहा, और बकाया कारोबार की मात्रा में मामूली वृद्धि ही हुई। कंपनियों ने बताया कि बैकलॉग में मामूली वृद्धि का श्रेय उत्पादन में देरी के बजाय मांग में तेजी को दिया गया। आपूर्तिकर्ता काफी हद तक कुशलता से इनपुट भेजने में सक्षम रहे। इससे डिलीवरी के समय में मामूली कमी आई, जो पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा सुधार था।

कच्चे माल और अर्ध-तैयार वस्तुओं की होल्डिंग तेज दर से बढ़ी

मार्च 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से कच्चे माल और अर्ध-तैयार वस्तुओं की होल्डिंग दूसरी सबसे तेज दर से बढ़ी। यह केवल मई 2023 से पीछे है। तैयार माल की सूची में भी वृद्धि हुई। हालांकि मामूली रूप से, क्योंकि कई फर्मों ने मौजूदा भंडार से बिक्री पूरी की।

निर्माता भविष्य को लेकर आशावादी बने हुए हैं

रिपोर्ट में आगे की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि निर्माता भविष्य की वृद्धि को लेकर आशावादी बने हुए हैं। जीएसटी सुधार, क्षमता विस्तार और विपणन पहलों से लाभ की उम्मीदों से यह संभावना और मजबूत होती है। कंपनियों को मांग में लचीलापन आने की भी उम्मीद है और उनका अनुमान है कि लंबित अनुबंधों को मंजूरी मिल जाएगी, जिससे आने वाले महीनों में उत्पादन की गति को और बल मिलेगा।

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