{"_id":"68b05d7ec716b434e404c7f9","slug":"not-just-information-fair-and-correct-information-should-reach-investors-process-should-be-improved-2025-08-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"SEBI: 'निवेशकों तक सिर्फ जानकारी नहीं, निष्पक्ष व सही सूचना पहुंचे', सेबी अधिकारी बोले- प्रक्रिया में हो सुधार","category":{"title":"Business Diary","title_hn":"बिज़नेस डायरी","slug":"business-diary"}}
SEBI: 'निवेशकों तक सिर्फ जानकारी नहीं, निष्पक्ष व सही सूचना पहुंचे', सेबी अधिकारी बोले- प्रक्रिया में हो सुधार
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रिया दुबे
Updated Thu, 28 Aug 2025 07:15 PM IST
सार
सेबी के कॉर्पोरेट फाइनेंस डिपार्टमेंट के मुख्य महाप्रबंधक राजेश डांगेटी ने कंपनियों की ओर से दी गई जानकारियों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कंपनियों की ओर से स्टॉक एक्सचेंजों को किए गए कई खुलासे अधूरे और कुछ कल्पना के लिए छोड़ने वाले होते हैं। साथ ही उन्होंने खुलासे की समय-सीमा को बदलने पर जोर दिया।
विज्ञापन
SEBI
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
कंपनियों की ओर से स्टॉक एक्सचेंजों किए गए कई खुलासे अधूरे और कुछ कल्पना के लिए छोड़ने वाले होते हैं। राजधानी दिल्ली में एक सम्मेलन के दौरान सेबी के कॉर्पोरेट फाइनेंस डिपार्टमेंट के मुख्य महाप्रबंधक राजेश डांगेटी ने यह टिप्पणी की।
Trending Videos
ये भी पढ़ें: IIP: जुलाई 2025 में देश का औद्योगिक उत्पादन 3.5% बढ़ा, सरकार की ओर से आंकड़े जारी
विज्ञापन
विज्ञापन
जानकारी निष्पक्ष और आसान हो
उन्होंने जोर देकर कहा कि कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निवेशकों तक जानकारी न सिर्फ समय पर पहुंचे बल्कि साफ, निष्पक्ष और आसानी से समझ आने वाली हो। डांगेटी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या कुछ खुलासों के लिए समय-सीमा को कम करने की गुंजाइश है, जो वर्तमान में तिमाही आधार पर किए जाते हैं।
खुलासे केवल कागजों तक सीमित न हो
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से, जब मैं स्टॉक एक्सचेंजों में दिए जा रहे खुलासों को देखता हूं, तो पाता हूं कि हां, कागजों पर खुलासा होता है। लेकिन भावना के स्तर पर, क्या खुलासा होता है। मुझे लगता है कि इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए।
समय पर खुलासा करने पर दिया जोर
डांगेटी ने कहा कि वे श्रोताओं के समक्ष कुछ विचार छोड़ना चाहेंगे, और अब समय आ गया है कि तिमाही आधार पर किए जाने वाले खुलासों की आवृत्ति को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि आज, हमारे पास एक डिपॉजिटरी तंत्र है जो अच्छी तरह से काम कर रहा है। हमारे पास ऐसी तकनीक है जिसे सभी कंपनियां उत्तरोत्तर अपना रही हैं। लेकिन अभी भी हम ऐसे चरण में हैं जहां बहुत सारे खुलासे, जिनमें शेयरहोल्डिंग पैटर्न, वित्तीय विवरण शामिल हैं, संभवतः तिमाही आधार पर दिए जा रहे हैं। यह कॉर्पोरेट जगत को सोचना चाहिए। सेबी नियमों के मुताबिक, सूचीबद्ध कंपनियों को समय-समय पर अनिवार्य खुलासे करने होते हैं ताकि खासकर छोटे निवेशकों के हित सुरक्षित रह सकें।
सेबी ने साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन ढांचे पर दिया स्पष्टीकरण
बाजार नियामक सेबी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन ढांचा (सीएससीआरएफ) केवल उन्हीं प्रणालियों पर लागू होता है जिनका उपयोग विशेष रूप से उसकी विनियमित गतिविधियों के लिए किया जाता है।
सेबी ने कहा है कि यदि साझा बुनियादी ढांचे को पहले से ही आरबीआई या किसी अन्य नियामक की ओर से कवर नहीं किया गया है तो उसका भी ऑडिट किया जाएगा। इसके अलावा, यदि विनियमित संस्थाएं (आरई) आरबीआई (या अन्य नियामक) साइबर सुरक्षा नियमों का अनुपालन करती हैं जो सेबी के समतुल्य हैं, तो ऐसे अनुपालन को बाजार नियामक स्वीकार करेगा।
अपने परिपत्र में सेबी ने महत्वपूर्ण प्रणालियों की परिभाषा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला है, जिसमें कहा गया है कि इसमें वे सभी प्रणालियां शामिल हैं जो मुख्य परिचालनों को प्रभावित करती हैं, विनियामक डेटा को संग्रहीत या प्रेषित करती हैं, ग्राहक-संबंधी अनुप्रयोग, इंटरनेट-संबंधी प्रणालियां और उसी नेटवर्क पर अन्य प्रणालियां शामिल हैं।
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
विज्ञापन
विज्ञापन