नए तरीके के हेलमेट होंगे लांच, ये हैं खासियतें
हेलमेट पहनने के बाद भी सड़क हादसे में दोपहिया सवार चालकों को सिर पर चोटें लगती है। इसका कारण हेलमेट के डिजाइन में सुरक्षा की फीचर्स न के बराबर होते हैं, जिसकी वजह से लोग दुर्घटना का शिकार आए दिन होते हैं। अब सड़क परिवहन मंत्रालय और बीआईएस ने मिलकर के हेलमेट का नया डिजाइन जारी किया है, जिसमें सुरक्षा के कई खास फीचर्स लाए गए हैं।
800 रुपये में मिलेगा नया हेलमेट
नए डिजाइन वाला हेलमेट दो महीने बाद मार्केट में मिलने लगेगा। सरकार ने इस नए हेलमेट की कीमत भी 700-800 रुपये तय कर दी है, ताकि हर आदमी इसको आसानी से खरीद सके। हेलमेट की बाहरी परत (शैल) मजबूत धातु से बनी होगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि दुर्घटना के वक्त सबसे पहले झटका इसी पर पड़ता है। इसको इस तरह से बनाया गया है ताकि इस पर किसी तरह की भारी वस्तु गिरने पर यह चटके और टूट न जाए।
पैडिंग को मजबूत करने के लिए इसमें अच्छी क्वालिटी के थर्माकोल का प्रयोग किया जाएगा, ताकि यह आसानी से शॉकर का काम कर सके। इस पैडिंग के नीचे कपड़े के स्थान पर जाली लगी होगी, जिससे बालों के खराब होने का डर नहीं रहेगा।
अभी वाइजर के लिए घटिया प्लासटिक का इस्तेमाल होता है। अब नए डिजाइन के हेलमेट में ठोस क्वालिटी के प्लासटिक शीशे का इस्तेमाल होगा, जिससे वाहन चालक को अंधेरे में भी साफ दिखाई देगा। हेलमेट में नीचे की तरफ स्ट्रैप और लॉक होता है। फिलहाल यह भी काफी कमजोर होता है, जिसके कारण अकसर हादसे के वक्त टूट जाता है। इससे हेलमेट के सिर से निकलकर बाहर आने के चांस रहते है, जिससे गंभीर चोट लग जाती है। इस स्ट्रैप को भी काफी मजबूत किया गया है, ताकि इस तरह की दिक्कत वाहन चालक को नहीं आए।
मार्केट में बिक रहे हेलमेट में है ये खामियां
अभी मार्केट में जो सस्ते हेलमेट बिक रहे हैं उनमें कई तरह की खामियां हैं। अच्छे सिक्युरिटी फीचर्स के साथ मौजूद नामी कंपनियों के हेलमेट इतने महंगे हैं कि उनको खरीदना आम आदमी के वश में नहीं है। अभी जो हेलमेट बाजार में बिक रहे हैं उनका वजन 500 ग्राम से शुरू होकर के 2.5 किलो तक है।
इसके अलावा गर्मी के मौसम में काफी पसीना भी आता है जिससे सिर के बाल भी झड़ने लगते हैं। इस तरह के हेलमेट से धूल-मिट्टी से भी बचाव न के बराबर होता है। हेलमेट के पेडिंग में भी बहुत कम होती है, जिससे झटके लगने का चांस हमेशा रहता है। हेलमेट के आगे लगा प्लासटिक की शीशा (वाइजर) भी अच्छी क्वालिटी का नहीं होता है जिससे आंखों पर असर पड़ता है।