Report: डेढ़ माह में 35 लाख शादियों पर खर्च होंगे 4.25 लाख करोड़, देश में हर साल खर्च होते हैं 130 अरब डॉलर
पीएल कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 के बजट में सोने पर आयात शुल्क को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने से शादियों में बड़े खर्च को बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से सोने की खरीदारी में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है।
विस्तार
देश में इस साल नवंबर से दिसंबर मध्य तक यानी डेढ़ महीने में 35 लाख शादियां होंगी, जिन पर 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एक साल पहले की समान अवधि में 32 लाख शादियां हुई थीं।
पीएल कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 के बजट में सोने पर आयात शुल्क को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने से शादियों में बड़े खर्च को बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से सोने की खरीदारी में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है। 15 जनवरी से 15 जुलाई के बीच देश में 42 लाख से अधिक शादियों पर 5.5 लाख करोड़ खर्च हुए थे।
विवाह पर हर साल खर्च होते हैं 130 अरब डॉलर
रिपोर्ट के मुताबिक, शादियों के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। देश में हर साल करीब एक करोड़ शादियां होती हैं।
- द इकनॉमिस्ट के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि यह क्षेत्र भारत का चौथा सबसे बड़ा उद्योग है, जो लाखों नौकरियां देता है।
- देश में शादियों पर हर साल होने वाला खर्च बढ़कर 130 अरब डॉलर (10.88 लाख करोड़ रुपये) पहुंच गया है।
देश में 25 वेडिंग साइट्स विकसित कर रही सरकार
भारत को अंतरराष्ट्रीय विवाहों के लिए शीर्ष विकल्प के रूप में प्रोत्साहन देकर सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इस पहल के तहत देशभर में करीब 25 प्रमुख स्थलों को वेडिंग साइट्स के रूप विकसित किया जा रहा है। मेक इन इंडिया अभियान की सफलता के आधार पर इस पहल का लक्ष्य करीब 12.1 अरब डॉलर (एक लाख करोड़ रुपये) का फॉरेक्स प्राप्त करना है, जो वर्तमान में विदेश में डेस्टिनेशन वेडिंग पर खर्च होते हैं।