Pakistan: बिना पंजीकरण के बिक रही पाकिस्तान की आधे से ज्यादा एलपीजी; विस्फोट की घटनाएं आम, मुआवजा न के बराबर
पाकिस्तान के लगभग आधे एलपीजी आपूर्तिकर्ता बिना किसी पंजीकरण या निगरानी के काम करते हैं। देश में एलपीजी टैंकर विस्फोट की संख्या लगातार बढ़ रही है।एलपीजी का परिवहन करने वाले लगभग 2,000 बॉजर्स में से केवल 800 ही विस्फोटक विभाग में पंजीकृत हैं और मात्र 247 को ही तेल एवं गैस नियामक प्राधिकरण (ओग्रा) से लाइसेंस प्राप्त है।
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एलपीजी से संबंधित त्रासदियां लगातार बढ़ रही
समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए, एमएनए अब्दुल कादिर गिलानी ने मुल्तान में 27 जनवरी को हुए एलपीजी टैंकर विस्फोट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसी त्रासदियां लगातार बढ़ रही हैं और पीड़ितों को मामूली सहायता प्रदान करना कोई समाधान नहीं है। इसे रोकना होगा, हमें जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
2000 बॉजर्स में से केवल 800 ही पंजीकृत
समिति को बताया गया कि देश भर में एलपीजी का परिवहन करने वाले लगभग 2,000 बॉजर्स में से केवल 800 ही विस्फोटक विभाग में पंजीकृत हैं और मात्र 247 को ही तेल एवं गैस नियामक प्राधिकरण (ओग्रा) से लाइसेंस प्राप्त है। नियमों में इस चौंकाने वाले अंतर ने जन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्लास्टिक की थैलियों में एलपीजी की ब्रिकी
समिति के सदस्यों ने खैबर पख्तूनख्वा में प्लास्टिक की थैलियों में एलपीजी की अनियंत्रित और खतरनाक बिक्री और सिंध में एलपीजी चोरी की घटनाओं की आलोचना की। कई सांसदों ने एलपीजी परिवहन और सुरक्षा उपायों की प्रभावी निगरानी और विनियमन में ओग्रा की विफलता की निंदा की। समिति ने पाया कि निगरानी बहुत कम थी, निरीक्षण कम होते थे और नियामक संस्थाओं के बीच बिल्कुल समन्वय नहीं था।
समिति ने जवाबदेही प्रक्रिया पर असंतोष जताया
पेट्रोलियम नियामक प्राधिकरण के अधिकारियों ने नियामक खामियों को स्वीकार किया और माना कि मौजूदा कानून अपर्याप्त हैं। उन्होंने मुल्तान में एक क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने और जागरूकता अभियान शुरू करने सहित हाल के प्रयासों का हवाला दिया। हालाँकि, समिति ने जवाबदेही प्रक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया और मुल्तान पीड़ितों को दिए गए 6 लाख रुपये के मुआवजे को "मामूली" बताया। साथ ही उन्होंने सख्त कार्रवाई और जाँच के दायरे में आने वाली संस्थाओं के लाइसेंस तुरंत निलंबित करने का आग्रह किया।
पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट पर जताई चिंता
एक अन्य एजेंडा आइटम के तहत, सैयद समीउल हसन गिलानी की अध्यक्षता वाली उपसमिति ने पूर्व में निष्क्रिय हो चुके पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) द्वारा संचालित विकास परियोजनाओं पर अपनी रिपोर्ट पेश की। पाकिस्तान इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (PIDCL) की संचालन क्षमता पर सदस्यों ने गंभीर चिंता जताई।
सदस्यों ने चेतावनी दी कि सिर्फ PWD के कर्मियों को PIDCL में स्थानांतरित कर देने से प्रणालीगत अक्षमता और भ्रष्टाचार की समस्याएं हल नहीं होंगी। समिति ने चल रही परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए उपसमिति का पुनर्गठन करते हुए 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही, एक पारदर्शी और प्रभावी संघीय-प्रांतीय समन्वय निकाय की आवश्यकता पर जोर दिया।