Share Market: निवेशकों को घोटालों से सतर्क करने के लिए NSE और सेबी का बड़ा कदम, विश्व निवेशक सप्ताह की शुरुआत
निवेशकों को शेयर मार्केट में निवेश की बुनियादी बातों और धोखाधड़ी व घोटालों की जानकारी देने के लिए सेबी और एनएसई ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत विश्व निवेशक सप्ताह 2025 की शुरुआत की गई है।
विस्तार
नेश्नल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई ) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मिलकर विश्व निवेशक सप्ताह 2025 की शुरुआत की है। इसके तहत सेबी और एनएसई मिलकर निवेशकों को शेयर मार्केट से जुड़ी जानकारी के साथ निवेश की बुनियादी बातों और धोखाधड़ी व घोटालों की रोकथाम के लिए जानकारी और जागरुकता प्रदान करेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेबी अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक सर्वे में पाया कि निवेश करने वाले 80 प्रतिशत भारतीय परिवार अधिक इक्विटी जोखिम लेने के बजाए, पूंजी का संरक्षण सुनिश्चित करना चाहते हैं।
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9.5% भारतीय परिवारों ने इक्विटी में निवेश किया
कांत ने कहा कि 9.5 प्रतिशत भारतीय परिवारों या कहें 3.2 करोड़ परिवारों ने इक्विटी उत्पादों में निवेश किया है या वर्तमान में निवेश कर रहे हैं। इनमें से 60 प्रतिशत निवेशक है और बाकी निष्क्रिय है। उन्होंने कहा सर्वे में सेबी ने पाया कि वर्तमान में देश में 33.7 करोड़ परिवार है और शेष 90.5 प्रतिशत परिवारों में से 53.5 प्रतिशत ऐसे हैं, जो वित्तीय उत्पादों के बारे में जानते हैं लेकिन निवेश नहीं करते हैं। 37 प्रतिशत से अधिक परिवार बाजार उत्पादों को जानते ही नहीं है। ऐसे में वित्तीय जागरुकता कितनी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसमें कोई भी गलत जगह निवेश कर धोखाधड़ी का शिकार न बनें। इसलिए सेबी के सारथी एप के जरिए कई टूल्स शुरू किए गए है।
सारथी एप की विशेषता
पांडे ने कहा, सेबी के सारथी एप के जरिए निवेशक सही एकाउंट को वेरिफाइ कर सकेंगे। सही एकाउंट जहां वे निवेश के लिए पैसे ट्रांस्फर करते है, सही एकाउंट पर हरे रंग का निशान होगा। दूसरा यूपीआई खाते से ही ट्रांस्जेक्श किए जाने पर जोर होगा। तीसरा सेबी रजिस्ट्रर एप के साथ ही शेयर बाजार में निवेश करने की जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा, सोशल मीडिया, मोबाइल एप और नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों में निवेश की बुनियादी बातों और धोखाधड़ी व घोटालों की रोकथाम की जानकारी दी जाएगी। सेबी के रिजनल ऑफिस, जो कि छोटे शहरों में मौजूद हैं, वहां अधिकारियों को नियुक्त कर निवेशकों की परेशानियों को दूर किया जाएगा।