फर्जी NRI पर आयकर विभाग ने कसा शिकंजा, नोटिस भेज मांगी जानकारी
आयकर विभाग ने फर्जी एनआरआई पर अपना शिकंजा कस दिया है, जो टैक्स बचाने के लिए विभाग को गलत जानकारी देते हैं। विभाग ऐसे लोगों का पता लगाकर नोटिस भेज रहे हैं।
छह साल पुराने केस होंगे रि-ओपन
विभाग जो नोटिस भेज रहा है, उनमें ऐसे लोगों के छह साल पुराने असेसमेंट को भी रि-ओपन किया जाएगा। ऐसे लोगों से विभाग पासपोर्ट की फोटोकॉपी को भी शेयर करने के लिए कहा है।
कौन होता है एनआरआई
कोई भारतीय नागरिक जो एक साल में 182 दिन देश से बाहर रहता है, उसको एनआरआई कहा जाता है। हालांकि देश के अंदर एक साल में 60 दिन से ज्यादा रहने पर और चार साल में 365 दिन रहने वाले रेजिडेंट का स्टेटस मिलता है।
टैक्स बचाने के लिए ऐसे करते हैं प्लान
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर नागरिक टैक्स बचाने के लिए भारत और विदेश में बिताए गए समय को सावधानी से चुनते हैं। भारत के बाहर से कमाई करने पर एनआरआई से कोई टैक्स नहीं लगता है, जबकि रेजिडेंट को विश्व के अन्य देश से कमाई होने पर भारत में टैक्स देना पड़ता है। अभी देखा जा रहा है कि बहुत से लोग एनआरआई बताकर टैक्स की चोरी कर लेते हैं, जबकि वो विदेश में नियमों के हिसाब से कम दिन रहकर के आए होते हैं।
बजट में दिया गया प्रस्ताव
बजट में प्रस्ताव दिया गया है कि काले धन कानून में एनआरआई को भी असेसी के तौर पर लाया जाए। आयकर विभाग ऐसे सभी मामलों की जांच करेगा और यह देखेगा कि कहीं टैक्स चोरी के लिए तो ऐसा नहीं किया जा रहा।आयकर विभाग ने टीडीएस प्रमाणपत्र यानी फार्म 16 को संशोधित किया है, इसमें मकान से आय और अन्य नियोक्ताओं से प्राप्त पारितोषिक समेत विभिन्न बातों को जोड़ा गया है। इसमें विभिन्न टैक्स सेविंग योजनाओं, टैक्स बचत उत्पादों में निवेश के संदर्भ में टैक्स कटौती, कर्मचारी द्वारा प्राप्त विभिन्न भत्ते के साथ अन्य स्रोत से प्राप्त आय के संदर्भ में अलग-अलग सूचना भी शामिल होगी।