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Report: निवेश के मामले में 75% से अधिक एनआरआई भारतीय बाजार पर दिखा रहे भरोसा, इस मामले में भारतीयों से आगे
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रिया दुबे
Updated Sat, 23 Aug 2025 07:28 PM IST
सार
फिनएज की एक डेटा रिपोर्ट के अनुसार 75% से अधिक एनआरआई पांच साल से अधिक समय तक निवेशित रहते हैं। इसके मुकाबले, करीब 68 फीसदी आरआई ने पांच साल या उससे अधिक समय तक निवेश जारी रखा। निवेशकों में 31-45 वर्ष की आयु वर्ग की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।
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- फोटो : ANI
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विस्तार
गैर-आवासीय भारतीय (एनआरआई) निवेशक, निवासी भारतीयों (आरआई) की तुलना में कहीं अधिक समय तक अपने निवेश बनाए रखते हैं। फिनएज की एक डेटा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
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75 फीसदी से ज्यादा एनआरआई पांच साल से ज्यादा समय तक निवेशित रहे
रिपोर्ट में बताया गया है कि 75 फीसदी से अधिक एनआरआई निवेशक पांच साल से ज्यादा समय तक निवेशित रहे हैं। वहीं 65 फीसदी ने सात साल से अधिक समय तक अपने निवेश बनाए रखा है। यह प्रवृत्ति कोविड-19 जैसी बड़ी बाजार अस्थिरता के बावजूद बनी रही।
इसके मुकाबले, करीब 68 फीसदी आरआई ने पांच साल या उससे अधिक समय तक निवेश जारी रखा। वहीं सात साल से ज्यादा अवधि तक निवेश बनाए रखने वाले आरआई की हिस्सेदारी 57 फीसदी रही।
एनआरआई एसआईपी के माध्यम से बड़ी रकम निवेश कर रहे
एनआरआई भी व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के माध्यम से बड़ी रकम का निवेश कर रहे हैं। एनआरआई निवेशकों के लिए औसत मासिक एसआईपी राशि 6,486 रुपये है। यह राशि भारतीय ग्राहकों के लिए औसत 4,093 रुपये से 58 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, एनआरआई एसआईपी म्यूचुअल फंड उद्योग के औसत 2,900 रुपये से दोगुनो से भी अधिक हैं। फिनएज में भारतीय निवासी ग्राहकों का प्रदर्शन भी उद्योग के औसत से बेहतर है। उनका एसआईपी योगदान उद्योग के 2,900 रुपये के मानक से लगभग 41 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय के लक्ष्य-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है
फिनएज के सह-संस्थापक और सीईओ हर्ष गहलोत ने कहा कि हमारा डेटा वैश्विक भारतीयों के अनुशासित, लक्ष्य-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है और हमारे एनआरआई ग्राहकों द्वारा रखे गए विश्वास को प्रमाणित करता है। हमारा उद्देश्य प्रौद्योगिकी और मानव विशेषज्ञता को मिलाकर अपने ग्राहकों को उद्देश्यपूर्ण निवेश के लिए सशक्त बनाना है।
31 से 45 आयु वर्ग की सबसे बड़ी हिस्सेदारी
रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों में 31-45 वर्ष की आयु वर्ग की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। इस श्रेणी में 74 फीसदी एनआरआई और 62 फीसदी आरआई शामिल हैं। यह दर्शाता है कि मध्यम करियर के पेशेवर दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
रिपोर्ट बताती है कि एनआरआई निवेश की शुरुआत आरआई की तुलना में थोड़ी देर से करते हैं। 21-30 वर्ष आयु वर्ग में सिर्फ 7 फीसदी एनआरआई निवेशक हैं, जबकि आरआई निवेशकों में यह आंकड़ा 11 फीसदी है। इसकी वजह विदेश में करियर स्थापित करने में लगने वाला समय माना जा रहा है।
आरआई में अधिक वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी
वरिष्ठ निवेशकों की भागीदारी में आरआई आगे हैं। 56 वर्ष से ऊपर की उम्र में 10 फीसदी आरआई निवेश कर रहे हैं। वहीं एनआरआई में यह आंकड़ा मात्र 4 फीसदी है। यह संकेत देता है कि निवासी निवेशक सेवानिवृत्ति के बाद भी निवेश जारी रखते हैं।
वहीं, 46-55 वर्ष की आयु समूह में एनआरआई निवेशक 15 फीसदी और आरआई निवेशक 17 फीसदी हैं। इसे निवेश यात्रा के "कंसॉलिडेशन फेज" का हिस्सा माना जा रहा है, जब निवेशक अपने पोर्टफोलियो को स्थिर और सुरक्षित बनाने पर ध्यान देते हैं।
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